भारतीय प्रवासी समुदाय | 10 Jan 2023
प्रिलिम्स के लिये:प्रवासी भारतीय दिवस (PBD), अनिवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO), भारत के विदेशी नागरिक (OCI) मेन्स के लिये:भारतीय प्रवासी: महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) के अवसर पर मध्य प्रदेश में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया।
- वर्ष 2003 में शुरू हुआ यह सम्मेलन पिछले कुछ वर्षों में आकार एवं दायरे में काफी बड़ा हो गया है, खासकर वर्ष 2015 के बाद से जब वार्षिक सम्मेलन द्विवार्षिक हो गया।
भारतीय प्रवासी समुदाय (डायस्पोरा):
- उत्पत्ति:
- शब्द ‘डायस्पोरा’ ग्रीक शब्द डायस्पेयरिन से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘फैलाव’। गिरमिटिया व्यवस्था के तहत भारतीयों के पहले जत्थे को गिरमिटिया मज़दूरों के रूप में पूर्वी प्रशांत और कैरेबियाई द्वीपों में ले जाए जाने के बाद से भारतीय प्रवासियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है।
- वर्गीकरण:
- अनिवासी भारतीय (NRI): NRI वे भारतीय हैं जो विदेशों के निवासी हैं। एक व्यक्ति को NRI माना जाता है यदि:
- वह वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों या उससे अधिक समय तक भारत में नहीं रहा है या;
- यदि वह उस वर्ष से पहले 4 वर्षों के दौरान 365 दिनों से कम और उस वर्ष में 60 दिनों से कम समय तक भारत में रहा है।
- भारतीय मूल के व्यक्ति (Persons of Indian Origin- PIO): PIO विदेशी नागरिक को संदर्भित करता है (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, ईरान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को छोड़कर) जो:
- वह व्यक्ति जिसके पास भारतीय पासपोर्ट हो या उनके माता-पिता/दादा दादी/परदादा-दादी में से कोई भी भारत सरकार अधिनियम, 1935 द्वारा परिभाषित भारतीय क्षेत्र में पैदा हुआ था और स्थायी रूप से निवास किया था या जिसकी शादी किसी भारतीय नागरिक या PIO से हुई है।
- PIO श्रेणी को वर्ष 2015 में समाप्त कर OCI श्रेणी के साथ विलय कर दिया गया था।
- वह व्यक्ति जिसके पास भारतीय पासपोर्ट हो या उनके माता-पिता/दादा दादी/परदादा-दादी में से कोई भी भारत सरकार अधिनियम, 1935 द्वारा परिभाषित भारतीय क्षेत्र में पैदा हुआ था और स्थायी रूप से निवास किया था या जिसकी शादी किसी भारतीय नागरिक या PIO से हुई है।
- प्रवासी भारतीय नागरिक (Overseas Citizens of India- OCIs): वर्ष 2005 में OCIs की एक अलग श्रेणी बनाई गई थी। विदेशी नागरिक को OCIs कार्ड दिया जाता है जो:
- 26 जनवरी, 1950 को भारत का नागरिक होने के योग्य था।
- 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद किसी भी समय भारत का नागरिक था या 15 अगस्त, 1947 के बाद भारत का हिस्सा बनने वाले क्षेत्र से संबंधित था।
- ऐसे व्यक्तियों के नाबालिग बच्चे, सिवाय उनके जो पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक हैं, भी OCIs कार्ड के लिये पात्र हैं।
- अनिवासी भारतीय (NRI): NRI वे भारतीय हैं जो विदेशों के निवासी हैं। एक व्यक्ति को NRI माना जाता है यदि:
भौगोलिक विस्तार:
- विश्व प्रवासन रिपोर्ट, 2022 के अनुसार, वर्ष 2020 में दुनिया की सबसे बड़ी प्रवासी आबादी भारत में है, जो इसे विश्व स्तर पर शीर्ष मूल देश बनाती है, इसके बाद मेक्सिको, रूस और चीन का स्थान आता है।
- वर्ष 2022 में सरकार द्वारा संसद में साझा किये गए आँकड़ों से पता चला है कि भारतीय डायस्पोरा का विशाल भौगोलिक विस्तार है। 10 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी देशों में शामिल हैं:
- संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, म्याँमार, मलेशिया, कुवैत और कनाडा।
- प्रेषण (रेमिटेंस):
- वर्ष 2022 में जारी वर्ल्ड बैंक माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ के अनुसार, पहली बार भारत वार्षिक प्रेषण के माध्यम से 100 बिलियन अमेरीकी डॉलर से अधिक प्राप्त करने की राह पर है।
- विश्व प्रवासन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, चीन, मैक्सिको, फिलीपींस और मिस्र शीर्ष पाँच प्रेषण प्राप्तकर्त्ता देश (अवरोही क्रम में) हैं।
भारतीय डायस्पोरा का महत्त्व:
- भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाना: कई विकसित देशों में भारतीय डायस्पोरा सबसे अमीर अल्पसंख्यकों में से एक है। "प्रवासी कूटनीति" के माध्यम से वे लाभ अर्जित कर रहे हैं, जिससे वे अपने गृह तथा डायस्पोरा देशों के बीच "सेतु-निर्माता" के रूप में कार्य करते हैं।
- भारतीय प्रवासी न केवल भारत की सॉफ्ट पावर का एक हिस्सा हैं, बल्कि एक पूरी तरह से हस्तांतरणीय राजनीतिक वोट बैंक भी है।
- इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में भारतीय मूल के व्यक्ति विभिन्न देशों में प्रमुख राजनीतिक पदों पर आसीन हैं, जो संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों में भारत के राजनीतिक प्रभाव को मज़बूत करता है।
- आर्थिक योगदान: भारतीय प्रवासियों द्वारा भेजे गए प्रेषण का भुगतान संतुलन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो व्यापक व्यापार घाटे के अंतर को कम करने में मदद करता है।
- कम कुशल श्रमिकों (विशेष रूप से पश्चिम एशिया में) के प्रवासन ने भारत में प्रच्छन्न बेरोज़गारी को कम करने में मदद की है।
- इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों ने भारत में सूचना, वाणिज्यिक और व्यावसायिक विचारों तथा प्रौद्योगिकियों के प्रवाह को सुगम बनाया।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. अमेरिका एवं यूरोपीय देशों की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रवासियों को एक निर्णायक भूमिका निभानी है। उदाहरणों सहित टिप्पणी कीजिये। (2020) |