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कृत्रिम बुद्धिमता का विनियमन

  • 05 May 2023
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कृत्रिम बुद्धिमता का विनियमन, OpenAI का ChatGPT, ब्लैक बॉक्स, कृत्रिम बुद्धिमता अधिनियम, रिस्पॉन्सिबल AI फॉर ऑल रिपोर्ट

मेन्स के लिये:

कृत्रिम बुद्धिमता का विनियमन और आगे की राह

चर्चा में क्यों?

यूरोपीय संसद कृत्रिम बुद्धिमता अधिनियम के एक नए मसौदे पर प्रारंभिक समझौते पर पहुँच गई है, जिसका उद्देश्य OpenAI के ChatGPT जैसी प्रणालियों को विनियमित करना है।

  • वर्ष 2021 में Al में पारदर्शिता, विश्वास और जवाबदेही तथा यूरोपीय संघ की सुरक्षा, स्वास्थ्य, मौलिक अधिकारों एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के जोखिमों को कम करने हेतु एक रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से कानून का मसौदा तैयार किया गया था।

EU का कृत्रिम बुद्धिमता अधिनियम:

  • परिचय:
    • यह AI को सॉफ्टवेयर के रूप में परिभाषित करता है जो सामग्री, पूर्व-सूचनाएँ, सिफारिशों या निर्णयों जैसे आउटपुट उत्पन्न करता है।
    • यह उच्चतम जोखिम वाली श्रेणी में AI तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर रीयल-टाइम फेशियल और बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली, नागरिकों का सामाजिक स्कोरिंग, व्यवहार को प्रभावित करने वाले तकनीक और कमज़ोर लोगों का शोषण करने वाली तकनीक शामिल है।
  • केंद्र बिंदु:
    • यह AI सिस्टम पर केंद्रित है जिसमें लोगों के स्वास्थ्य, सुरक्षा या मौलिक अधिकारों को नुकसान पहुँचाने की क्षमता है।
      • इनमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रोज़गार, कानून प्रवर्तन और आवश्यक सेवाओं तक पहुँच में AI शामिल हैं।
    • इससे पहले कि उच्च जोखिम वाले AI सिस्टम को बेचा जाए, ये पारदर्शी, व्याख्या करने योग्य और मानव निरीक्षण की अनुमति देने के लिये सख्त परीक्षण से गुजरेंगे।
    • कम जोखिम वाले AI सिस्टम की आवश्यकताएँ कम हैं जैसे स्पैम फिल्टर या वीडियो गेम।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा से लेकर वित्त तथा ऊर्जा तक विभिन्न क्षेत्रों में नैतिक प्रश्नों एवं कार्यान्वयन चुनौतियों का समाधान करना है।
    • कानून "प्रौद्योगिकी के उपयोग से संबंधित नुकसान को कम करने या रोकने और AI की व्यापकता को बढ़ावा देने" के बीच संतुलन बनाना चाहता है।
      • यूरोपीय संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR), 2018 ने वैश्विक डेटा संरक्षण शासन में इसे उद्योग के नेतृत्त्वकर्त्ता के रूप में स्थापित किया। AI कानून का उद्देश्य "प्रयोगशाला से बाज़ार तक AI में उत्कृष्टता के वैश्विक केंद्र के रूप में यूरोप की स्थिति को मज़बूत करना" और यह सुनिश्चित करना कि यूरोप में AI 27 देशों के ब्लॉक के मूल्यों और नियमों का सम्मान करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को विनियमित करने की आवश्यकता:

  • शामिल जोखिमों को लेकर अनिश्चितता:
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग बढ़ रहा है और जैसे-जैसे तकनीक अधिक उन्नत होती जा रही है वैसे-वैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कार चलाने, कैंसर का पता लगाने आदि जैसे विभिन्न कार्यों में सक्षम हो रही है, जिसके कारण इससे जुड़े जोखिम भी बढ़ रहे हैं।
  • ब्लैक बॉक्स:
    • कुछ AI उपकरण इतने जटिल हैं कि वे "ब्लैक बॉक्स" की तरह हैं। इसका अर्थ यह है कि उन्हें बनाने वाले भी पूरी तरह से नहीं समझ सकते कि वे कैसे काम करते हैं और कुछ निश्चित उत्तरों या निर्णयों के साथ कैसे प्रस्तुत होते हैं।
    • यह एक गुप्त बॉक्स की तरह है जो एक आउटपुट उत्पन्न करता है, लेकिन इसकी कार्यात्मक प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध नहीं है।
  • अशुद्ध और पूर्वाग्रही:
    • AI उपकरण पहले से ही फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के कारण गलत व्यक्ति की गिरफ्तारी, AI प्रणाली में निर्मित पूर्वाग्रहों के कारण अनुचित व्यवहार और हाल ही में GPT-3 एवं 4 जैसे बड़े भाषा मॉडल पर आधारित चैटबॉट के साथ गलत कंटेंट का उत्पादन जैसी समस्याएँ उत्पन्न कर चुके हैं।
    • ये चैटबॉट उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री/कंटेंट का उत्पादन करने में सक्षम हैं, इनमें और मानव द्वारा लिखित सामग्री में भिन्नता बता पाना मुश्किल है परंतु यह हमेशा सटीक अथवा कानूनी रूप से अनुमत नहीं हो सकता है।
  • भविष्य में इसके बर्ताव को लेकर संशय:
    • AI कई अनूठी चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है, क्योंकि पारंपरिक इंजीनियरिंग प्रणालियों के विपरीत, डिज़ाइनर यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि AI प्रणाली किस प्रकार व्यवहार करेगी। उदहारण के लिये जब किसी कारखाने से एक पारंपरिक ऑटोमोबाइल को बाहर भेजा जाता है तो इंजीनियरों को पता होता है कि यह किस प्रकार काम करेगा। परंतु सेल्फ-ड्राइविंग कारों के साथ इंजीनियर यह सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं कि नई स्थितियों में यह कैसा प्रदर्शन करेंगी।

वैश्विक स्तर पर AI का विनियमन:

  • भारत:
    • नीति आयोग ने AI के लिये राष्ट्रीय रणनीति और रिस्पॉन्सिबल AI फॉर ऑल रिपोर्ट जैसे मुद्दों पर कुछ मार्गदर्शक दस्तावेज़ जारी किये हैं।
    • भारत सामाजिक और आर्थिक समावेशन, नवाचार और भरोसे को प्रोत्साहित करता है।
  • ब्रिटेन:
    • ब्रिटेन ने AI के लिये मौजूदा नियमों को लागू करने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में नियामकों से जानकारी एकत्रित करने के लिये सरल दृष्टिकोण को अपनाया है।
    • कंपनियों द्वारा पालन किये जाने वाले पाँच सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए एक श्वेतपत्र प्रकाशित किया गया जिसमें सुरक्षा और मज़बूती; पारदर्शिता और व्याख्यात्मकता; निष्पक्षता; जवाबदेही तथा शासन; प्रतिस्पर्द्धात्मकता एवं निवारण की व्याख्या की गई है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका:
    • अमेरिका ने AI बिल ऑफ राइट्स (AIBoR) हेतु एक ब्लूप्रिंट जारी किया, जिसमें आर्थिक एवं नागरिक अधिकारों के लिये AI के नकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया गया है तथा इन प्रभावों को कम करने हेतु पाँच सिद्धांत दिये गए हैं।
    • यह ब्लूप्रिंट स्वास्थ्य, श्रम और शिक्षा जैसे कुछ क्षेत्रों हेतु नीतिगत हस्तक्षेप के साथ यूरोपीय संघ की तरह क्षैतिज रणनीति के बजाय AI शासन के लिये क्षेत्रीय विशेष दृष्टिकोण का समर्थन करता है, जिससे क्षेत्रीय संघीय एजेंसियों को अपनी योजनाओं को तैयार करने की अनुमति मिलती है।
  • चीन:
    • वर्ष 2022 में चीन ने विशिष्ट प्रकार के एल्गोरिदम और AI को लक्षित करने वाले दुनिया के कुछ पहले राष्ट्रीय बाध्यकारी नियम बनाए हैं।
    • इसने अनुशंसा एल्गोरिदम को विनियमित करने हेतु कानून बनाया, जिसमें इस बात पर ध्यान दिया गया कि वे सूचना का प्रसार कैसे करते हैं।

आगे की राह

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता को विनियमित करने में एक सरल नियामक ढाँचे का निर्माण शामिल है जो AI की क्षमताओं को परिभाषित करता है एवं दुरुपयोग हेतु अतिसंवेदनशील लोगों की पहचान करता है।
  • व्यवसायों की डेटा तक पहुँच सुनिश्चित करते हुए सरकार को डेटा गोपनीयता, अखंडता और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिये।
  • ब्लैक-बॉक्स के दृष्टिकोण को समाप्त करने के लिये एक अनिवार्य स्पष्टीकरण लागू किया जाना चाहिये, जो व्यवसाय हेतु लिये गए प्रत्येक निर्णय के पीछे के तर्क को समझने में मदद करेगा।
  • इसके प्रभावी नियमों को तैयार करने के लिये नीति निर्माताओं को विनियमन के दायरे और इस्तेमाल की जाने वाली शब्दावली के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करनी चाहिये, उन्हें उद्योग के विशेषज्ञों एवं व्यवसायों सहित विभिन्न हितधारकों से इनपुट लेना चाहिये।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न 1. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना
  3. रोगों का निदान
  4. टेक्स्ट-से-स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2018)

कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द संदर्भ/विषय
1. बेल II प्रयोग कृत्रिम बुद्धि
2. ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी डिजिटल/क्रिप्टोकरेंसी
3. CRISPR–Cas9 कण भौतिकी


उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्रोत: द हिंदू

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