विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
आर्टेमिस 1 हेतु तीसरा प्रयास
- 17 Nov 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), आर्टेमिस I, मून मिशन, चंद्रयान प्रोजेक्ट, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), हिस्ट्री ऑफ मून एक्सप्लोरेशन मेन्स के लिये:अंतरिक्ष अन्वेषण, चंद्रमा मिशन, चंद्रमा पर मानव भेजना। |
चर्चा में क्यों?
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने 16 नवंबर, 2022 को अपने मानव रहित चंद्रमा मिशन आर्टेमिस I को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
- दो महीनों में तकनीकी विफलताओं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई देरी के बाद स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल में कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है।
आर्टेमिस I मिशन
- आर्टेमिस I नासा का मानव रहित मिशन है।
- नासा के आर्टेमिस मिशन को चंद्र अन्वेषण की अगली पीढ़ी के रूप में जाना जाता है तथा इसका नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं से अपोलो की जुड़वाँ बहन के नाम पर रखा गया है।
- यह एजेंसी के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट और ओरियन क्रू कैप्सूल का परीक्षण करेगा।
- SLS वर्ष 1960 और 1970 के दशक में इस्तेमाल किये गए सैटर्न वी रॉकेट के बाद से नासा द्वारा बनाई गई सबसे बड़ी नई ऊर्ध्वाधर लॉन्च प्रणाली है।
- आर्टेमिस I आने वाले दशकों में चंद्रमा पर दीर्घकालिक मानव उपस्थिति हेतु जटिल मिशनों की शृंखला में पहला मिशन होगा।
- आर्टेमिस I का प्राथमिक लक्ष्य स्पेसफ्लाइट वातावरण में ओरियन के सिस्टम का प्रदर्शन करना है और आर्टेमिस II के क्रू की पहली उड़ान से पूर्व सुरक्षित पुन: प्रवेश और पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करना है।
- आर्टेमिस I का प्राथमिक लक्ष्य स्पेसफ्लाइट वातावरण में ओरियन के सिस्टम का प्रदर्शन करना है और आर्टेमिस II के क्रू की पहली उड़ान से पूर्व सुरक्षित पुन: प्रवेश और पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करना है।
- यह केवल एक चंद्र ऑर्बिटर मिशन है, अधिकांश ऑर्बिटर मिशनों के विपरीत इसका पृथ्वी पर वापस आने का लक्ष्य है।
आर्टेमिस I मिशन का महत्त्व:
- आर्टेमिस I उस नए अंतरिक्ष युग में पहला कदम है जो मनुष्यों को नई दुनिया में ले जाने, अन्य ग्रहों पर उतरने और रहने या शायद एलियंस से मिलने के वादे का पूरा करेगा।
- यह जिन क्यूबसैट को ले जाएगा, वे विशिष्ट जाँच और प्रयोगों के लिये उपकरणों से लैस हैं, जिसमें पानी की खोज और हाइड्रोजन भी शामिल है इन्हें ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- इसमें जीव विज्ञान संबंधी प्रयोग किये जाएंगे और ओरियन पर डमी 'यात्रियों' के माध्यम से मनुष्यों पर गहरे अंतरिक्ष वातावरण के प्रभाव की भी जाँच की जाएगी।
आगामी आर्टेमिस मिशन:
- आर्टेमिस II:
- इसे वर्ष 2024 में लॉन्च किया जाएगा।
- आर्टेमिस II में ओरियन पर एक चालक दल होगा जो यह पुष्टि करेगा कि अंतरिक्ष यान के सभी सिस्टम डिज़ाइन किये गए अनुसार काम करें जब इसमें मानव सवार होंगे।
- लेकिन आर्टेमिस II का प्रक्षेपण आर्टेमिस I के समान ही होगा। चार अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल ओरियन पर सवार होगा क्योंकि यह और ICPS चंद्रमा की दिशा में जाने से पूर्व दो बार पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं।
- आर्टेमिस III:
- यह 2025 के लिये निर्धारित है और इसके माध्यम से अपोलो मिशन के बाद पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाने की उम्मीद है।
भारत के चंद्रमा अन्वेषण प्रयास:
- चंद्रयान 1:
- चंद्रयान -1 चंद्रयान परियोजना के तहत चंद्रमा पर भारत का पहला मिशन था।
- इसे अक्तूबर 2008 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) SHAR, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 29 अगस्त, 2009 को चंद्रयान-1 के साथ संचार खो दिया।
- चंद्रयान-2:
- चंद्रयान-2 चंद्रमा पर भारत का दूसरा मिशन है और इसमें पूरी तरह से स्वदेशी ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) तथा रोवर (प्रज्ञान) का उपयोग करना शामिल हैं।
- रोवर (प्रज्ञान) को विक्रम लैंडर के अंदर रखा गया है।
- चंद्रयान-3:
- इसरो ने हाल ही में भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की घोषणा की, जिसमें एक लैंडर और एक रोवर शामिल होगा।
- इसरो ने हाल ही में भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की घोषणा की, जिसमें एक लैंडर और एक रोवर शामिल होगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से युग्म सही है/हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। |