नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

अरावली सफारी पार्क परियोजना

  • 20 Feb 2025
  • 2 min read

स्रोत: TH

हरियाणा में प्रस्तावित अरावली सफारी पार्क, जिसमें होटल, रेस्तरां और वन्यजीव बाड़ा शामिल होंगे, भूजल, पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण पर इसके संभावित प्रभावों के कारण विवादास्पद है।

  • अरावली सफारी पार्क परियोजना: यह विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क (लगभग 10,000 एकड़) है जिसका उद्देश्य पारिस्थितिकी पर्यटन और प्रतिपूरक वनीकरण को बढ़ावा देना है।
    • संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह पार्क से प्रेरित होकर, ग्रेट निकोबार द्वीप में 26,000 एकड़ उष्णकटिबंधीय वनों की छति की पूर्ति हेतु प्रतिपूरक वनरोपण की योजना बनाई गई है।
    • इसका विकास केवल उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहाँ वन घनत्व 40% से कम है। 
    • वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 को 2023 में संशोधित कर 'वन' गतिविधि के अंतर्गत लाया गया तथा वन क्षेत्रों में चिड़ियाघर बनाने की अनुमति प्रदान की गई।
  • अरावली: यह विश्व की सबसे पुरानी वलित पर्वत शृंखला है तथा यह गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा में लगभग 690 किलोमीटर उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में फैली हुई है।
    • यह पूर्व की ओर मरुस्थलीकरण को रोकने और भूजल को पुनः भरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • दिल्ली से हरिद्वार तक फैली अरावली की गुप्त शाखा, गंगा और सिंधु नदियों के जल निकासी को अलग करती है।
    • इसकी सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर है जो माउंट आबू (राजस्थान) पर 1,722 मीटर ऊँची है। 

और पढ़ें: अरावली के समक्ष गंभीर खतरे

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2