प्रारंभिक परीक्षा
आर्कटिक वार्मिंग
- 15 Feb 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
उत्तरी ध्रुव (आर्कटिक क्षेत्र) के तापमान में औसत तापमान से 20 डिग्री सेल्सियस अधिक वृद्धि हुई, जिससे संबद्ध क्षेत्र के तीव्रता से तापन होने और इसके वैश्विक प्रभाव से संबंधित चिंताएँ बढ़ गईं।
आर्कटिक वार्मिंग से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: यह आर्कटिक क्षेत्र (66.5° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में स्थित क्षेत्र) में तापमान में तेज़ी से वृद्धि को संदर्भित करता है, जिसे आर्कटिक प्रवर्द्धन भी कहते हैं।
- वर्ष 1979 के बाद से आर्कटिक क्षेत्र वैश्विक औसत से चार गुना तेज़ी से गर्म हुआ है।
- कारण: आइसलैंड के ऊपर एक गहरे निम्न दाब प्रणाली के कारण निम्न अक्षांशों से उष्ण वायु का अभिसरण हुआ, जिससे आर्कटिक की सर्दियों में तापमान में असामान्य वृद्धि हुई।
- उत्तर-पूर्व अटलांटिक महासागर के असामान्य रूप से उच्च तापमान के कारण वार्मिंग बढ़ गई, तथा विंड पैटर्न (वायु प्रतिरूप) के कारण आर्कटिक में अतिरिक्त ऊष्मा आ गई।
- एल्बिडो प्रभाव कम होने से अधिक ऊष्मा का अवशोषण होता है और तापमान बढ़ता है।
- आर्कटिक की कमज़ोर संवहन धाराएँ सतह के पास ग्रीनहाउस गैसों से उत्पन्न ऊष्मा को रोक लेती हैं, जिससे तापमान में वृद्धि होती है।
- संभावित परिणाम: अधिक बर्फ पिघलने से तटीय बाढ़ आ सकती है और भूमि की हानि हो सकती है।
- आर्कटिक के तापमान में परिवर्तन से जेट स्ट्रीम (ऊपरी वायुमंडल में तीव्र गति से चलने वाली, पवनों की संकरी पट्टी) बाधित हो सकती है, जिससे वैश्विक वर्षा, तूफान और चरम मौसम पर असर पड़ सकता है।
- पोलर बियर और सील जैसी प्रजातियाँ जीवित रहने के लिए बर्फ पर निर्भर रहती हैं, जिससे उनके आवास नष्ट होने का खतरा बना रहता है।
नोट: आर्कटिक सर्कल लगभग 66.5° उत्तरी अक्षांश पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है, जिससे आर्कटिक क्षेत्र की दक्षिणी सीमा चिह्नित होती है।
- इसमें कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, आइसलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका (अलास्का) के भाग शामिल हैं।
आर्कटिक क्षेत्र में भारत
- भारत ने वर्ष 1920 में स्वालबार्ड संधि पर हस्ताक्षर कर आर्कटिक क्षेत्र से जुड़ाव स्थापित किया और वर्ष 2007 में अपना आर्कटिक अनुसंधान कार्यक्रम शुरू किया।
- इसने स्वालबार्ड (2008, नॉर्वे) में हिमाद्री अनुसंधान बेस की स्थापना की तथा वर्ष 2013 में आर्कटिक परिषद पर्यवेक्षक का दर्ज़ा प्राप्त किया।
- वर्ष 2022 में भारत ने अपनी आर्कटिक नीति की घोषणा की, जिसमें राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र को नोडल एजेंसी बनाया गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रारंभिकप्रश्न 1. 'मीथेन हाइड्रेट' के निक्षेपों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं? (2019)
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये। (A) केवल 1 और 2 उत्तर: (D) प्रश्न: निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त में से कौन 'आर्कटिक परिषद्' के सदस्य हैं? (A) 1, 2 और 3 उत्तर: (D) |