शासन व्यवस्था
विश्व एड्स दिवस
- 01 Dec 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व एड्स दिवस, एड्स, HIV मेन्स के लिये:विश्व स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर एड्स की स्थिति, एड्स, HIV, संबंधित पहल |
चर्चा में क्यों?
विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 01 दिसंबर को पूरी दुनिया में इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन सभी लोगों को याद करने के लिये मनाया जाता है जिन्होंने इससे अपनी जान गँवाई है।
विश्व एड्स दिवस
- परिचय:
- इसकी शुरुआत वर्ष 1988 में 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (WHO) द्वारा की गई थी और यह 'एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' (एड्स) के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से घोषित पहला 'वैश्विक स्वास्थ्य दिवस' था।
- थीम 2022:
- ‘इक्विलाइज़ (Equalize)/ समानता
- यह HIV परीक्षण, रोकथाम और HIV देखभाल तक पहुँच में बाधाएँ पैदा करने वाली असमानताओं को खत्म करने के लिये लोगों को विश्व स्तर पर एकजुट होने हेतु प्रोत्साहित करता है।
- ‘इक्विलाइज़ (Equalize)/ समानता
- महत्त्व:
- विश्व एड्स दिवस अंतर्राष्ट्रीय समुदायों तथा सरकारों को याद दिलाता है कि HIV का अभी पूरी तरह से उन्मूलन किया जाना बाकी है। इस दिशा में अधिक धन जुटाने, जागरूकता बढ़ाने, पूर्वाग्रह को समाप्त करने और साथ ही लोगों को इस बारे में शिक्षित किया जाना महत्त्वपूर्ण है।
- यह दिवस दुनिया भर में एचआईवी ग्रसित लाखों लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर प्रदान करता है।
एड्स (AIDS) रोग:
- परिचय:
- एड्स (अक्वायर्ड इम्युनो डेफिशिएंसी सिन्ड्रोम) एक गंभीर बीमारी है जो ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होती है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा को गंभीर नुकसान पहुँचता है तथा इसके कारण किसी व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
- HIV का वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सीडी4 (CD4) नामक श्वेत रक्त कोशिका (टी-सेल्स) पर हमला करता है।
- टी कोशिकाएँ वे कोशिकाएँ होती हैं जो शरीर की अन्य कोशिकाओं में विसंगतियों और संक्रमण का पता लगाती हैं।
- शरीर में प्रवेश करने के बाद HIV की संख्या बढ़ती जाती है और कुछ ही समय में वह CD4 कोशिकाओं को नष्ट कर देता है एवं मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाता है। विदित हो कि एक बार जब यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो इसे पूर्णतः समाप्त करना काफी मुश्किल है।
- HIV से संक्रमित व्यक्ति की CD4 कोशिकाओं में काफी कमी आ जाती है। ज्ञातव्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में इन कोशिकाओं की संख्या 500-1600 के बीच होती है, परंतु HIV से संक्रमित लोगों में CD4 कोशिकाओं की संख्या 200 से भी नीचे जा सकती है।
- प्रसार:
- एचआईवी कई स्रोतों के माध्यम से फैल सकता है एचआईवी रक्त, वीर्य (Semen) योनि स्राव (Vaginal Fluid), गुदा तरल पदार्थ (Anal Fluid) और स्तन के दूध सहित शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
- लक्षण:
- एक बार जब एचआईवी एड्स में परिवर्तित हो जाता है तो प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, माँसपेशियों में दर्द, गले में खराश, रात में पसीना आना, ग्रंथियों का बढ़ जाना, शरीर पर लाल चकत्ते, जननांगों या गर्दन के आसपास घाव, निमोनिया, थकान, कमज़ोरी, वजन का अचानक गिरना और छाले (thrush) शामिल हैं।
- रोकथाम:
- सुरक्षात्मक तकनीकों का उपयोग करना।
- दूषित सुइयों के उपयोग से बचना।
- माँ से बच्चे में संचरण को रोकना।
- अगर किसी को अपने शरीर में संक्रमण के बारे में पता है तो सही उपचार सुनिश्चित करना।
- शादी से पहले प्री-मैरिटल टेस्ट के सेट का विकल्प चुनना जिसमें एचआईवी टेस्ट शामिल हो, यह साथ ही अन्य यौन संचारित रोगों से सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
AIDS की वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति:
- वैश्विक:
- HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (UNAIDS) के अनुसार, 2021 तक, 38.4 मिलियन लोग HIV के साथ रह रहे थे, जिनमें से 1.7 मिलियन बच्चे थे।
- HIV के साथ रहने वाले सभी लोगों में से 54% महिलाएँ और लड़कियां थीं।
- HIV के साथ रहने वाले सभी लोगों में से 85% 2021 में अपनी HIV स्थिति जानते थे।
- 2021 में AIDS से संबंधित बीमारियों से 6,50,000 लोगों की मौत हुई।
- HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (UNAIDS) के अनुसार, 2021 तक, 38.4 मिलियन लोग HIV के साथ रह रहे थे, जिनमें से 1.7 मिलियन बच्चे थे।
- राष्ट्रीय:
- UNAIDS के अनुसार, 2021 में भारत में अनुमानित 2.4 मिलियन लोग HIV के साथ रह रहे थे जिसमें 70,000 बच्चे हैं।
- महाराष्ट्र में सबसे अधिक संख्या थी, इसके बाद आंध्र प्रदेश और कर्नाटक थे।
AIDS रोग को रोकने के लिए भारत की विभिन्न पहलें:
- एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017: इस अधिनियम के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारें एचआईवी या एड्स के प्रसार को रोकने के लिये उपाय करेंगी।
- ART तक पहुँच:
- भारत ने एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) को दुनिया में एचआईवी के साथ रहने वाले 90 प्रतिशत से अधिक लोगों के लिये सस्ती और सुलभ बना दिया है।
- समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding- MoU):
- HIV/AIDS संबंधी जागरूकता में सुधार लाने और मादक द्रव्यों के दुरुपयोग के पीड़ितों, बच्चों और HIV/AIDS संक्रमण वालों के साथ रहने वाले लोगों के खिलाफ सामाजिक दुर्व्यवहार तथा भेदभाव को कम करने के लिये, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2019 एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
- प्रोजेक्ट सनराइज:
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 में उत्तर-पूर्वी राज्यों में बढ़ते HIV के प्रसार से निपटने हेतु, विशेष रूप से ड्रग्स इंजेक्शन का प्रयोग करने वाले लोगों में इसके प्रयोग को रोकने हेतु 'प्रोजेक्ट सनराइज़' (Project Sunrise) को शुरू किया गया था।