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प्रिलिम्स फैक्ट्स: 23 जुलाई, 2021

  • 23 Jul 2021
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विश्व धरोहर स्थलों की सूची से बाहर हुआ लिवरपूल

UNESCO Delists Liverpool of Its World Heritage Status 

हाल ही में इंग्लैंड के लिवरपूल शहर को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) की विश्व धरोहर स्थलों की सूची से बाहर कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

लिवरपूल:

Liverpool

  • इस बंदरगाह शहर को इसकी स्थापत्य सुंदरता के लिये प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया था और 18वीं तथा 19वीं शताब्दी के दौरान विश्व के सबसे महत्त्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक के रूप में इसकी भूमिका को मान्यता दी गई थी।
  • इसे वर्ष 2004 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था, जिसे चीन की महान दीवार, ताजमहल और पीसा की झुकी हुई मीनार जैसे सांस्कृतिक स्थलों के साथ इस सूची में शामिल किया गया था।
    • लिवरपूल इस प्रतिष्ठित सूची से हटाया जाने वाला तीसरा स्थल है।

सूची से हटाए जाने का कारण:

  • नई इमारतें जिनमें फुटबॉल स्टेडियम हैं, इसके विक्टोरियन डॉक के आकर्षण को कम करने के साथ-साथ तट के विरासत मूल्य को नष्ट कर रही हैं।
  • अति विकास ऐतिहासिक बंदरगाह की विरासत को अपरिवर्तनीय रूप से नुकसान पहुँचाएगा।

अन्य असूचीबद्ध स्थल:

  • वर्ष 2007 में ओमान में वन्यजीव अभयारण्य।
    • कारण: अवैध शिकार और निवास स्थान की क्षति।
  • वर्ष 2009 में जर्मनी में ड्रेसडेन एल्बे घाटी।
    • कारण: नदी के ऊपर चार लेन का मोटरवे पुल बनाया गया था।

विश्व धरोहर स्थल

परिचय:

  • विश्व धरोहर स्थल एक ऐसा स्थान है जो यूनेस्को द्वारा अपने विशेष सांस्कृतिक या भौतिक महत्त्व के लिये सूचीबद्ध है। विश्व धरोहर स्थलों की सूची का रखरखाव यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा प्रशासित अंतर्राष्ट्रीय 'विश्व विरासत कार्यक्रम' द्वारा किया जाता है।
  • इसका उद्देश्य विश्व भर में मानवता के लिये उत्कृष्ट मूल्यों के रूप में मानी जाने वाली सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत की पहचान और उसका संरक्षण करना है।
  • यह सूची यूनेस्को द्वारा वर्ष 1972 में अपनाई गई ‘विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन’ नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संधि में सन्निहित है।
    • यह विश्व भर में सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक क्षेत्रों के संरक्षण तथा संरक्षण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है।

प्रकार: 

  • सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) स्थलों में ऐतिहासिक इमारत, शहर स्थल, महत्त्वपूर्ण पुरातात्त्विक स्थल, स्मारकीय मूर्तिकला और पेंटिंग कार्य शामिल किये जाते हैं।
  • प्राकृतिक विरासत (Natural Heritage) में उत्कृष्ट पारिस्थितिक और विकासवादी प्रक्रियाएँ, अद्वितीय प्राकृतिक घटनाएँ, दुर्लभ या लुप्तप्राय प्रजातियों के आवास स्थल आदि शामिल किये जाते हैं।
  • मिश्रित विरासत (Mixed Heritage) स्थलों में प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार के महत्त्वपूर्ण तत्त्व शामिल होते हैं।

भारत में विश्व धरोहर स्थल:

  • भारत में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 38 विरासत धरोहर स्थल (30 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित) हैं। इनमें शामिल जयपुर शहर (राजस्थान) सबसे नया है।

गाँव बूरा: असम

The Gaon Buras

हाल ही में असम मंत्रिमंडल ने घोषणा की है कि ज़िला प्रशासन के ग्राम स्तर के अधिकारी जिन्हें ‘गाँव बूरा’ कहा जाता है, को अब 'गाँव प्रधान' कहा जाएगा।

  • सरकार ने तर्क दिया है कि कई युवा पुरुष (और महिलाएँ) ‘गाँव बूरा’ बन रहे हैं, इसलिये 'बूरा' (‘असमी’ भाषा में जिसका अर्थ है ‘पुराना’) शब्द अब उपयुक्त नहीं है।

प्रमुख बिंदु

‘गाँव बूरा’

  • ‘गाँव बूरा’, ग्राम प्रधान होते हैं। वे ग्राम स्तर पर ज़िला प्रशासन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • असम में करीब 6,000 ‘गाँव बूरा’ हैं। ‘गाँव बूरा' के रूप में महिलाओं का चुना जाना बहुत आम नहीं हैं और अक्सर पति की मृत्यु के बाद वे यह पद संभाल लेती हैं।

इतिहास

  • यह एक औपनिवेशिक युग की व्यवस्था है, तब अंग्रेज़ अधिकारियों द्वारा गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति को मुखिया के रूप में नियुक्त किया जाता था, जो एक विशेष क्षेत्र में भूमि और राजस्व से संबंधित मामलों की देखरेख करते थे।
  • स्वतंत्रता के बाद भी सरकार ने ‘गाँव बूरा’ की व्यवस्था को जारी रखा और ‘गाँव बूरा’ को असम राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का औपचारिक हिस्सा बना दिया गया, साथ ही उनकी ज़िम्मेदारियों को भी बढ़ा दिया तथा उनकी भूमिका के लिये उन्हें एक छोटा मानदेय भी दिया जाने लगा।
  • अरुणाचल प्रदेश में भी ‘गाँव बूरा’ सबसे महत्त्वपूर्ण ग्राम स्तर के पदाधिकारी हैं।

कर्तव्य:

  • गाँव के जनसंख्या रजिस्टर को व्यवस्थित रखना, भूमि अभिलेखों का रखरखाव, पुलिस को अपराध की जाँच में मदद करना आदि।
  • इसमें अब गाँव में कोविड-19 मामलों का विवरण रखना, टीकाकरण शिविर आयोजित करना, चुनाव के दौरान बूथ स्तर के अधिकारियों के रूप में कार्य करना आदि शामिल हैं।
  • 'गाँव बूरा प्रमाण पत्र' (Gaon Bura Certificate) जारी करना। यह एक ऐसा प्रमाण पत्र है जो किसी विशेष गाँव में स्थायी निवास को प्रमाणित करता है।
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