17वाँ प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन | 09 Jan 2023
भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिये 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।
- प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के इंदौर में तीन दिवसीय 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मलेन और स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों के योगदान पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट 'सुरक्षित जाएँ, प्रशिक्षित जाएँ' भी जारी किया।
प्रवासी भारतीय दिवस:
- पृष्ठभूमि:
- 9 जनवरी को PBD के रूप में चुना गया था क्योंकि इसी दिन वर्ष 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था।
- वर्ष 2003 से प्रवासी दिवस मनाने की शुरुआत की गई लेकिन वर्ष 2015 में इसे संशोधित किया गया और हर दो वर्ष पर इसे मनाने का निर्णय लिया गया। यह तब एक विषय-आधारित सम्मेलन था जिसे प्रत्येक वर्ष अंतरिम अवधि के दौरान आयोजित किया जाता था।
- PBD सम्मेलन हर दो वर्ष में आयोजित किया जाता है।
- PBD 2023: इसका विषय "प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार (Diaspora: Reliable partners for India’s progress in Amrit Kaal)" है।
- इस दिन सरकार प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी प्रदान करती है।
- यह एक अनिवासी भारतीय (NRI) या भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) और अनिवासी भारतीयों या भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा स्थापित एवं संचालित एक संगठन/संस्था को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है, जिन्होंने विदेशों में भारत को बेहतर ढंग से समझने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है तथा भारत के कारणों एवं चिंताओं का मूर्त रूप से समर्थन करते हैं।
- महत्त्व:
- यह दिन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकियह प्रवासी भारतीय समुदाय को सरकार और देश के मूल लोगों के साथ जुड़ने के लिये साझा मंच प्रदान करता है।
- यह कन्वेंशन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच नेटवर्किंग में बहुत उपयोगी है और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा करने में सक्षम बनाता है।
प्रवासी भारतीयों से संबंधित सरकारी पहलें:
- प्रवासी कौशल विकास योजना (PKVY): प्रवासी भारतीय कामगारों के कौशल विकास की प्रक्रिया को संस्थागत बनाना।
- प्रवासी बच्चों के लिये छात्रवृत्ति कार्यक्रम (Scholarship Programme for Diaspora Children- SPDC): स्नातक पाठ्यक्रमों हेतु भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) और अनिवासी भारतीय (NRI) छात्रों को प्रतिवर्ष 100 छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाती हैं।
- ‘भारत को जानो’ कार्यक्रम (Know India Program- KIP): यह भारतीय मूल के युवाओं (18-30 वर्ष) को भारतीय मूल और समकालीन भारत से परिचित कराता है।
- ई-माइग्रेट सिस्टम: यह एक विदेशी नियोक्ता डेटाबेस है। यह कल्याण सुनिश्चित करता है और प्रवासियों के शोषण पर रोक लगाता है।
- VAJRA (उन्नत संयुक्त अनुसंधान संकाय का दौरा) योजना: यह एक रोटेशन कार्यक्रम को औपचारिक रूप देता है जिसमें शीर्ष एनआरआई वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रबंधक और पेशेवर एक संक्षिप्त अवधि के लिये भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों में अपनी विशेषज्ञ सेवाएँ प्रदान करते हैं।