प्रारंभिक परीक्षा
कोयला गैसीकरण
- 04 Jun 2024
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स्रोत: लाइव मिंट
कोयला मंत्रालय ने 8,500 करोड़ रुपए की वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना के हिस्से के रूप में कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिये सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के प्रतिभागियों से प्रस्तावों का अनुरोध किया।
- वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) एक वित्तीय व्यवस्था है जिसका उपयोग उन परियोजनाओं का समर्थन करने के लिये किया जाता है जो आर्थिक रूप से उचित हैं लेकिन यह वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं हैं।
कोयला गैसीकरण क्या है?
- कोयला गैसीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो कोयले को सिंथेटिक गैस (सिनगैस) में परिवर्तित कर देती है, जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोजन (H2), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4) और जल वाष्प (H2O) जैसी गैसों का मिश्रण होता है। .
- कोयले को उच्च तापमान (आमतौर पर 1,000-1,400 डिग्री सेल्सियस) पर नियंत्रित मात्रा में ऑक्सीजन और भाप के साथ प्रतिक्रिया की जाती है।
- सिनगैस का उपयोग उर्वरक, ईंधन, सॉल्वैंट्स और सिंथेटिक सामग्री की एक विस्तृत शृंखला का उत्पादन करने के लिये किया जा सकता है।
- प्रक्रिया इस प्रकार है:
- निर्माण: कोयले को उसके सतह क्षेत्र को बढ़ाने और प्रक्रिया के दौरान रासायनिक अभिक्रियाओं को बढ़ाने के लिये बारीक पाउडर में परिवर्तित किया जाता है।
- गैसीकरण रिएक्टर: बारीक पाउडर के रूप में कोयले को सीमित ऑक्सीजन या वायु एवं भाप के साथ उच्च तापमान तथा उच्च दाब वाले रिएक्टर में डाला जाता है।
- रासायनिक अभिक्रियाएँ: पूर्ण दहन के लिये पर्याप्त ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, कोयला जटिल रासायनिक अभिक्रियाओं की एक शृंखला से गुजरता है।
- ये अभिक्रियाएँ कोयले के अणुओं को सिंथेटिक गैस के घटकों में परिवर्तित कर देती हैं।
- गैस की सफाई: रिएक्टर से उत्पादित कच्चे सिंथेटिक गैस में टार, सल्फर और धूल जैसी अशुद्धियाँ होती हैं। सिंथेटिक गैस का आगे उपयोग करने से पहले इन अशुद्धियों को गैस सफाई प्रक्रिया के माध्यम से हटाने की आवश्यकता होती है।
- कोयला गैसीकरण के लाभ:
- कोयला दहन का स्वच्छ विकल्प: कोयला गैसीकरण विद्युत के लिये कोयले की तुलना में अधिक स्वच्छ तरीके से दहन होता है। यह विद्युत उत्पादन के लिये गैस का उपयोग करने से पहले प्रदूषकों को कैप्चर कर लेता है।
- सिंथेटिक गैस उपयोग: उत्पादित सिंथेटिक गैस का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है, जिसमें विद्युत उत्पादन, हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ ईंधन का उत्पादन एवं अमोनिया तथा मेथनॉल जैसे रसायनों का उत्पादन शामिल है।
नोट
- विद्युत और अन्य क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के बाद भविष्य में घरेलू कोयले के अपेक्षित अधिशेष के कारण सरकार कोयले से रसायन एवं गैसीकरण प्रक्रियाओं को बढ़ावा दे रही है।
- भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ 100 मिलियन टन (MT) कोयला गैसीकरण करना है।
- VGF के अतिरिक्त, सरकार 2 तरीकों से कोयला उद्योग का समर्थन कर रही है:
- दीर्घकालिक लिंकेज विंडो: इससे कोयला उत्पादकों के लिये एक स्थिर बाज़ार बनता है।
- गैसीकरण के लिये कोयले का उपयोग: कोयला खदान मालिक अपने कोयले का उपयोग गैसीकरण परियोजनाओं के लिये कर सकते हैं और राजस्व साझाकरण पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- वित्त वर्ष 2024 में कोयला और लिग्नाइट का उत्पादन 1 बिलियन टन तक पहुँच गया, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिये 1.08 बिलियन टन का लक्ष्य रखा गया है।
- भारत में विश्व का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है, जिसका भंडार 361.41 बिलियन टन है।
- शीर्ष 3 कोयला भंडार: अमेरिका, रूस तथा ऑस्ट्रेलिया।
- शीर्ष 3 कोयला उत्पादन: चीन, भारत तथा अमेरिका।
और पढ़ें…कोयला गैसीकरण, कोयला रसद योजना एवं नीति
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारतीय कोयले का/के अभिलक्षण है/हैं? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) |