नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

वैश्विक AI शासन के लिये हिरोशिमा AI प्रोसेस

  • 15 Jun 2023
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हिरोशिमा AI प्रोसेस, वैश्विक AI शासन, जनरेटिव AI, G-7, OECD, GPAI, IPR

मेन्स के लिये:

वैश्विक AI शासन के लिये हिरोशिमा AI प्रोसेस

चर्चा में क्यों? 

हिरोशिमा AI प्रोसेस (HAP), जिसके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है, को हाल ही में जापान के हिरोशिमा में वार्षिक G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान लॉन्च किया गया था। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के नियमन की दिशा में काफी महत्त्वपूर्ण कदम है।

  • G-7 नेतृत्वकर्त्ताओं की विज्ञप्ति में समावेशी AI शासन के महत्त्व को मान्यता दी गई है और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप भरोसेमंद AI के दृष्टिकोण को अपनाने की बात रखी गई है।

हिरोशिमा AI प्रोसेस:

  • परिचय: 
    • HAP का उद्देश्य भरोसेमंद AI के एक सामान्य दृष्टिकोण और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये समावेशी AI शासन और अंतर-संचालनीयता पर अंतर्राष्ट्रीय चर्चाओं को सुविधाजनक बनाना है।
    • यह देशों और क्षेत्रों में जनरेटिव AI की बढ़ती प्रमुखता की पहचान करता है तथा इससे जुड़े अवसरों एवं चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता पर बल देता है। 
  • कार्यप्रणाली: 
    • HAP आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) तथा वैश्विक भागीदारी पर AI (GPAI) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा।
  • उद्देश्य: 
    • HAP का उद्देश्य AI को इस प्रकार शासित करना है जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखे, निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करे, पारदर्शिता को बढ़ावा दे तथा AI प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
    • इसका उद्देश्य AI से संबंधित चर्चाओं और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, समावेशिता तथा निष्पक्षता को प्रोत्साहित करने वाली प्रक्रियाओं को सुनिश्चित  करना है। 

संभावित चुनौतियाँ और अवसर: 

  • AI से संबंधित जोखिमों को विनियमित करने में G-7 देशों के बीच अलग-अलग दृष्टिकोणों के कारण HAP के समक्ष विभिन्न चुनौतियाँ हैं। हालाँकि इसका उद्देश्य मतभेदों को कम करते हुए महत्त्वपूर्ण नियामक मुद्दों पर एक आम समझ बनाना है। 
  • कई हितधारकों को शामिल करके HAP कृत्रिम बुद्धिमत्ता शासन हेतु संतुलित दृष्टिकोण खोजने का प्रयास करता है जो विविध दृष्टिकोणों पर विचार करने के साथ ही G7 देशों के बीच सद्भाव बनाए रखता है।
  • वर्तमान में ऐसे तीन तरीके हैं जिनमें HAP काम कर सकता है:
    • यह G7 देशों को साझा मानदंडों, सिद्धांतों और मार्गदर्शक मूल्यों के आधार पर भिन्न विनियमन को अपनाने में सक्षम बना सकता है।
    • यह G7 देशों के बीच अलग-अलग विचारों से अभिभूत हो जाता है और कोई सार्थक समाधान देने में विफल रहता है।
    • यह कुछ मुद्दों के समाधान खोजने पर कुछ अभिसरण के साथ मिश्रित परिणाम देता है लेकिन कई अन्य मुद्दों पर सामान्य समाधान खोजने में असमर्थ है। 

GAI के संबंध में IPR के मुद्दे का HAP द्वारा समाधान: 

  • वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights- IPR) के बीच संबंध के संदर्भ में अस्पष्टता है, जिससे विभिन्न न्यायालयों में परस्पर विरोधी व्याख्याएँ एवं कानूनी फैसले होते हैं।
  • HAP AI और IPR के संदर्भ में स्पष्ट नियम और सिद्धांत स्थापित करके योगदान दे सकता है, जिससे G7 देशों को इस मामले पर आम सहमति तक पहुँचने में मदद मिल सके।
  • "उचित उपयोग" अवधारणा, जो कॉपीराइट स्वामी से अनुमति के अनुरोध के बिना शिक्षण, अनुसंधान और आलोचना सहित कुछ गतिविधियों की अनुमति देती है, एक ऐसा विशिष्ट क्षेत्र है जिसे उजागर किया जा सकता है।
    • हालाँकि क्या मशीन लर्निंग में कॉपीराइट सामग्री का उपयोग करना उचित है या नहीं, यह चर्चा का विषय है।
  • G7 देशों हेतु एक सामान्य दिशा-निर्देश विकसित करके HAP कुछ शर्तों के साथ मशीन लर्निंग डेटासेट में कॉपीराइट सामग्री के उचित उपयोग के रूप में स्पष्टता प्रदान कर सकता है। इसके अतिरिक्त यह विशेष रूप से मशीन लर्निंग के लिये कॉपीराइट सामग्री के उपयोग एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित अन्य उपयोगों के बीच अंतर कर सकता है।
  • इस तरह के AI और बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रतिच्छेदन (Intersection) के प्रयास वैश्विक संवाद और प्रथाओं को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

वैश्विक स्तर पर AI का विनियमन:

  • भारत: 
    • नीति आयोग ने AI के लिये राष्ट्रीय रणनीति और रिस्पॉन्सिबल AI फॉर ऑल रिपोर्ट जैसे मुद्दों पर कुछ मार्गदर्शक दस्तावेज़ जारी किये हैं।
    • भारत सामाजिक और आर्थिक समावेशन, नवाचार और विश्वास को प्रोत्साहित करता है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका: 
    • अमेरिका ने AI बिल ऑफ राइट्स (AIBoR) हेतु एक ब्लूप्रिंट जारी किया, जिसमें आर्थिक एवं नागरिक अधिकारों के लिये AI के नकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया गया है तथा इन प्रभावों को कम करने हेतु पाँच सिद्धांत दिये गए हैं।
    • यह ब्लूप्रिंट स्वास्थ्य, श्रम और शिक्षा जैसे कुछ क्षेत्रों में नीतिगत हस्तक्षेप के साथ यूरोपीय संघ की तरह क्षैतिज रणनीति के बजाय AI शासन के लिये क्षेत्रीय विशेष दृष्टिकोण का समर्थन करता है, जिससे क्षेत्रीय संघीय एजेंसियों को अपनी योजनाओं को तैयार करने की अनुमति मिलती है।
  • चीन: 
    • वर्ष 2022 में चीन ने विशिष्ट प्रकार के एल्गोरिदम और AI को लक्षित करने वाले दुनिया के कुछ पहले राष्ट्रीय बाध्यकारी नियम बनाए हैं।
    • इसने अनुशंसा एल्गोरिदम को विनियमित करने हेतु कानून बनाया, जिसमें इस बात पर ध्यान दिया गया कि वे सूचना का प्रसार कैसे करते हैं।
  • यूरोपीय संघ: 
    • मई 2023 में यूरोपीय संसद कृत्रिम बुद्धिमता अधिनियम के एक नए मसौदे पर प्रारंभिक समझौते पर पहुँच गई है, जिसका उद्देश्य OpenAI के ChatGPT जैसी प्रणालियों को विनियमित करना है।
      • वर्ष 2021 में Al में पारदर्शिता, विश्वास और जवाबदेही तथा यूरोपीय संघ की सुरक्षा, स्वास्थ्य, मौलिक अधिकारों एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के जोखिमों को कम करने हेतु एक रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से कानून का मसौदा तैयार किया गया था।

आगे की राह

  • गैर-G7 देशों के पास भी वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को प्रभावित करने के लिये समान प्रक्रियाएँ शुरू करने का अवसर है। इससे पता चलता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक वैश्विक मुद्दा बन गया है जिससे भविष्य में और अधिक जटिलता एवं बहस की संभावना है।
  • इस संदर्भ में भारत सरकार को एक ओपन-सोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिस्क प्रोफाइल बनाने, उच्च जोखिम वाले AI मॉडल के परीक्षण हेतु नियंत्रित अनुसंधान वातावरण स्थापित करने, समझने योग्य AI को बढ़ावा देने, हस्तक्षेप परिदृश्यों को परिभाषित करने तथा सतर्कता बनाए रखने के लिये सक्रिय कदम उठाने चाहिये।
  • एक सरल नियामक ढाँचा स्थापित करना महत्त्वपूर्ण है जो AI की क्षमताओं को परिभाषित करता हो और दुरुपयोग के संभावित क्षेत्रों की पहचान करता हो। व्यवसायों के लिये डेटा तक पहुँच सुनिश्चित करते हुए डेटा गोपनीयता, अखंडता और सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
  • AI प्रणाली की अनिवार्य व्याख्या सुनिश्चित करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और व्यवसायों को निर्णयों के तर्क को समझने में मदद मिलेगी।
  • नीति निर्माताओं को उद्योग विशेषज्ञों और व्यवसायों सहित विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगते हुए विनियमन के दायरे तथा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करना चाहिये। इस प्रकार यह AI नियमों में योगदान देगा जो चिंताओं को दूर करेगा तथा जवाबदेह AI की तैनाती को बढ़ावा देगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020) 

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना 
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना   
  3. रोगों का निदान 
  4. टेक्स्ट से स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण  

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4 
(c) केवल 2, 4 और 5 
(d) 1, 2, 3, 4 और 5 

उत्तर: (b) 

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow