विश्व धरोहर स्थल और जलवायु परिवर्तन | 01 Nov 2021
प्रिलिम्स के लिये:विश्व धरोहर स्थल, जलवायु परिवर्तन, सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान, ब्लू कार्बन, विश्व विरासत, समुद्री कार्यक्रम मेन्स के लिये:विश्व धरोहर स्थल और जलवायु परिवर्तन के मध्य अंतर्संबंध |
चर्चा में क्यों?
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में सूचीबद्ध वनों (2001-2020) से उत्सर्जित और अवशोषित ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा के पहले वैज्ञानिक आकलन में पाया गया है कि विश्व धरोहर स्थलों में सूचीबद्ध वन जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रमुख बिंदु
- जलवायु परिवर्तन को कम करना:
- विश्व धरोहर स्थल प्रत्येक वर्ष वातावरण से 190 मिलियन टन CO2 को अवशोषित करके जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध वनों द्वारा लंबी अवधि में कार्बन संग्रहण से लगभग 13 बिलियन टन कार्बन का कुल कार्बन भंडारण हुआ है।
- यदि यह संग्रहीत कार्बन वातावरण में CO2 के रूप में छोड़ा जाता है तो यह जीवाश्म ईंधन दुनिया के कुल वार्षिक CO2 उत्सर्जन का 1.3 गुना अधिक उत्सर्जन होगा।
- हालाँकि मानव गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन के दबाव के कारण दस वनों से अधिक कार्बन छोड़ा गया था, जो कि खतरनाक है।
- यूनेस्को अपने विश्व धरोहर समुद्री कार्यक्रम के तहत अद्वितीय समुद्री महत्त्व के लिये दुनिया भर में 50 स्थलों को सूचीबद्ध करता है। ये वैश्विक महासागर क्षेत्र के सिर्फ एक प्रतिशत का प्रतिनिधित्त्व करते हैं लेकिन वैश्विक ब्लू कार्बन परिसंपत्तियों का कम-से-कम 15% हिस्सा समायोजित करते हैं।
- ब्लू कार्बन कार्बनिक कार्बन है जो मुख्य रूप से सड़ने वाले पौधों की पत्तियों, लकड़ी, जड़ों और जानवरों से प्राप्त होता है। यह तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र द्वारा संग्रहीत किया जाता है।
- भारत का सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान (60 मिलियन टन कार्बन) उन पाँच स्थलों में शामिल है, जिनके पास विश्व स्तर पर सबसे अधिक ब्लू कार्बन स्टॉक है।
- उच्च उत्सर्जन का कारण:
- कुछ स्थलों पर कृषि के लिये भूमि की मंज़ूरी के कारण उत्सर्जन, संग्रहण से अधिक हो गया।
- दावानल के बढ़ते पैमाने और गंभीरता अक्सर सूखे की गंभीर अवधि से जुड़ी होती है, यह भी कई मामलों में एक प्रमुख कारक है।
- अन्य चरम मौसम की घटनाएँ, जैसे कि हरिकेन ने कुछ स्थलों पर योगदान दिया।
- सिफारिशें:
- विरासत स्थलों का संरक्षण:
- यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों और उनके आसपास के परिदृश्यों की मज़बूत और निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए जिससे वन भविष्य की पीढ़ियों हेतु मज़बूत कार्बन सिंक और स्टोर के रूप में कार्य करना जारी रख सकें।
- शीघ्र प्रतिक्रिया:
- जलवायु से संबंधित घटनाओं का तेज़ी से जवाब देना, साथ ही बेहतर परिदृश्य प्रबंधन के माध्यम से पारिस्थितिक संपर्क को बनाए रखना और मज़बूत करना।
- एकीकृत संरक्षण:
- अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय जलवायु, जैव विविधता तथा सतत् विकास रणनीतियों में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की निरंतर सुरक्षा को एकीकृत करना।
- यह पेरिस जलवायु समझौते, 2020 के बाद के वैश्विक जैव विविधता ढाँचे और सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिये।
- विरासत स्थलों का संरक्षण:
सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान (Sundarban National Park)
- यह पश्चिम बंगाल के कोलकाता के दक्षिण-पूर्व में स्थित है और गंगा डेल्टा का हिस्सा है।
- बंगाल की खाड़ी में गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के डेल्टा पर सुंदरबन मैंग्रोव वन हैं।
- यह क्षेत्र जीवों की विस्तृत शृंखला के लिये जाना जाता है। यह कई दुर्लभ और विश्व स्तर पर खतरे में पड़ी वन्यजीव प्रजातियों जैसे कि एश्चुरीयन मगरमच्छ, रॉयल बंगाल टाइगर, वाटर मॉनिटर छिपकली, गंगा डॉल्फिन और ओलिव रिडले कछुए का निवास है ।
विश्व विरासत समुद्री कार्यक्रम
- यह उष्णकटिबंधीय से ध्रुवों तक फैले अद्वितीय समुद्री स्थानों का एक वैश्विक संग्रह है।
- अभी तक इस सूची में 37 देशों में 50 अद्वितीय महासागर स्थल शामिल हैं जिनको उनकी अद्वितीय समुद्री जैव विविधता, विशिष्ट पारिस्थितिकी तंत्र, अद्वितीय भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं या अतुलनीय सुंदरता के लिये मान्यता दी गई है।
- इस कार्यक्रम के तहत भारत का सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान एकमात्र सूचीबद्ध स्थल है।
विश्व धरोहर स्थल
- विश्व धरोहर स्थल एक ऐसा स्थान है जो यूनेस्को द्वारा अपने विशेष सांस्कृतिक या भौतिक महत्त्व के लिये सूचीबद्ध है।
- विश्व धरोहर स्थलों की सूची का रखरखाव यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा प्रशासित अंतर्राष्ट्रीय 'विश्व विरासत कार्यक्रम' के तहत किया जाता है।
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय संधि में सन्निहित है जिसे विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन कहा जाता है, जिसे 1972 में यूनेस्को द्वारा अपनाया गया था।
- भारत में 40 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं। नवीनतम शामिल स्थल गुजरात में धोलावीरा है।