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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन: आईएसए

  • 20 Aug 2020
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन, ISA, सौर ऊर्जा पर आईएसए जर्नल, I JOSE, STAR केंद्र

मेन्स के लिये:

भारत की सौर ऊर्जा रणनीति

चर्चा में क्यों?

‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ (International Solar Alliance-ISA) द्वारा 8 सितंबर, 2020 को एक आभासी मंच के माध्यम से प्रथम 'विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन' (World Solar Technology Summit) का आयोजन कियाजाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  • भारतीय प्रधानमंत्री सम्मेलन के उद्घाटन को संबोधित करेंगे तथा ISA के सभी सदस्य देशों और वैश्विक संस्थानों की सम्मेलन में भागीदारी के लिये अनुग्रह करेंगे।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, सौर ऊर्जा की अधिक उपलब्धता वाले देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है।

आयोजन का उद्देश्य:

  • सौर ऊर्जा का दक्षतम उपयोग करने की दिशा में अत्याधुनिक तकनीकों के साथ-साथ अगली पीढ़ी की तकनीकों की चर्चा करना है।
  • वैज्ञानिक नवाचारों को व्यावसायिक रूप से दुनिया के सभी हिस्सों में व्यापक उपभोग के लिये कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है। शीर्ष वैश्विक निगमों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सम्मेलन इस दिशा में अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे।

आयोजन के सत्र:

  • आयोजन में चार तकनीकी सत्र आयोजित किये जाएंगे, जो प्रतिभागियों को अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रेंच और अरबी में उपलब्ध होंगे।
    • सत्र -1 (विज़न 2030 और उससे आगे):
      • यह सत्र फोटोवोल्टिक (Photovoltaic- PV) प्रौद्योगिकी के विकास और इसके भविष्य के संदर्भ में आयोजित किया जाएगा ताकि PV प्रौद्योगिकी को विश्व में ऊर्जा का सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत बनाया जा सके।
    • सत्र -2 (कार्बनरहित ग्रिड निर्माण की ओर):
      • पीवी मॉड्यूल और भंडारण प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख घटकों के बारे में सबसे हालिया प्रगति (रूपांतरण दक्षता में सुधार और लागत में गिरावट) की चर्चा करना।
    • सत्र -3 (विघटनकारी सौर प्रौद्योगिकी):
      • इस सत्र में सौर ऊर्जा के ग्रिड संबंधी अनुप्रयोग, आवासीय और वाणिज्यिक रूफटॉप सोलर ऊर्जा को ग्रिड से एकीकृत करना जैसे विषयों की चर्चा की जाएगी।
    • सत्र -4 (ऊर्जा क्षेत्र से अलावा सौर ऊर्जा):
      • पीवी प्रौद्योगिकी के प्रायोगिक अनुप्रयोग, ऑफ-ग्रिड ऊर्जा अनुप्रयोग, सार्वभौमिक ऊर्जा पहुँच, इको-फ्रेंडली औद्योगिक प्रक्रिया आदि की चर्चा करना।

सौर ऊर्जा पर आईएसए जर्नल (I JOSE):

  • ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ द्वारा सौर ऊर्जा पर पत्रिका (ISA Journal on Solar Energy- I JOSE) भी लॉन्च की जाएगी, जो दुनिया भर के लेखकों को सौर ऊर्जा पर अपने लेख प्रकाशित करने में मदद मिलेगी।
  • इस पत्रिका में प्रकाशित लेखों की वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की जाएगी तथा ये लेख अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के ‘राष्ट्रीय नाभिक केंद्रों’ (National Focal points- NFPs) और ‘सौर प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग संसाधन केंद्रों’ (SolarTechnology and Application Resource centers- STAR) के विशाल नेटवर्क के माध्यम से सदस्य देशों तक पहुँचेंगे।

भारत की सौर ऊर्जा पहल:

  • ‘राष्ट्रीय सौर मिशन’ (National Solar Mission), भारत की ‘जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना' (NAPCC) के प्रमुख मिशनों में से एक है।
  • राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये भारत सरकार ने देश भर में सौर ऊर्जा से संबंधित अनेक योजनाएँ यथा- सौर पार्क योजना, नहरों पर सौर संयत्रों की स्थापना, ग्रिड से जुड़े सौलर रूफटॉप संयंत्रों इत्यादि को प्रारंभ कियागया।
  • भारत एक महत्त्वाकांक्षी सीमा पार विद्युत ग्रिड योजना- ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ (One Sun One World One Grid) को क्रियान्वित करना चाहता है ताकि विश्व के एक क्षेत्र से दूसरों क्षेत्र में मांग के अनुसार विद्युत की आपूर्ति की जा
  • सके।
  • हाल ही में मध्य प्रदेश के रीवा में एक 750 मेगावाट (MW) सौर परियोजना का उद्घाटन किया गया है।

निष्कर्ष:

  • ‘अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन’ प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता, व्यापक पैमाने पर विनिर्माण और नवाचार के विकास एवं उपलब्धता के लिये पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने की कल्पना करता है।
  • परियोजना का सफल कार्यान्वयन 'सार्वभौमिक ऊर्जा पहुँच के लक्ष्य (SDG- 7) को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन:

  • अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन की शुरुआत भारत और फ्राँस द्वारा नवंबर, 2015 को पेरिस जलवायु सम्‍मेलन के दौरान की गई थी।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, कर्क और मकर रेखा के मध्य आंशिक या पूर्ण रूप से अवस्थित सौर ऊर्जा की संभावना वाले देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन है।
  • अब तक 67 देशों द्वारा 'आईएसए फ्रेमवर्क समझौते' पर हस्ताक्षर और अभिपुष्टि की गई है।
  • इसके प्रमुख उद्देश्यों में वैश्विक स्तर पर 1000 गीगावाट से अधिक का सौर ऊर्जा उत्पादन और वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में निवेश के लिये लगभग 1000 बिलियन डॉलर की राशि को जुटाना शामिल है।
  • आईएसए के तहत वर्तमान में निम्नलिखित कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जा रहा है:
    • कृषि उपयोग के लिये सौर अनुप्रयोग;
    • स्केल पर किफायती वित्त;
    • मिनी ग्रिड;
    • सोलर रूफटॉप;
    • सौर ई-गतिशीलता और भंडारण;
    • व्यापक पैमाने वाले सौर पार्क।

स्रोत: पीआईबी

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