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अंतरिक्ष अभ्यास 2024

  • 13 Nov 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में रक्षा मंत्रालय के तहत रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी ने नई दिल्ली में अंतरिक्ष संबंधी भारत के पहले अभ्यास, 'अंतरिक्ष अभ्यास' का आयोजन किया। 

  • उद्देश्य: अंतरिक्ष में राष्ट्रीय रणनीतिक उद्देश्यों को सुरक्षित करने के क्रम में अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों एवं सेवाओं से संबंधित खतरों का अनुकरण और विश्लेषण करना।

प्रमुख लक्षित क्षेत्र:

  • सैन्य अभियानों में अंतरिक्ष क्षमता के एकीकरण को बढ़ावा देना।
  • अंतरिक्ष परिसंपत्तियों से संबंधित परिचालन निर्भरता की बेहतर समझ प्रदान करना।
  • कमज़ोरियों की पहचान करने के साथ अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं में व्यवधान का समाधान करना।
  • अंतरिक्ष क्षेत्र का सैन्य उपयोग: सीमा पर घुसपैठ, अवैध गतिविधियों एवं मिसाइल प्रक्षेपण का पता लगाने के लिये सशस्त्र बलों द्वारा अंतरिक्ष क्षमताओं का उपयोग निर्णायक है।
  • भारत की क्षमता: मार्च 2019 में भारत ने मिशन शक्ति के तहत अंतरिक्ष कक्षा में दुश्मन के उपग्रहों को नष्ट या निष्क्रिय करने के लिये डिज़ाइन किये गए एंटी-सैटेलाइट (ASAT) टेस्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
  • विनियमन: बाह्य अंतरिक्ष संधि,1967 के अनुसार, बाह्य अंतरिक्ष का उपयोग केवल शांतिपूर्ण कार्यों के लिये ही किया जाना चाहिये।
    • समुद्र तल से 100 किलोमीटर ऊपर स्थित कार्मन रेखा वह सीमा रेखा है जहाँ से पृथ्वी क्षेत्र समाप्त होने के साथ बाह्य अंतरिक्ष की शुरूआत होती है।

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