प्रारंभिक परीक्षा
भारतनेट परियोजना
- 22 Apr 2025
- 8 min read
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
भारतनेट परियोजना ग्रामीण भारत को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने, समावेशी विकास को बढ़ावा देना तथा शहरी और ग्रामीण समुदायों के बीच विकास के अंतर को कम करना है।
भारतनेट क्या है?
- राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN): राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) को वर्ष 2011 में लॉन्च किया गया था तथा बाद में वर्ष 2015 में संचार मंत्रालय के तहत इसका नाम बदलकर भारतनेट परियोजना कर दिया गया।
- इसका उद्देश्य देश भर में प्रत्येक ग्राम पंचायत (GP) को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
- यह विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण दूरसंचार परियोजनाओं में से एक है, जो किफायती ब्रॉडबैंड पहुँच प्रदान करने तथा ग्रामीण भारत में ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा और ई-गवर्नेंस जैसी विभिन्न सेवाएँ शुरू करने में सक्षम बनाती है।
- इस परियोजना का प्रारंभिक लक्ष्य देश भर में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ना है।
- कार्यान्वयन के चरण:
- चरण I: ऑप्टिकल फाइबर (OF) केबल और मौजूदा बुनियादी ढाँचे का उपयोग करके 1 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ा गया, जो वर्ष 2017 में पूरा हुआ।
- चरण II (वर्तमान में जारी): राज्य सरकारों और निजी संस्थाओं के सहयोग से ऑप्टिकल फाइबर, रेडियो और उपग्रह प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके 1.5 लाख ग्राम पंचायतों तक कवरेज का विस्तार किया जाएगा।
- चरण III (वर्तमान में जारी): 5G प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने, बैंडविड्थ बढ़ाने और अंतिम-मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- वर्ष 2023 में स्वीकृत संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (ABP) इसी चरण का हिस्सा है।
- संशोधित भारतनेट कार्यक्रम: इसका उद्देश्य रिंग टोपोलॉजी (एक नेटवर्क डिज़ाइन जहाँ कनेक्टेड डिवाइस एक परिपत्र डेटा चैनल बनाते हैं) में 2.64 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करना और मांग पर गैर-ग्राम पंचायत गाँवों को ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
- इसमें ब्लॉक और GP पर राउटर के साथ इंटरनेट प्रोटोकॉल मल्टी-प्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग नेटवर्क (नेटवर्कों के बीच डेटा को कुशलतापूर्वक रूट करने की एक विधि) और रिमोट फाइबर मॉनिटरिंग सिस्टम (दूर से OF कनेक्शन की स्थिति की निगरानी करने की एक प्रणाली) जैसी विशेषताएँ शामिल हैं।
- वित्तपोषण और कार्यान्वयन: भारतनेट को मुख्य रूप से डिजिटल भारत निधि (DBN) के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है, जो एक ऐसा कोष है जिसने यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड का स्थान लिया है।
- यह परियोजना विशेष प्रयोजन वाहन (SPV), भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है, जिसे भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 के तहत निगमित किया गया है।
- ABP के अंतर्गत, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) नेटवर्क के संचालन और रखरखाव के लिये परियोजना प्रबंधन एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
- वर्तमान स्थिति: वर्ष 2025 तक, भारतनेट परियोजना के अंतर्गत लगभग 2.18 लाख ग्राम पंचायतों को सेवा के लिये तैयार किया जा चुका है।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) की कुल लंबाई 42 लाख किलोमीटर से अधिक हो गई है।
- इसके अतिरिक्त, 12 लाख से अधिक फाइबर-टू-द-होम (FTTH) कनेक्शन चालू किये गए हैं, और 1 लाख से अधिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किये गए हैं।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) की कुल लंबाई 42 लाख किलोमीटर से अधिक हो गई है।
ग्रामीण भारत में डिजिटल सशक्तीकरण को समर्थन देने वाली अन्य पहलें
- प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA): इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों में डिजिटल साक्षरता सुनिश्चित करना है, मार्च 2024 तक 6.39 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM): डिजिटल बुनियादी ढाँचे में तेज़ी लाने के लिये शुरू किया गया, इसमें NBM 2.0 (जनवरी 2025 में लॉन्च) शामिल है।
- NBM के अंतर्गत प्रमुख पहलों में केंद्रीकृत मार्गाधिकार (RoW) पोर्टल गतिशक्ति संचार शामिल है।
- CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CSC SPV): यह कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित एक SPV है जो CSC के माध्यम से सेवा वितरण के लिये एक सहयोगी ढाँचा प्रदान करता है।
- सितंबर 2024 तक, इसके द्वारा ग्राम पंचायतों में 1.04 लाख वाई-फाई एक्सेस पॉइंट और 11.42 लाख FTTH कनेक्शन संस्थापित किये जा चुके थे, और भारतनेट के तहत ओवरहेड ऑप्टिकल फाइबर परिनियोजन का भी परीक्षण किया गया है।
- मोबाइल कनेक्टिविटी: 6.18 लाख गाँवों में 4G कवरेज के साथ दिसंबर 2024 तक लगभग 6.25 लाख गाँव मोबाइल युक्त थे। यह डिजिटल डिवाइड को कम करने में भारतनेट का पूरक है।
- भारत ने विश्व में 5G का सबसे तीव्र रोलआउट किया है, जिसके तहत 779 ज़िलों में 4 लाख से अधिक 5G बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) संस्थापित किये।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त में से कौन-से ओपन-सोर्स डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बनाए गए हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है।" विवेचन कीजिये। (2020) |