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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यमन की सहायता राशि में कटौती

  • 06 Jun 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

यमन की भौगोलिक स्थिति, हाउथी विद्रोही 

मेन्स के लिये  

निर्णय से यमन व मध्य-पूर्व पर पड़ने वाला प्रभाव 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने युद्धग्रस्त यमन में दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती करने का निर्णय लिया है यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है जब यमन कोरोना वायरस व गृहयुद्ध जैसी दोहरी समस्याओं से जूझ रहा है

प्रमुख बिंदु

  • युद्धग्रस्त यमन में कार्यरत सहायता संगठनों ने ऐसे समय में यमन की सहायता राशि में कटौती करने के निर्णय पर हैरानी व्यक्त करते हुए इसे तत्काल जारी करने की अपील की है
  • सहायता राशि में कटौती करने के निर्णय से यमन में चल रहे संयुक्त राष्ट्र संघ के 75 प्रतिशत कार्यक्रम बंद हो सकते हैं या उनका परिचालन प्रभावित हो सकता है
  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने यमन में वैश्विक खाद्य कार्यक्रम के तहत मिलने वाले खाद्यान्न में कटौती कर दी है साथ ही अस्पतालों को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं में भी कमी करने का निर्णय लिया है

यमन संकट 

  • अरब क्षेत्र के लोकतांत्रिक आंदोलन; जिसे अरब स्प्रिंग(Arab Spring) के रूप में जाना जाता है, के बाद यमन के शासक ने सत्तासीन मंसूर हादी के विरुद्ध शिया मुसलमानों (हाउथी) को सत्ता स्थानांतरित कर दी। हाउथी विद्रोहियों को ईरान का समर्थन है, जबकि सऊदी अरब हाउथी के विरुद्ध है।
  • वर्ष 2014 के अंत में सना में मंसूर हादी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद से यमन हिंसा में घिर गया है जिसने सऊदी के नेतृत्त्व वाले गठबंधन को हस्तक्षेप करने के लिये प्रेरित किया।
  • इस विद्रोह को सऊदी अरब और ईरान के बीच छद्म युद्ध के रूप में देखा जा रहा है।

कटौती का कारण   

  • संयुक्त राष्ट्र संघ के समन्वयक के अनुसार, यमन को दी जाने वाली सहायता राशि में कमी करने के कई कारण है, जिनमें यमन की राजधानी सना और अन्य औद्योगिक महत्त्व के केंद्रों पर हाउथी विद्रोहियों (Houthi rebels) का नियंत्रण होना प्रमुख है
  • इसके अतिरिक्त, सहायता राशि में सबसे बड़े दानदाता संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दी जाने वाली सहायता में कमी करना भी एक कारण है
  • हाउथी विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित किये जाने वाले शहरों में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों की पहुँच व पर्यवेक्षण पर प्रतिबंध लगाया गया है

प्रभाव   

  • कोरोना वायरस के प्रसार के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान की जा रही सहायता राशि में कटौती से स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता अत्यधिक प्रभावित हुई है
  • यमन के पास पर्याप्त मात्र में N-95 मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर का अभाव है, परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग व स्वास्थ्यकर्मी वायरस से संक्रमित हो रहे हैं
  • सहायता राशि में कटौती से डॉक्टर समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन इत्यादि नहीं मिल पाएगा, जिससे वे इस महामारी के दौरान कार्य करने हेतु प्रोत्साहित नहीं हो पाएंगे
  • युद्धग्रस्त यमन में खाद्य संकट उत्पन्न हो जाएगा और लोग भुखमरी की कगार पर पहुँच जाएंगे  
  • यमन को कोरोना वायरस के संक्रमण से संबंधित जानकारियाँ छिपाने के कारण वैश्विक बिरादरी के समक्ष अपमान का भी सामना करना पड़ रहा है  

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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