रक्षा अधिग्रहण परिषद | 17 Mar 2023
रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council- DAC) ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक हेतु 70,500 करोड़ रुपए के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिये 'बाय इंडियन-IDDM’ (स्वदेशी रूप से डिज़ाइन, विकसित और निर्मित) के तहत आवश्यकतानुसार स्वीकृति (Acceptance of Necessity- AoN) को मंज़ूरी दी।
अधिग्रहण प्रस्तावों की प्रमुख विशेषताएँ:
- भारतीय नौसेना:
- कुल प्रस्तावों में से भारतीय नौसेना के प्रस्तावों में 56,000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रस्ताव है, जिसमें बड़े पैमाने पर स्वदेशी ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल, शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम, यूटिलिटी हेलीकॉप्टर-मैरीटाइम शामिल हैं।
- वायु सेना:
- भारतीय वायु सेना के लिये लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ हथियारों को मंज़ूरी मिली है, जिसे SU-30 MKI विमान में एकीकृत किया जाना है।
- सेना:
- साथ ही भारतीय सेना के लिये 155mm/52 कैलिबर एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) के साथ-साथ हाई मोबिलिटी और गन टोइंग व्हीकल्स की खरीद की जाएगी।
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स:
- DAC द्वारा की गई इस घोषणा का हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स एक बड़ा लाभार्थी है, क्योंकि यह भारतीय तटरक्षक को एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) MK-III की आपूर्ति करेगा। यह हेलीकाप्टर निगरानी सेंसर का पैकेज़ ले जाने में सक्षम होगा जो भारतीय तटरक्षक बल के संचालन के लिये पूरी रात कार्य करने की और निगरानी क्षमताओं में वृद्धि करेगा।
- मध्यम गति के समुद्री डीज़ल इंजन:
- मेक-I कैटेगरी के तहत मध्यम गति के समुद्री डीज़ल इंजन का निर्माण स्वदेश में किया जाएगा।
रक्षा अधिग्रहण परिषद:
- DAC रक्षा मंत्रालय में तीनों सेवाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) तथा भारतीय तटरक्षक हेतु नई नीतियों एवं पूंजी अधिग्रहण पर निर्णय लेने के लिये सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।
- रक्षा मंत्री परिषद का अध्यक्ष होता है।
- कारगिल युद्ध (1999) के बाद वर्ष 2001 में 'राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार' पर मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के बाद इसका गठन किया गया था।