भारतीय अर्थव्यवस्था
चाय निर्यात में गिरावट
- 25 Oct 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:चाय के विकास के लिये आवश्यक दशाएँ मेन्स के लिये:चाय के विकास के लिये आवश्यक दशाएँ, चाय के निर्यात में गिरावट का कारण |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत ने चाय के निर्यात में वर्ष 2021 के पहले सात महीनों (जनवरी-जुलाई) में वर्ष 2020 की इसी अवधि की तुलना में लगभग 14.4% की गिरावट दर्ज की है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- वर्ष 2021 के जनवरी से जुलाई महीने के दौरान कुल 100.78 मिलियन किग्रा चाय का निर्यात किया गया, जबकि वर्ष 2020 की समान अवधि में यह 117.56 मिलियन किग्रा था।
- CIS (स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रमंडल) ब्लॉक 24.14 मिलियन किग्रा के साथ चाय का सबसे बड़ा आयातक रहा है, जिसने पिछली इसी समान अवधि में 30.53 मिलियन किग्रा का आयात किया था।
- इस गिरावट के अपवाद केवल यूएसए और यूएई हैं जहाँ वर्ष 2021 की इस अवधि में निर्यात में वृद्धि हुई है।
- गिरावट का कारण:
- ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध:
- भारत की चाय का सबसे बड़ा आयातक ईरान वर्तमान में अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से कम आयात करता है।
- कंटेनरों की अनुपलब्धता:
- चाय के निर्यात में गिरावट के अन्य प्रमुख कारणों में शिपिंग कंटेनरों की अनुपलब्धता है जो कोविड-19 के बाद बहुत महँगे हो गए हैं।
- कम लागत वाली किस्मों की उपलब्धता:
- वैश्विक बाज़ार में कम लागत वाली किस्मों की उपलब्धता और पारंपरिक रूप से मज़बूत आयातक देशों में व्यापार प्रतिबंधों के कारण चाय निर्यात में गिरावट आई है।
- अन्य देशों की चाय की कम कीमत:
- केन्या और श्रीलंका की चाय की कीमत बहुत कम होने से भारतीय चाय निर्यात क्षेत्र को पिछले दो-तीन वर्षों में नुकसान हुआ है।
- केन्याई चाय का औसत नीलामी मूल्य भारतीय औसत नीलामी मूल्य से काफी कम है।
- घरेलू खपत:
- चाय बोर्ड द्वारा वर्ष 2018 में प्रकाशित 'चाय की घरेलू खपत पर अध्ययन के सारांश' के अनुसार, भारत में उत्पादित चाय का लगभग 80% का प्रयोग घरेलू खपत के रूप में किया जाता है।
- पाकिस्तान को निर्यात रोकना:
- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण भारत ने पिछले तीन वर्षों से पाकिस्तान को चाय निर्यात पर रोक लगा रखी है।
- महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था:
- कोरोनावायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था में कई वस्तुओं के उत्पादन में कमी आई है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हुई है। इसने अन्य कई महत्त्वपूर्ण कारणों के साथ-साथ भारत के चाय निर्यात को भी प्रभावित किया है।
- ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध:
चाय
- परिचय:
- चाय कैमेलिया साइनेंसिस के पौधे से बना एक पेय है। पानी के बाद यह दुनिया का सबसे ज़्यादा पिया जाने वाला पेय है।
- उत्पत्ति:
- ऐसा माना जाता है कि चाय की उत्पत्ति उत्तर-पूर्वी भारत, उत्तरी म्याँमार और दक्षिण-पश्चिम चीन में हुई थी, लेकिन यह निश्चित नहीं किया जा सका है कि इनमें से वास्तव में यह पहली बार कहाँ पाई गई थी। इस बात के प्रमाण हैं कि 5,000 साल पहले चीन में चाय का सेवन किया जाता था।
- विकास की आवश्यक दशाएँ:
- जलवायु: चाय एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय पौधा है तथा गर्म एवं आर्द्र जलवायु में इसकी पैदावार अच्छी होती है।
- तापमान: इसकी वृद्धि हेतु आदर्श तापमान 20-30°C होता है तथा 35°C से ऊपर और 10°C से नीचे का तापमान इसके लिये हानिकारक होता है।.
- वर्षा: इसके लिये पूरे वर्ष समान रूप से वितरित 150-300 सेमी. वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
- मिट्टी: चाय की खेती के लिये सबसे उपयुक्त छिद्रयुक्त अम्लीय मृदा (कैल्शियम के बिना) होती है, जिसमें जल आसानी से प्रवेश कर सके।
- भारत और चाय उत्पादन
- भारत विश्व में चाय का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
- भारत दुनिया में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- चीन चाय का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत दुनिया में चाय का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है।
- अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस:
- दिसंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस हर साल 21 मई को मनाया जाता है।