LRS के तहत बाह्य प्रेषण में गिरावट | 22 Aug 2024

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) के हालिया आँकड़ों से पता चलता है कि उदारीकृत प्रेषण योजना (Liberalised Remittance Scheme- LRS) के तहत बाह्य प्रेषण में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घरेलू नीतिगत परिवर्तनों के प्रभाव को दर्शाती है।

  • जून 2024 में बाह्य प्रेषण 43.93% घटकर 2.181 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो जून 2023 में 3.890 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • विदेशी टूर पैकेजों पर 20% की दर से स्रोत पर कर संग्रहण (Tax Collection at Source- TCS) लागू करने से शिक्षा और चिकित्सा उपचार को छोड़कर अन्य खर्चों के लिये धन प्रेषण में कमी आई है।
    • कुल बहिर्वाह में यात्रा का योगदान 50% से अधिक रहा, जो जून 2023 में 1.482 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर जून 2024 में 1.275 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।
  • वैश्विक और घरेलू आर्थिक उतार-चढ़ाव तथा मुद्रास्फीति के कारण लोग गैर-आवश्यक स्थानांतरण कम कर रहे हैं, जिसके कारण बाह्य प्रेषण में गिरावट आ रही है।
  • बाह्य प्रेषण का अर्थ है भारत से किसी दूसरे देश या क्षेत्र में धन का हस्तांतरण। LRS विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 द्वारा शासित है और RBI द्वारा विनियमित है।
    • LRS नाबालिगों सहित व्यस्कों को यात्रा, चिकित्सा उपचार, शिक्षा, उपहार, दान, रिश्तेदारों के भरण-पोषण, तथा शेयरों, ऋण उपकरणों और विदेशों में अचल संपत्तियों में निवेश जैसे स्वीकार्य चालू या पूंजी खाता लेनदेन के लिये प्रति वित्तीय वर्ष 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक की धनराशि भेजने की अनुमति देता है।
  • TCS एक ऐसा कर है, जो विक्रेताओं द्वारा LRS के तहत विदेशी प्रेषण सहित विशिष्ट लेन-देन पर एकत्र किया जाता है। जब व्यक्ति विदेश में पैसा भेजते हैं, यात्रा करते हैं, तो TCS अधिकृत डीलर, आमतौर पर एक बैंक द्वारा एकत्र किया जाता है, और सरकार के पास जमा किया जाता है। यह विदेशी वित्तीय गतिविधियों पर कर अनुपालन सुनिश्चित करता है।
    • अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किये गए खर्च पर TCS लागू नहीं है।

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