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अष्टमुडी झील में प्रदूषण का समाधान

  • 05 Dec 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू 

राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा नियुक्त केरल की राज्य स्तरीय निगरानी समिति (SLMC) ने अष्टमुडी झील में  मलयुक्त-गाद ((Faecal Sludge) सहित जैव अपशिष्ट के अवैध निर्वहन को रोकने के लिये त्वरित परियोजनाओं के कार्यान्वयन की सिफारिश की है।

  • प्रारंभिक परीक्षण से पता चलता है कि अत्यधिक शैवाल प्रस्फुटन का कारण जलाशय में जैव अपशिष्ट और सेप्टेज का रिसाव है।

अष्टमुडी झील:

  • केरल के कोल्लम ज़िले में स्थित निर्दिष्ट रामसर स्थल, ‘बैकवाटर’ पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और इसे अक्सर केरल के ‘बैकवाटर का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है।
  • 170 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत इस झील का आकार आठ भुजाओं के समान है। यह झील कल्लदा नदी से पोषित होती है, जो कि अंततः अरब सागर में अपना जल विसर्जित करती है।
  • ऐतिहासिक दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है जो अपने पारंपरिक कॉयर उद्योग के लिये जाना जाता है।

आर्द्रभूमियों के संरक्षण से संबंधित सरकारी पहल:

Ramsar_Convention

और पढ़ें: भारत में रामसर स्थल

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