सामाजिक न्याय
UNAIDS रिपोर्ट: HIV/AIDS के विरुद्ध लड़ाई में प्रगति और चुनौतियाँ
- 19 Jul 2023
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व एड्स दिवस, एड्स, एचआईवी मेन्स के लिये:वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर एड्स की स्थिति, एड्स, HIV, संबंधित पहल |
चर्चा में क्यों?
HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (Joint United Nations Programme on HIV/AIDS- UNAIDS) द्वारा "द पाथ दैट एंड्स एड्स" शीर्षक से एक हालिया रिपोर्ट में इस बीमारी से निपटने में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला गया है। यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) और ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई में मौजूदा चुनौतियों और प्रगति को उज़ागर करता है।
- यह रिपोर्ट उपचार तक पहुँच सुनिश्चित करने, असमानताओं को दूर करने, सामाजिक भेदभाव से निपटने और पर्याप्त वित्तीयन सुरक्षित करने के लिये निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल देती है
UNAIDS रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
- AIDS के कारण होने वाली मृत्यु और उपचार तक पहुँच:
- वर्ष 2022 में एड्स की वजह से प्रत्येक मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई।
- वर्ष 2022 में विश्व भर में HIV से पीड़ित लगभग 9.2 मिलियन लोगों के पास इलाज तक पहुँच की सुविधा नहीं थी।
- उपचार प्राप्त कर रहे 2.1 मिलियन लोगों में से कई लोग वायरली सप्रेस्ड (HIV से पीड़ित लोगों का प्रतिशत, जिनके प्रति मिलीलीटर रक्त में HIV की 200 से कम प्रतियाँ हों।) नहीं थे।
- उपचार संबंधी प्रगति और वैश्विक लक्ष्य:
- वैश्विक स्तर पर HIV से पीड़ित 39 मिलियन लोगों में से 29.8 मिलियन लोगों को जीवन रक्षक उपचार प्रदान किया जा रहा है।
- वर्ष 2020 और 2022 के बीच प्रत्येक वर्ष 1.6 मिलियन अतिरिक्त लोगों को HIV का उपचार प्रदान किया गया।
- यदि इसी प्रकार प्रगति जारी रही तो वर्ष 2025 तक 35 मिलियन लोगों को HIV उपचार प्रदान करने का वैश्विक लक्ष्य निश्चय ही हासिल किया जा सकता है।
- कुछ क्षेत्रों में उपचार की धीमी प्रगति:
- पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में उपचार की धीमी प्रगति देखी गई।
- इन क्षेत्रों में HIV से पीड़ित दो मिलियन से अधिक लोगों में से केवल आधे को ही वर्ष 2022 में एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (Antiretroviral Therapy) प्राप्त हुई।
- लिंग भेदभाव और उपचार दर:
- उप-सहारा अफ्रीका, कैरेबियन, पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में HIV से पीड़ित पुरुषों को महिलाओं की तुलना में उपचार मिलने की संभावना कम है।
- उपचार तक समान पहुँच सुनिश्चित करने के लिये लिंग भेदभाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- बच्चों पर प्रभाव:
- वर्ष 2010 से 2022 तक बच्चों में एड्स के कारण मृत्यु के आँकड़ों में 64% तक की कमी आई।
- हालाँकि वर्ष 2022 में लगभग 84,000 बच्चों की HIV से मृत्यु हो गई।
- वर्ष 2022 में HIV से पीड़ित 1.5 मिलियन बच्चों में से लगभग 43% को उपचार नहीं मिला।
- वर्ष 2010 से 2022 तक बच्चों में एड्स के कारण मृत्यु के आँकड़ों में 64% तक की कमी आई।
- HIV रोकथाम में चुनौतियाँ:
- उप-सहारा अफ्रीका में सभी नए HIV संक्रमण से पीड़ितों में 63% महिलाएँ और लड़कियाँ हैं।
- इस क्षेत्र में HIV की अधिक घटनाओं वाले 42 प्रतिशत ज़िलों में ही विशेष रोकथाम कार्यक्रम हैं।
- इस अंतर को दूर करने के लिये उन्नत रोकथाम प्रयासों की आवश्यकता है।
- कोषीय अंतराल:
- रोकथाम निधि में वृद्धि वाले क्षेत्रों में HIV की घटनाओं में गिरावट आई है।
- पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका को कोष की कमी के कारण HIV महामारी में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- वर्ष 2022 में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में HIV कार्यक्रमों के लिये केवल 20.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर उपलब्ध थे, जो वर्ष 2025 तक आवश्यक 29.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था।
- अस्थिर कोष स्तर:
- वर्ष 2010 की शुरुआत में कोष में काफी वृद्धि हुई, लेकिन तब से यह वर्ष 2013 के स्तर पर वापस आ गया है।
- वर्ष 2022 में पिछले वर्ष की तुलना में कोष में 2.6% की गिरावट आई, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में HIV कार्यक्रमों के लिये केवल 20.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर उपलब्ध थे।
- फंडिंग का अंतर महत्त्वपूर्ण बना हुआ है, क्योंकि वर्ष 2025 तक आवश्यक राशि 29.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम:
- यह सतत् विकास लक्ष्यों के हिस्से के रूप में वर्ष 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के वैश्विक प्रयास का नेतृत्व कर रहा है। इसकी शुरुआत वर्ष 1996 में की गई थी।
- UN-AIDS का दृष्टिकोण HIV संक्रमण को शून्य करने के साथ इससे होने वाली मृत्यु को समाप्त करना तथा किसी को भी पीछे न छोड़ने के सिद्धांत पर कार्य करना है।
- एड्स को समाप्त करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक घोषणा को वर्ष 2016 में अपनाया गया था, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करना है।
AIDS:
- परिचय:
- AIDS, HIV के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक संभावित जीवन-घातक स्वास्थ्य स्थिति है जो संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता में हस्तक्षेप करती है।
- HIV शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में CD4, एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका (T कोशिकाएँ) पर हमला करता है।
- T कोशिकाएँ वे कोशिकाएँ हैं जो शरीर की कोशिकाओं में विसंगतियों और संक्रमण का पता लगाती हैं।
- शरीर में प्रवेश करने के बाद HIV स्वयं की वृद्धि करता है और CD4 कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जिससे मानव प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती है। एक बार यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाए तो इसे कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता है।
- HIV से संक्रमित व्यक्ति के CD4 की संख्या काफी कम हो जाती है। एक स्वस्थ शरीर में CD4 की संख्या 500-1600 के बीच होती है, लेकिन संक्रमित शरीर में यह कम होकर 200 तक भी पहुँच सकती है।
- प्रसार:
- एचआईवी (HIV) किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के कुछ तरल पदार्थों (रक्त, वीर्य, आदि) के संपर्क में आने से फैलता है।
- एचआईवी संचरण में असुरक्षित यौन संबंध, दूषित सुइयों का उपयोग करना और बच्चे के जन्म या स्तनपान के दौरान माँ से बच्चे में प्रसारित होना शामिल है।
- लक्षण:
- इसके शुरुआती लक्षणों में थकान, बुखार और घाव/फोड़ा शामिल हैं।
- एड्स (AIDS) के बढ़ने से निमोनिया और कुछ कैंसर जैसे गंभीर लक्षण हो सकते हैं।
- निवारण:
- माँ से बच्चे में संक्रमण को रोकने के लिये सावधानियाँ बरती जा सकती हैं।
- इसका शीघ्र निदान और उपचार किया जाना चाहिये।
- समग्र सुरक्षा के लिये विवाह पूर्व एचआईवी परीक्षण पर विचार किया जा सकता है।
- यौन संचारित रोगों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षात्मक तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिये।
एड्स रोग पर अंकुश लगाने के लिये भारत की पहल:
- एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017:
- इस अधिनियम के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारें एचआईवी या एड्स के प्रसार को रोकने के लिये उपाय सुनिश्चित करेंगी।
- ART तक पहुँच:
- भारत ने विश्व में एचआईवी से पीड़ित 90 प्रतिशत से अधिक लोगों के लिये एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) को सस्ता और सुलभ बना दिया है।
- समझौता ज्ञापन (MoU):
- वर्ष 2019 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग तथा एचआईवी/एड्स से पीड़ित बच्चों और लोगों के खिलाफ सामाजिक कलंक एवं भेदभाव की घटनाओं को कम करने हेतु एचआईवी/एड्स उपचार को बढ़ाने के लिये सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
- प्रोजेक्ट सनराइज़:
- वर्ष 2016 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में विशेषकर नशीली दवाओं का इंजेक्शन लेने वाले लोगों में बढ़ते एचआईवी प्रसार से निपटने हेतु यह प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सी बीमारी टैटू बनवाने के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित हो सकती है? (2013)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) |