ब्रिक्स श्रम और रोज़गार मंत्रियों की बैठक 2022 | 15 Jul 2022
हाल ही में केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्री ने चीन की अध्यक्षता में आयोजित ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) श्रम और रोज़गार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया।
ब्रिक्स (BRICS):
- परिचय:
- ब्रिक्स दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिये एक संक्षिप्त शब्द है।
- वर्ष 2001 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ'नील ने ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन की चार उभरती अर्थव्यवस्थाओं का वर्णन करने के लिये BRIC शब्द गढ़ा।
- वर्ष 2006 में ब्रिक विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान समूह को औपचारिक रूप दिया गया था।
- दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद समूह ने BRICS का संक्षिप्त नाम अपनाया।
- BRICS का हिस्सा:
- ब्रिक्स विश्व के पाँच सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है, जो वैश्विक आबादी के 41%, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24% और वैश्विक व्यापार के 16% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- अध्यक्षता:
- ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता प्रतिवर्ष B-R-I-C-S क्रमानुसार सदस्य देश के सर्वोच्च नेता द्वारा की जाती है।
- वर्ष 2022 के लिये चीन इसका अध्यक्ष है।
प्रमुख बिंदु
- तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा की:
- सतत् विकास के लिये ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा देना।
- रेसिलिएंट रिकवरी के लिये कौशल विकास।
- रोज़गार के नए रूपों में श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना।
'ग्रीन जॉब्स'
- 'ग्रीन जॉब्स' नौकरियों के एक वर्ग को संदर्भित करता है जो सीधे ग्रह पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और समग्र पर्यावरण के सुधार में योगदान देता है।
- अक्षय ऊर्जा, संसाधनों के संरक्षण, ऊर्जा कुशल साधनों को सुनिश्चित करने वाली नौकरियों को इसके अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
- कुल मिलाकर इसका उद्देश्य आर्थिक क्षेत्रों के नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।
- कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था या डीकार्बोनाइज़ेशन की योजना काफी सरल है यह एक स्थायी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के बारे में है, जो कि ग्रीनहाउस गैसों, विशेष रूप से कार्बन डाइऑक्साइड के विशाल उत्सर्जन का कारण बनता है।
- भारत द्वारा उठाए गए कदम:
- इसमें महामारी के दौरान श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों को स्पष्ट किया।
- इसके तहत मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना) के तहत सुनिश्चित रोज़गार के दिनों की संख्या में वृद्धि, कोविड-19 महामारी के दौरान PMSVANidhi योजना के अंतर्गत अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने में मदद के लिये 2.9 मिलियन स्ट्रीट वेंडरों को संपार्श्विक मुक्त ऋण प्रदान किया गया।
- जलवायु परिवर्तन के लिये अधिक सतत् विकास और हरित नौकरियों की ओर एक बदलाव की आवश्यकता है।
- हरित क्षेत्र में कौशल विकास के लिये रणनीति विकसित करने और कार्यक्रमों को लागू करने के लिये भारत में ‘ग्रीन जॉब्स' हेतु एक सेक्टर काउंसिल की स्थापना की गई है।
- इसमें महामारी के दौरान श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों को स्पष्ट किया।
- स्वीकृत घोषणा:
- उक्त बैठक के महत्त्वपूर्ण परिणामों में से एक ब्रिक्स श्रम और रोज़गार मंत्रियों की घोषणा को अपनाना था।
- घोषणा में सतत् विकास के लिये ‘ग्रीन जॉब्स' को बढ़ावा देने, कौशल विकास में सहयोग को मज़बूत करने और रोज़गार के नए रूपों में श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
अन्य संबंधित पहल:
- ई-श्रम पोर्टल
- सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020
- संकल्प कार्यक्रम
- स्ट्राइव प्रोजेक्ट
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
- राष्ट्रीय कौशल विकास निगम