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शासन व्यवस्था

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस

  • 07 Nov 2020
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण

मेन्स के लिये:

कैंसर से संबंधित भारत सरकार की नीतियाँ 

चर्चा में क्यों?

देश में प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day) मनाया जाता है ताकि जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिये शुरुआती कैंसर का पता लगाने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। 

प्रमुख बिंदु:

  • कैंसर (Cancer): यह बीमारियों का एक बड़ा समूह है जिसमें असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं तथा शरीर में अपने आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करने या अन्य अंगों में फैलने के लिये अपनी सामान्य सीमाओं को पार कर जाती हैं। यह शरीर के किसी भी अंग या ऊतक में शुरू हो सकती है। इस बीमारी में अंतिम अवस्था को मेटास्टेसाइज़िंग (Metastasizing) कहा जाता है और यह कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।
    • कैंसर के अन्य सामान्य नाम नियोप्लाज़्म (Neoplasm) और मैलिग्नेंट ट्यूमर (Malignant Tumor) हैं।  
    • फेफड़े, प्रोस्टेट (Prostate), कोलोरेक्टल (Colorectal), पेट एवं यकृत का कैंसर पुरुषों में सबसे आम हैं, जबकि स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, ग्रीवा एवं थायरॉयड का कैंसर महिलाओं में सबसे आम हैं।
  • कैंसर भारत सहित दुनिया भर में जीर्ण एवं गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases- NCD) की वजह से होने वाली बीमारियों एवं मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कैंसर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है और वर्ष 2018 में विश्व स्तर पर लगभग 18 मिलियन मामले कैंसर से संबंधित थे जिनमें से 1.5 मिलियन मामले अकेले भारत से थे।
  • वर्ष 2018 में वैश्विक स्तर पर 9.58 मिलियन के मुकाबले भारत में लगभग 0.8 मिलियन मौतें कैंसर से हुईं। वर्ष 2040 तक भारत में नए मामलों की संख्या दोगुनी होने का अनुमान जताया गया है।
  • कैंसर के कारण होने वाली मौतों को रोका जा सकता है: मुख्य जोखिम कारकों को छोड़कर कैंसर से होने वाली 30-50% मौतों को रोका जा सकता है। प्रमुख जोखिम वाले कारकों में तंबाकू का उपयोग, शराब का उपयोग, असंतुलित आहार, पराबैंगनी विकिरण का संपर्क, प्रदूषण, पुराने संक्रमण आदि शामिल हैं।
  • कैंसर का उपचार: कैंसर के उपचार के विकल्प के रूप में सर्जरी, कैंसर की दवाएँ या रेडियोथेरेपी शामिल हैं। 
    • उपशामक देखभाल (Palliative Care) जो रोगियों एवं उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है, कैंसर देखभाल का एक अनिवार्य घटक है।
  • कैंसर से निपटने हेतु वैश्विक पहल:  वर्ष 1965 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक विशेष कैंसर एजेंसी के रूप में ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ (International Agency for Research on Cancer- IARC) का गठन विश्व स्वास्थ्य सभा के एक संकल्प द्वारा किया गया था। 
    • प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) मनाया जाता है।
  • भारत द्वारा शुरू की गई पहलें: भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission- NHM) के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोगों एवं स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases and Stroke- NPCDCS) को ज़िला स्तर पर लागू किया जा रहा है। 
  • आयुष्मान भारत के दायरे में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) को गरीब एवं कमज़ोर समूहों के स्वास्थ्य संबंधी वित्तीय बोझ को कम करने हेतु लागू किया जा रहा है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच प्रदान करेगा। इसके अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (National Cancer Grid- NCG): NCG देश भर में प्रमुख कैंसर केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों, रोगी समूहों एवं धर्मार्थ संस्थानों का एक नेटवर्क है, जिसका उद्देश्य कैंसर की रोकथाम, निदान एवं उपचार के लिये रोगियों की देखभाल के समान मानकों की स्थापना के साथ ऑन्कोलॉजी (Oncology) [कैंसर का अध्ययन] में विशेष प्रशिक्षण एवं शिक्षा तथा कैंसर में नैदानिक अनुसंधान की सुविधा प्रदान करना है। 
    •  राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (NCG) का गठन अगस्त 2012 में किया गया था।  
  • राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority- NPPA) ने कैंसर पीड़ित मरीज़ों के लिये स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक किफायती बनाने अर्थात् कैंसर-रोधी दवाओं की कीमतों को कम करने के लिये फरवरी 2019 में 42 एंटी कैंसर दवाओं के लिये व्यापार मार्जिन युक्तिकरण (Trade Margin Rationalisation) पर एक पायलट परियोजना लॉन्च की थी। इससे दवाओं की कीमतों में कमी आई है।

स्रोत: पीआईबी  

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