हू इज़ टिपिंग द स्केल रिपोर्ट: IPES | 02 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:फूड गवर्नेंस, ब्लूवॉशिंग, CGIAR, खाद्य एवं कृषि संगठन, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, संयुक्त राष्ट्र मेन्स के लिये:हू इज़ टिपिंग द स्केल रिपोर्ट: IPES |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इंटरनेशनल पैनल ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन सस्टेनेबल फूड सिस्टम्स (IPES) द्वारा "हू इज़ टिपिंग द स्केल" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि कैसे वैश्विक खाद्य प्रशासन पर कॉर्पोरेट वर्चस्व बढ़ता जा रहा है एवं यह ब्लूवॉशिंग के बारे में चिंताएँ बढ़ा रहा है।
ब्लूवाशिंग:
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प्रमुख बिंदु
- खाद्य प्रशासन पर निगम का प्रभाव:
- प्रशासन के क्षेत्र में वैध अभिनेता होने का दावा करने वाली फर्मों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- हाल के दशकों में निगम सरकारों को यह विश्वास दिलाने में सफल रहे हैं कि खाद्य प्रणालियों के भविष्य पर होने वाली किसी भी चर्चा में उनकी केंद्रीय भूमिका होनी चाहिये।
- निगम भागीदारी ने निर्णय लेने पर अधिक प्रभाव वाले वैश्विक खाद्य प्रशासन संस्थानों और निगमों हेतु धन का एक प्रमुख स्रोत प्रदान किया है।
- खाद्य प्रशासन में कॉर्पोरेट भूमिका का सामान्यीकरण:
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी और बहु-हितधारक गोलमेज़ (राउंडटेबल्स) द्वारा खाद्य प्रशासन एवं निर्णय लेने में निजी निगमों की भूमिका को सामान्य कर दिया गया है, जबकि सार्वजनिक प्रशासन की पहल निजी वित्तपोषण पर बहुत अधिक निर्भर हो गई है।
- संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन, 2021 को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशासन में कॉर्पोरेट प्रभाव के महत्त्व पर प्रकाश डालने हेतु एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में वर्णित किया गया था।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी और बहु-हितधारक गोलमेज़ (राउंडटेबल्स) द्वारा खाद्य प्रशासन एवं निर्णय लेने में निजी निगमों की भूमिका को सामान्य कर दिया गया है, जबकि सार्वजनिक प्रशासन की पहल निजी वित्तपोषण पर बहुत अधिक निर्भर हो गई है।
- कॉर्पोरेट प्रभाव पर चिंता:
- नागरिक सामाजिक संगठनों, खाद्य वैज्ञानिकों ने यह चिंता व्यक्त की है कि खाद्य प्रशासन में निगमों की बढ़ती भागीदारी से जनता की भलाई और लोगों तथा समुदायों के अधिकारों पर प्रभाव पड़ सकता है।
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कॉर्पोरेट प्रभाव:
- निगमों ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से वैश्विक खाद्य प्रशासन को प्रभावित किया है।
- बेहतर पोषण हेतु वैश्विक गठबंधन, खाद्य एवं भूमि उपयोग गठबंधन और पोषण गतिविधियों में वृद्धि करने से वैश्विक खाद्य प्रणालियों के प्लेटफॉर्म में कॉर्पोरेट प्रभाव देखा जा सकता है।
- निजी क्षेत्र के उद्यमों द्वारा राजनैतिक और संस्थागत अनुदान, व्यापार और निवेश नियमों एवं अनुसंधान रणनीतियों का नियमन और वैश्विक खाद्य प्रणालियों के विविध संरचनात्मक पहलू अन्य न्यून प्रभावी तरीके थे जिनमें खाद्य प्रणाली शासन में कॉर्पोरेट प्रभाव देखा गया था।
- कॉर्पोरेट भागीदारी बढ़ने का कारण:
- कोविड-19 महामारी, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और खाद्य मुद्रास्फीति ने मिलकर कॉर्पोरेट भागीदारी के मुद्दे को बढ़ावा दिया।
- इन संकटों के बाद सरकारों और बहुपक्षीय एजेंसियों को निवेश की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- कॉर्पोरेट भागीदारी की घटनाएँ:
- अंतर्राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान पर सलाहकार समूह (CGIAR) खाद्य उद्योग से जुड़े निजी फर्मों और निजी परोपकारी संस्थानों के वित्तपोषण पर निर्भर था।
- बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, जो वर्ष 2020 में CGIAR का दूसरा सबसे बड़ा दानकर्त्ता था, ने लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया, जो संयुक्त राज्य अमेरिका सहित सरकारों द्वारा व्यक्तिगत रूप से दिये गए योगदान से कहीं अधिक था।
- FAO को अपने पूरे इतिहास में उद्योग साझेदारी के माध्यम से निगमों के साथ घनिष्ठ सहयोग करने के लिये भी जाना जाता है। हालाँकि इन योगदानों के बारे में विवरण आसानी से उपलब्ध नहीं थे।
वैश्विक खाद्य प्रशासन में अत्यधिक कॉर्पोरेट भागीदारी से संबंधित चुनौतियाँ?
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सुझाव:
- मानवाधिकारों पर आधारित एक ठोस शिकायत नीति और नए कार्यतंत्र की स्थापना की जानी चाहिये जो जन संगठनों, सामाजिक आंदोलनों और अन्य नागरिक समाज अभिकर्त्ताओं को अपनी शर्तों पर खाद्य प्रशासन में भाग लेने की अनुमति प्रदान करता हो।
- जन संगठनों और सामाजिक आंदोलनों के दावों एवं प्रस्तावों के लिये स्वायत्त प्रक्रियाओं का निर्धारण किया जाना चाहिये, विशेष रूप से उनके लिये जो हाशिये के समुदायों के लिये एजेंसी का निर्माण करते हैं।