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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संयुक्त राष्ट्र विकास गतिविधियाँ

  • 15 Nov 2019
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये: संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियाँ

मेन्स के लिये: भारत द्वारा विभिन्न संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को दिया गया आर्थिक योगदान से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations- UN) की विभिन्न एजेंसियों को वर्ष 2020 में विकास संबंधी विभिन्न गतिविधियों के परिचालन के लिये 13.5 मिलियन यूएस डॉलर के योगदान की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु:

  • संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के अनुसार, भारत ने ‘यूएन जनरल असेंबली प्लेजिंग कॉफ्रेंस’ (UN General Assembly Pledging Conference) के दौरान वर्ष 2020 में UN द्वारा परिचालित विकास गतिविधियों के लिये 13.5 मिलियन यूएस डॉलर के योगदान की प्रतिबद्धता जताई है।
  • भारत ने संयुक्त राष्ट्र की विकास संबंधित गतिविधियों में अपने योगदान की दीर्घकालिक परंपरा को जारी रखते हुए यह प्रतिबद्धता जताई है।

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों को भारत द्वारा आर्थिक योगदान:

  • भारत संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UN Relief and Works Agency) को फिलिस्तीनी शरणार्थियों के सहयोग के लिये 5 मिलियन यूएस डॉलर का योगदान तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UN Development Programme) को 4.5 मिलियन यूएस डॉलर का योगदान करेगा।
  • भारत द्वारा विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme) को 1.92 मिलियन यूएस डॉलर, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UN Children’s Fund) को 900,000 यूएस डॉलर, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UN Population Fund) को 500,000 यूएस डॉलर त्तथा ‘यूएन वॉलेंटरी फंड फॉर टेक्निकल को-ऑपरेशन’ (UN Voluntary Fund For Technical Co-operation) को 200’000 यूएस डॉलर का आर्थिक योगदान दिया जाएगा।
  • भारत संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UN Environment Programme) और संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एवं अपराध कार्यालय (UN Office on Drugs and Crime) को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिये 100,000 यूएस डॉलर का योगदान करेगा।
  • भारत ‘यूएन कमीशन ऑन ह्यूमन सैटलमेंट प्रोग्राम’ (UN Commission on Human Settlement Programme) में 150,000 यूएस डॉलर का योगदान करेगा।

भारत के अन्य प्रयास:

  • भारत का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र के पास अपनी गतिविधियों को उचित और संतुलित रूप से चलाने के लिये पर्याप्त संसाधन होने चाहिये।
  • संयुक्त राष्ट्र को प्रत्येक वर्ष विभिन्न माध्यमों से लगभग 50 बिलियन यूएस डॉलर के संसाधनों का योगदान होता है, जिसमें से 65% संसाधनों को उपयोग के लिये चिह्नित किया जाता है और अंतिम रूप से 35% से कम संसाधनों का उपयोग विकास तथा तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में हो पाता है।
  • भारत ने वर्ष 2017 में ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ (UN Office for South-South Cooperation) के साथ मिलकर भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष (India-UN Development Partnership Fund) की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत आवश्यक विकास परियोजनाओं के लिये 150 मिलियन यूएस डॉलर की व्यवस्था की गई।
  • भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष की स्थापना के बाद इसमें अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियाई और एशिया-प्रशांत क्षेत्रों के 35 से अधिक देशों ने भागीदारी की है।
  • भारत ने ‘कैरेबियन कम्युनिटी एंड कॉमन मार्केट’ (Caribbean Community and Common Market- CARICOM) समूह के देशों में सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिये 14 मिलियन यूएस डॉलर तथा सौर नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं के लिये 150 मिलियन यूएस डॉलर के ऋण की व्यवस्था की है।
  • न्यूयॉर्क में भारत तथा ‘पैसिफिक स्माल आइलैंड्स डेवलपिंग स्टेट्स (Pacific Islands Developing States- PSIDS) देशों की बैठक के दौरान भारत ने PSIDS देशों को 12 मिलियन यूएस डॉलर का अनुदान देने का निर्णय लिया, PSIDS समूह के देश अपनी पसंद के विकासात्मक क्षेत्र में किसी परियोजना का कार्यान्वयन कर सकें।
  • बीते दशक के दौरान, भारत ने 60 विकासशील देशों के लिये लगभग 26 बिलियन यूएस डॉलर की सहायता उपलब्ध कराई है।

अन्य तथ्य:

  • वर्ष 2019 की ‘यूएन जनरल असेंबली प्लेजिंग कॉफ्रेंस’ (UN General Assembly Pledging Conference) के दौरान लगभग 16 देशों ने कुल 516 मिलियन यूएस डॉलर के योगदान की प्रतिबद्धता जताई है जो कि वर्ष 2018 के दौरान 425.69 मिलियन यूएस डॉलर था।
  • संयुक्त राष्ट्र को वर्ष 2017 में संपूर्ण रूप से 33.6 बिलियन यूएस डॉलर का योगदान मिला था जो कि 2016 से 3% अधिक था।

स्रोत-द हिंदू

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