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एंजेल टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स

  • 20 Jun 2024
  • 8 min read

स्रोत: लाइवमिंट 

हाल ही में वर्ष 2023 में किये गए संशोधनों और एंजेल टैक्स के व्यापक दायरे को स्टार्टअप फंडिंग में उल्लेखनीय कमी तथा उसके बाद नौकरी जाने (Job Losses) के बीच आलोचना का सामना करना पड़ा है।

एंजेल टैक्स क्या है?

  • परिचय:
    • 'एंजेल टैक्स' को सर्वप्रथम वर्ष 2012 में लागू किया गया था और वर्ष 2023 के वित्त अधिनियम के माध्यम से इसका विस्तार किया गया, ताकि कंपनियों में निवेश के माध्यम से बेहिसाब धन का सृजन तथा उसके उपयोग को हतोत्साहित किया जा सके।
    • यह वह कर है, जो गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा ऑफ-मार्केट लेन-देन में शेयर जारी करने के माध्यम से एकत्रित किये गए धन पर चुकाया जाना चाहिये, यदि वे कंपनी के उचित बाज़ार मूल्य से अधिक हैं।
      • उचित बाज़ार मूल्य (FMV) किसी परिसंपत्ति की वह कीमत है, जब क्रेता और विक्रेता को इसके बारे में उचित जानकारी होती है तथा वे बिना किसी दबाव के व्यापार करने के लिये तैयार होते हैं।
  • वित्त अधिनियम, 2023 के तहत विस्तार:
    • वित्त अधिनियम, 2023 के तहत आयकर अधिनियम की एक प्रासंगिक धारा में संशोधन किया गया था, ताकि विदेशी निवेशकों को एंजेल टैक्स प्रावधान के दायरे में शामिल किया जा सके।
      • वर्तमान में यदि कोई स्टार्ट-अप कंपनी किसी व्यक्ति से इक्विटी निवेश प्राप्त करती है, जो शेयरों के अंकित मूल्य से अधिक है, तो इसे स्टार्ट-अप के लिये आय माना जाता है, जो उस वित्तीय वर्ष के लिये 'अन्य स्रोतों से आय' की श्रेणी के तहत आयकर के अधीन होता है।
    • हाल ही में किये गए इस संशोधन में विदेशी निवेशकों को भी शामिल किया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि विदेशी निवेशकों से धन एकत्रित करने वाले स्टार्ट-अप भी कराधान के अधीन होंगे।
    • उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप को इस प्रावधान से बाहर रखा गया है।
  • हालाँकि उद्योग जगत के विरोध एवं फंडिंग में गिरावट की चिंताओं के बाद, वित्त मंत्रालय ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्राँस जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं सहित 21 देशों के निवेशकों को भारतीय स्टार्टअप में निवेश हेतु एंजेल टैक्स लेवी से छूट प्रदान की है।
  • वित्तीयन में कमी और रोज़गार की हानि: वर्ष 2023 में भारतीय स्टार्टअप को व्यापक स्तर पर फंडिंग चुनौतियों (पिछले वर्षों की तुलना में फंडिंग में 60% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई) का सामना करना पड़ा।
    • वित्तीयन में इस कमी के परिणामस्वरूप पूरे सेक्टर में 15,000 से अधिक कर्मचारियों की छँटनी हुई।
  • एंजेल टैक्स पर उद्योगों का दृष्टिकोण: भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) तथा अन्य उद्योग हितधारकों ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 56 (2) को निरसित करने की सिफारिश की है, जिसे आमतौर पर एंजेल टैक्स के रूप में जाना जाता है।

पूंजीगत लाभ कर:

  • किसी ‘पूंजीगत परिसंपत्ति’ की बिक्री से हमें जो भी लाभ प्राप्त होता है उसे ‘पूंजीगत लाभ’ कहा जाता है। आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, इस लाभ को ‘आय’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  • इसीलिये संपत्ति हस्तांतरित करने वाले व्यक्ति को अपने द्वारा कमाए गए लाभ पर आय के रूप में कर देना होता है जिसे ‘पूंजीगत लाभ कर’ कहा जाता है। ‘पूंजीगत लाभ’ अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक हो सकता है।
    • दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ: यह उन परिसंपत्तियों पर लागू होता है जिन्हें 36 महीने से अधिक समयावधि के लिये रखा गया हो।
    • अल्पकालिक पूंजीगत लाभ: यह उन परिसंपत्तियों पर लागू होता है जिन्हें 36 महीने से कम समयावधि के लिये रखा गया हो। अचल संपत्तियों के मामले में यह अवधि 24 माह होती है।
  • यदि कोई परिसंपत्ति अपने खरीद मूल्य (purchase price) से कम मूल्य पर बेंची जाती है तो दोनों मूल्यों के अंतर को ‘पूंजीगत हानि’ कहा जाता है और जब ‘पूंजीगत लाभ’ में से ‘पूंजीगत हानि’ को घटाया जाता है तो हमे शुद्ध पूंजीगत लाभ (net capital gains) प्राप्त होता है।
  • पूंजीगत लाभ पर कर तभी लागू होता है जब कोई परिसंपत्ति "विक्रय" या "क्रय" की जाती है। प्रतिवर्ष बढ़ने वाले स्टॉक शेयरों पर तब तक पूंजीगत लाभ के लिये कर नहीं लगाया जाएगा जब तक कि उन्हें बेचा न जाए।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से भारत में काले धन की उत्पत्ति का कौन-सा एक प्रभाव भारत सरकार के लिये चिंता का प्रमुख कारण रहा है? (2018)

(a) अचल संपत्ति की खरीद और लग्ज़री आवास में निवेश के लिये संसाधनों का गठजोड़ करना।
(b) अनुत्पादक गतिविधियों में निवेश और कीमती पत्थरों, आभूषणों, सोने आदि की खरीदारी करना।
(c) राजनीतिक दलों को बड़ा दान और क्षेत्रवाद का विकास करना।
(d) कर अपवंचन के कारण राजकोष को राजस्व की हानि पहुँचना।

उत्तर: (d) 


प्रश्न. अप्रवासी सत्त्वों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर भारत द्वारा 6% समकरण कर लगाए जाने के निर्णय के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2018)

  1. यह आय कर अधिनियम के भाग के रूप में लागू किया गया है। 
  2. भारत में विज्ञापन सेवाएँ देने वाले अप्रवासी सत्त्व अपने गृह देश में "दोहरे कराधान से बचाव समझौते" के अंतर्गत टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकते हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

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