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विज्ञान धारा योजना को मंजूरी

  • 27 Aug 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की विभिन्न योजनाओं को ज़ारी रखने और उन्हें 'विज्ञान धारा' नामक एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत तीन प्रमुख घटकों में विलय करने को मंजूरी दी।

  • घटक: इस योजना के तीन व्यापक घटक हैं।
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T) से संबंधित संस्थागत तथा मानव क्षमता निर्माण,
    • अनुसंधान एवं विकास
    • नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास तथा तैनाती
  • INSPIRE कार्यक्रम जैसी मौजूदा योजनाएँ इन तीन घटकों में से एक के अंतर्गत आएंगी।
  • अवधि: यह योजना 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के लिये प्रस्तावित की गई है।
  • प्राथमिक उद्देश्य: विज्ञान धारा’ योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता निर्माण के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार तथा प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है।
  • लैंगिक समानता: इस योजना में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये लक्षित क्रियाकलाप किये जाएंगे, जिसका अंतिम लक्ष्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में लैंगिक समानता लाना है।
  •  विकसित भारत 2047: ‘विज्ञान धारा’ योजना के तहत प्रस्तावित सभी कार्यक्रम विकसित भारत 2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के 5 वर्षीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगे।
  • अनुसंधान एवं विकास: योजना के अनुसंधान और विकास घटक को अनुसंधान राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन (ANRF) के अनुरूप बनाया जाएगा। इस योजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप वैश्विक रूप से प्रचलित मानदंडों का पालन करते हुए किया जाएगा।

और पढ़ें: विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति

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