भारत का निर्वाचन आयोग | 12 Mar 2024
स्रोत: इंडियन एक्स्प्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के निर्वाचन आयुक्त ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले अपने पद से त्याग-पत्र दे दिया।
भारत का निर्वाचन आयोग क्या है?
- परिचय:
- भारतीय निर्वाचन आयोग, एक स्वायत्त सांविधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य निर्वाचन प्रक्रियाओं के प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार है।
- इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को संविधान के अनुसार की गई थी (राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है)। आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में है।
- यह निकाय भारत में लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्य विधानसभाओं तथा देश में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिये निर्वाचन का प्रबंधन करता है।
- इसका राज्यों में पंचायतों एवं नगर पालिकाओं के निर्वाचन से कोई सरोकार नहीं है। इसके लिये भारत का संविधान एक अलग राज्य चुनाव आयोग का प्रावधान करता है।
- भारतीय निर्वाचन आयोग, एक स्वायत्त सांविधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य निर्वाचन प्रक्रियाओं के प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार है।
- संवैधानिक प्रावधान:
- भाग XV (अनुच्छेद 324-329): यह निर्वाचन से संबंधित है और इन मामलों के लिये एक आयोग की स्थापना करता है।
- अनुच्छेद 324: निर्वाचन हेतु अधीक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण एक चुनाव आयोग में निहित किया जाएगा।
- अनुच्छेद 325: कोई भी व्यक्ति धर्म, नस्ल, जाति अथवा लिंग के आधार पर किसी विशेष मतदाता सूची में शामिल होने या शामिल होने का दावा करने के लिये अयोग्य नहीं होगा।
- अनुच्छेद 326: लोक सभा एवं राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचन वयस्क मताधिकार पर आधारित होंगे।
- अनुच्छेद 327: विधायिकाओं के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति।
- अनुच्छेद 328: किसी राज्य के विधानमंडल की ऐसे विधानमंडल के लिये निर्वाचन के संबंध में प्रावधान करने की शक्ति।
- अनुच्छेद 329: निर्वाचन के मामलों में न्यायालयों द्वारा हस्तक्षेप पर रोक।
- ECI की संरचना:
- मूल रूप से आयोग में केवल एक चुनाव आयुक्त थे लेकिन चुनाव आयुक्त संशोधन अधिनियम 1989 के बाद इसे एक बहु-सदस्यीय निकाय बना दिया गया।
- चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) तथा अन्य चुनाव आयुक्त, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा समय-समय पर चुना जाता है वे भी इसमें शामिल होंगे।
- वर्तमान में इसमें CEC और दो चुनाव आयुक्त (EC) शामिल हैं।
- राज्य स्तर पर चुनाव आयोग को मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
- आयुक्तों की नियुक्ति एवं कार्यकाल:
- राष्ट्रपति CEC और अन्य EC (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 के अनुसार CEC और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करता है।
- उनका छह साल का एक निश्चित कार्यकाल होता है या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो)।
- CEC और EC का वेतन तथा सेवा शर्तें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होंगी।
- निष्कासन:
- वे कभी भी त्याग-पत्र दे सकते हैं या उन्हें उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले भी हटाया जा सकता है।
- मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया की तरह ही पद से हटाया जा सकता है।
- सीमाएँ:
- संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों की योग्यता (कानूनी, शैक्षिक, प्रशासनिक या न्यायिक) निर्धारित नहीं की गई है।
- संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों के कार्यकाल को निर्दिष्ट नहीं किया गया है।
- संविधान ने सेवानिवृत्त हो रहे चुनाव आयुक्तों को सरकार द्वारा किसी और नियुक्ति से वंचित नहीं किया है।
अनूप बरनवाल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस, 2023
- सर्वोच्च न्यायालय की पाँच-न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से निर्णय सुनाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति की सलाह पर की जाएगी।
- यदि विपक्ष का कोई नेता उपस्थित नहीं है, तो संख्या बल के आधार पर लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता ऐसी समिति का हिस्सा होगा।
- संसद ने अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ मामले, 2023 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के प्रत्युत्तर में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें एवं कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 पारित किया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:Q. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) मेन्स:Q. आदर्श आचार-संहिता के उद्भव के आलोक में, भारत के निर्वाचन आयोग की भूमिका का विवेचन कीजिये। (2022) |