दूरदर्शन का लोगो | 30 Apr 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हल ही में राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन (डी.डी.) ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो का रंग लाल से बदलकर केसरिया कर दिया है।
- राजनीतिक दलों ने सार्वजनिक प्रसारक पर सत्तारूढ़ राजनीतिक दल से निकटता से जुड़े रंग को अपनाने का आरोप लगाया, खासकर इसलिये क्योंकि यह बदलाव चुनाव प्रक्रिया के बीच में किया गया था। डी.डी. ने कहा कि परिवर्तन केवल दृश्य सौंदर्यशास्त्र (Visual aesthetics) में से एक था।
दूरदर्शन का इतिहास क्या है?
- परिचय
- दूरदर्शन भारत सरकार द्वारा स्थापित एक स्वायत्त सार्वजनिक सेवा प्रसारक (Broadcaster) है, जो प्रसार भारती के दो प्रभागों में से एक है।
- प्रसार भारती एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है (प्रसार भारती अधिनियम, 1997 के तहत) यह देश का सार्वजनिक सेवा प्रसारक है।
- इसका मुख्य उद्देश्य जनता को शिक्षित करने और मनोरंजन करने के लिये दूरदर्शन तथा आकाशवाणी को स्वायत्तता प्रदान करना है।
- इसे पहली बार सार्वजनिक सेवा प्रसारण सेवा के रूप में 15 सितंबर, 1959 को शुरू किया गया था।
- यह 1965 में सुबह और शाम के शो के दैनिक प्रसारण के साथ एक प्रसारक बन गया, जिसका प्रसारण दिल्ली में हुआ।
- 1 अप्रैल, 1976 को यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ गया और 1982 में ‘दूरदर्शन’ के नाम से राष्ट्रीय प्रसारक बन गया।
- वर्तमान में दूरदर्शन 6 राष्ट्रीय और 17 क्षेत्रीय चैनल संचालित करता है।
- दूरदर्शन की मशहूर धुन सितार वादक पंडित रविशंकर तथा शहनाई वादक उस्ताद अली अहमद हुसैन खान द्वारा रचित थी और इसे पहली बार 1 अप्रैल, 1976 को प्रसारित किया गया था।
- लोगो का इतिहास:
- मूल 'आई' लोगो को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (National Institute of Design) के देवाशीष भट्टाचार्य द्वारा डिज़ाइन किया गया था।
- इसके लोगो को 1970 के दशक की शुरुआत में कुछ डिज़ाइन विकल्पों में से एक के रूप में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा चुना गया था।
- दो वक्र विरोधाभासी और अविभाज्य विरोधाभासों के प्राचीन चीनी दर्शन, यिन व यांग के क्लासिक चित्रण की भिन्नता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- सत्यम शिवम सुंदरम (सच्चाई, अच्छाई, सौंदर्य), लोगो के शुरुआती संस्करणों में टैगलाइन, बाद के रूपांतरणों में हटा दी गई थी।
- मूल 'आई' लोगो को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (National Institute of Design) के देवाशीष भट्टाचार्य द्वारा डिज़ाइन किया गया था।