प्रारंभिक परीक्षा
एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस)
- 16 Aug 2022
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हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेश में विकसित होवित्ज़र तोप ATAG लाल किले पर 21 तोपों की सलामी का हिस्सा बनी।
एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS)
- परिचय:
- ATAGS स्वदेशी 155 मिमी x 52 कैलिबर की होवित्ज़र तोप है।
- होवित्ज़र लंबी दूरी की तोपों की श्रेणी के लिये व्यापक शब्द है।
- इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है, जिसकी पुणे स्थित सुविधा आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) नोडल एजेंसी है।
- ATAGS परियोजना की शुरुआत वर्ष 2013 में DRDO द्वारा भारतीय सेना में पुरानी तोपों को आधुनिक 155 मिमी. आर्टिलरी गन से बदलने के लिये की गई थी।
- विशेषताएँ:
- ATAGS की आयुध प्रणाली में मुख्य रूप से बैरल, ब्रीच मैकेनिज्म, मज़ल ब्रेक और रिकॉइल मैकेनिज़्म शामिल है, जो सेना द्वारा लंबी दूरी और सटीकता के साथ 155 मिमी कैलिबर गोला बारूद को फायर करता है और सेना को अधिक मारक क्षमता प्रदान करता है।
- लंबे समय तक रखरखाव मुक्त और विश्वसनीय संचालन सुनिश्चित करने के लिये ATAGS को सभी इलेक्ट्रिक ड्राइव के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है।
- इसमें उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, सहायक पावर मोड, उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली के साथ रात में सीधे फायर मोड में फायरिंग क्षमता के मामले में उन्नत विशेषताएँ हैं।
- विशेष गन सिस्टम C4I (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) आर्टिलरी कॉम्बैट कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (ACCCS) के साथ संगत है, जिसे तकनीकी फायर कंट्रोल, फायर प्लानिंग, तैनाती प्रबंधन और सेना के परिचालन रसद प्रबंधन के लिये शक्ति कहा जाता है।
- भविष्य की भूमिका:
- DRDO द्वारा ATAGS की विकास प्रक्रिया पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड के उन्नत हथियार और उपकरण भारत के लिये हॉवित्जर धनुष के विकास के समान है।
- वर्ष 2019 में, सेना और रक्षा मंत्रालय ने 114 हॉवित्जर धनुष के उत्पादन के लिये थोक उत्पादन मंज़ूरी प्रदान की थी।
- आने वाले दिनों में, ATAGS और धनुष पुराने आर्टिलरी सिस्टम को सफलतापूर्वक प्रतिस्थापित कर देंगे।