बिश्नोई, काला हिरण और चिंकारा | 22 Oct 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को वर्ष 1998 में कथित तौर पर काले हिरण (एंटीलोप सर्विकाप्रा ) का शिकार करने के लिये बिश्नोई समुदाय की आलोचना का सामना करना पड़ा।
बिश्नोई समुदाय के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- परिचय:
- बिश्नोई, मुख्य रूप से एक हिंदू संप्रदाय (ऐतिहासिक रूप से अंग्रेज़ों ने उन्हें मुस्लिम के रूप में वर्गीकृत किया था) है, जो पश्चिमी राजस्थान के थार रेगिस्तान में रहते हैं।
- बिश्नोई समुदाय, जिसकी स्थापना वर्ष 1451 ई. में जन्मे गुरु जम्भेश्वरजी द्वारा दिये गए 29 सिद्धांतों के आधार पर की गई थी, यह समुदाय वन्यजीवों, विशेषकर काले हिरणों और चिंकारा के संरक्षक हैं।
- इनमें से आठ सिद्धांत जीवित प्राणियों के प्रति करुणा और जैवविविधता की रक्षा पर ज़ोर देते हैं।
- अपने 29 सिद्धांतों के अतिरिक्त, गुरु जांभोजी ने 120 कथन या शब्दों का एक समूह की भी रचना की।
- बिश्नोई समुदाय की पर्यावरण के प्रति सजगता प्रकृति के लिये उनके ऐतिहासिक बलिदानों से उपजी हैं, जिनमें वर्ष 1730 का खेजड़ी नरसंहार भी शामिल है।
- वर्ष 1730 के खेजड़ी नरसंहार में, अमृता देवी के साथ 363 बिश्नोईयों ने महाराजा अभय सिंह (जोधपुर के महाराजा) के सैनिकों से खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। समुदाय ने शिकारियों और अवैध शिकारियों से थार के वन्यजीवों की भी रक्षा की है।
- संरक्षण:
- राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में वन्यजीव बिश्नोई समुदायों के आसपास स्थित हैं, जहाँ समुदाय द्वारा सक्रिय रूप से वनस्पतियों और जीवों की रक्षा की जाती है।
- बिश्नोई समुदाय विशेष रूप से काले हिरण, चिंकारा, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और खेजड़ी वृक्ष संरक्षण है।
काला हिरण कौन हैं?
- परिचय:
- काले हिरण (Antilope cervicapra) है, जिसे ‘भारतीय मृग’ (Indian Antelope) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत और नेपाल में मूल रूप से स्थानिक मृग की एक प्रजाति है।
- ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और अन्य क्षेत्रों (संपूर्ण प्रायद्वीपीय भारत) में व्यापक रूप से पाए जाते हैं।
- ये घास के मैदानों में सर्वाधिक पाए जाते हैं अर्थात् इसे घास के मैदान का प्रतीक माना जाता है।
- कृष्णमृग एक दैनंदिनी मृग (Diurnal Antelope) है अर्थात् यह मुख्य रूप से दिन के समय ज़्यादातर सक्रिय रहता है।
- मान्यता: इसे पंजाब, हरियाणा और आंध्र प्रदेश का राज्य पशु घोषित किया गया है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: यह हिंदू धर्म में पवित्रता का प्रतीक है क्योंकि इसकी त्वचा और सींग को पवित्र वस्तु माना जाता है। बौद्ध धर्म में यह सफलता (गुडलक) का प्रतीक है।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 अनुसूची
- IUCN स्थिति: कम चिंताजनक
- CITIES: परिशिष्ट III
- चिंताएँ:
- आवास विखंडन, वनों की कटाई, प्राकृतिक आपदाएँ, अवैध शिकार।
- संबंधित संरक्षित क्षेत्र:
- वेलावदार ब्लैकबक अभयारण्य- गुजरात
- प्वाइंट कैलिमेर वन्यजीव अभयारण्य- तमिलनाडु
- ताल छापर अभयारण्य- राजस्थान
चिंकारा क्या हैं?
- चिंकारा, या भारतीय गज़ेल (गज़ेला बेनेट्टी), एक सुंदर मृग प्रजाति है जो भारत, पाकिस्तान और ईरान की मूल निवासी है।
- संबंधित संरक्षित क्षेत्र: मेलघाट टाइगर रिज़र्व (महाराष्ट्र)।
- संरक्षण स्थिति:
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972: अनुसूची I
- IUCN स्थिति: कम चिंताजनक
- CITIES: परिशिष्ट III
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय अनूप मृग (बारहसिंगा) की उस उपजाति, जो पक्की भूमि पर फलती-फूलती है और केवल घासभक्षी है, के संरक्षण के लिये निम्नलिखित में से कौन-सा संरक्षित क्षेत्र प्रसिद्ध है? (2020) (a) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर: (a) |