CAR टी-सेल थेरेपी | 09 Feb 2023
कैंसर के मुख्य उपचार सर्जरी, रेडियोथेरेपी और सिस्टमिक थेरेपी हैं।
- समय के साथ सर्जरी और रेडियोथेरेपी में सुधार हुआ है, हालाँकि प्रणालीगत चिकित्सा में विशेष रूप से प्रभावशाली प्रगति रही है, हाल ही में काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (Chimeric Antigen Receptor- CAR) T-सेल थेरेपी की सफलता ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।
कैंसर उपचार की प्रणालीगत चिकित्सा में प्रमुख हस्तक्षेप:
- सिस्टमिक थेरेपी कीमोथेरेपी से शुरू हुई, जो कैंसर कोशिकाओं की तेज़ी से वृद्धि को रोकती है।
- कीमोथेरेपी दवाओं की सीमित सफलता और अधिक दुष्प्रभाव देखे गए हैं क्योंकि वे शरीर में कई प्रकार की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं।
- अगला कदम लक्षित एजेंटों का विकास करना था, जिन्हें इम्यूनोथेरेपी के रूप में भी जाना जाता है, यह कैंसर या इसके विकास में सहायक प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर लक्षित नियंत्रण प्राप्त कर इनकी वृद्धि को कम करती है।
- इसका दुष्प्रभाव देखा गया है क्योंकि यह गैर-ट्यूमर कोशिकाओं को कम प्रभावित करती है क्योंकि यह केवल उन ट्यूमर पर काम करती है जिनके लिये इसे लक्षित किया गया है।
CAR T-सेल थेरेपी:
- परिचय:
- CAR T-सेल थेरेपी कैंसर के इलाज में एक बड़ी सफलता है।
- कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी, जिसमें ड्रग्स लेना शामिल है, के विपरीत CAR T-सेल थेरेपी रोगी की कोशिकाओं का उपयोग करती है। उन्हें टी-कोशिकाओं को सक्रिय करने और ट्यूमर कोशिकाओं को लक्षित करने हेतु इनको प्रयोगशाला में संशोधित किया जाता है।
- ल्यूकेमिया (श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाले कैंसर) और लिम्फोमा (लसीका प्रणाली से उत्पन्न होने वाले) के लिये CAR T-सेल थेरेपी को मंज़ूरी दी गई है।
- CAR T-सेल थेरेपी कैंसर के इलाज में एक बड़ी सफलता है।
- प्रक्रिया:
- टी कोशिकाओं को एक रोगी के रक्त से लिया जाता है और फिर एक विशेष रिसेप्टर के जीन को प्रयोगशाला में T- कोशिकाओं से संयोजित किया जाता है जो रोगी की कैंसर कोशिकाओं पर एक निश्चित प्रोटीन को लक्षित करता है।
- विशेष रिसेप्टर को काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR) कहा जाता है। बड़ी संख्या में CAR T- कोशिकाएँ प्रयोगशाला में सृजित की जाती हैं और इन्फ्यूज़न द्वारा रोगी को दी जाती हैं।
- टी कोशिकाओं को एक रोगी के रक्त से लिया जाता है और फिर एक विशेष रिसेप्टर के जीन को प्रयोगशाला में T- कोशिकाओं से संयोजित किया जाता है जो रोगी की कैंसर कोशिकाओं पर एक निश्चित प्रोटीन को लक्षित करता है।
- महत्त्व:
- CAR T-सेल थेरेपी लक्षित एजेंटों की तुलना में और भी अधिक विशिष्ट है एवं कैंसर से लड़ने के लिये रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को सीधे प्रेरित करती हैं, जिससे अधिक नैदानिक प्रभावकारिता बढ़ जाती है।
- इसलिये उन्हें "जीवित दवाएँ" कहा जाता है।
- CAR T-सेल थेरेपी लक्षित एजेंटों की तुलना में और भी अधिक विशिष्ट है एवं कैंसर से लड़ने के लिये रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को सीधे प्रेरित करती हैं, जिससे अधिक नैदानिक प्रभावकारिता बढ़ जाती है।
- चुनौतियाँ:
- तैयारी:
- CAR T-सेल थेरेपी तैयार करने में होने वाली कठिनाई इसके व्यापक उपयोग में एक बड़ी बाधा रही है।
- इसका पहला सफल नैदानिक परीक्षण एक दशक पहले प्रकाशित हुआ था और भारत में पहली स्वदेशी विकसित चिकित्सा वर्ष 2021 में शुरू की गई थी।
- दुष्प्रभाव:
- कुछ प्रकार के ल्यूकेमिया और लिम्फोमा में प्रभावकारिता 90% तक होती है, जबकि अन्य प्रकार के कैंसर में यह काफी कम होती है।
- संभावित दुष्प्रभाव के अंतर्गत साइटोकिन रिलीज़ सिंड्रोम (प्रतिरक्षा प्रणाली का व्यापक सक्रियण (Activation ) और शरीर की सामान्य कोशिकाओं को संपार्श्विक क्षति) तथा न्यूरोलॉजिकल लक्षण (गंभीर भ्रम, दौरे और बोल पाने में अक्षमता) शामिल हैं।
- लागत प्रभावी:
- लागत और मूल्य, भारत में CAR T-सेल थेरेपी की शुरुआत की प्रमुख चुनौतियाँ हो सकती हैं।
- आलोचकों का तर्क है कि भारत में CAR T-सेल थेरेपी विकसित करना लागत प्रभावी नहीं हो सकता है क्योंकि यह अभी अधिकांश लोगों के लिये अवहनीय है।
- तैयारी:
T-सेल:
- T-कोशिकाएँ, जिन्हें T-सेल लिम्फोसाइट्स के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएँ हैं जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाती हैं।
- T-कोशिकाएँ कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा में शामिल होती हैं, जिसका अर्थ है कि वे शरीर को विदेशी तत्त्वों, जैसे- वायरस, बैक्टीरिया और कैंसर कोशिकाओं जैसे असामान्य कोशिकाओं को पहचानने तथा प्रतिक्रिया प्रदान करने में मदद करती हैं।
- T-कोशिकाएँ प्रमुखतः दो प्रकार की होती हैं: हेल्पर T-सेल और साइटोटॉक्सिक T-सेल।
- जैसा कि नाम से स्पष्ट है, सहायक T-कोशिकाएँ प्रतिरक्षा प्रणाली की अन्य कोशिकाओं की 'मदद' करती हैं, जबकि साइटोटोक्सिक T-कोशिकाएँ विषाणु से संक्रमित कोशिकाओं और ट्यूमर को नष्ट करती हैं।
कैंसर के उपचार से संबंधित सरकारी पहल:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, मानव शरीर में B कोशिकाओं और T कोशिकाओं की भूमिका का सर्वोत्तम वर्णन है? (2022) (a) वे शरीर को पर्यावरण प्रत्यूर्जकों (एलार्जनों) से संरक्षित करती हैं। उत्तर: D |