स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड 2022 | 04 Oct 2022
प्रिलिम्स के लिये:स्वच्छ सर्वेक्षण 2022, स्वच्छ भारत मिशन. मेन्स के लिये:कल्याणकारी योजनाएँ, विकास. |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में,राष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत मिशन- U (शहरी) के दूसरे चरण (2.0) के रूप में आयोजित Azadi@75 स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के हिस्से के तौर पर इंदौर को लगातार छठे वर्ष सबसे स्वच्छ शहर के रूप में सम्मानित किया।
- इंदौर भारत के पहले 7-स्टार कचरा मुक्त शहर के रूप में उभरा, जबकि सूरत, भोपाल, मैसूर, नवी मुंबई, विशाखापत्तनम और तिरुपति ने 5-स्टार कचरा मुक्त प्रमाणपत्र अर्जित किये।
स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड:
- विषय:
- स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन वर्ष 2016 से किया जा रहा है और यह दुनिया का सबसे बड़ा शहरी सफाई और स्वच्छता सर्वेक्षण है।
- यह कस्बों और शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा की भावना को बढ़ावा देने में सहायक रहा है ताकि नागरिकों को उनकी सेवा वितरण में सुधार किया जा सके और स्वच्छ शहरों का निर्माण किया जा सके।
- यह स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत आयोजित किया जाता है।
- उद्देश्य: इस स्वच्छ सर्वेक्षण का प्राथमिक लक्ष्य बड़े पैमाने पर नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और कस्बों एवं शहरों को रहने के लिये बेहतर स्थान बनाने की दिशा में मिलकर काम करने के महत्त्व के बारे में समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता पैदा करना है।
- नोडल मंत्रालय: आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA)।
स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022
- सबसे स्वच्छ शहर:
- 1 लाख से अधिक आबादी: झीलों और महलों के शहर इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर का खिताब प्राप्त हुआ, जबकि सूरत को दूसरा सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, लगातार दूसरी बार नवी मुंबई ने तीसरा स्थान हासिल किया।
- 1 लाख से कम आबादी: महाराष्ट्र के पंचगनी और कराड ने क्रमश: पहला एवं तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि छत्तीसगढ़ के पाटन ने दूसरा स्थान हासिल किया।
- बेस्ट गंगा टाउन: उत्तराखंड के हरिद्वार को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सर्वश्रेष्ठ गंगा टाउन का पुरस्कार मिला।
- फास्ट मूवर सिटी अवार्ड: शिवमोग्गा, कर्नाटक।
- सबसे स्वच्छ राज्य:
- 100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्य: मध्य प्रदेश 'सबसे स्वच्छ राज्य' के रूप में उभरा, छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा।
- 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्य: त्रिपुरा सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में उभरा। झारखंड और उत्तराखंड को क्रमश: दूसरा एवं तीसरा स्थान मिला।
स्वच्छ भारत मिशन 2.0
- बजट 2021-22 में घोषित SBM-U 2.0, SBM-U के पहले चरण की निरंतरता है।
- इसके अंतर्गत भारत सरकार शौचालयों से मल, कीचड़ और सेप्टेज की सुरक्षित रोकथाम कर उनका परिवहन एवं उचित निपटान करने का प्रयास कर रही है। इसे 1.41 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से 2026 तक पाँच वर्षों की अवधि के लिये लागू किया गया है।
- यह कचरे का स्रोत पर पृथक्करण, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक और वायु प्रदूषण में कमी, निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों से निकलने वाले कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन तथा सभी पुराने डंप साइट के बायोरेमेडिएशन पर केंद्रित है।
- इस मिशन के तहत अपशिष्ट जल को जल निकायों में छोड़ने से पहले ठीक से उपचारित किया जाएगा, और सरकार अधिकतम पुन: उपयोग को प्राथमिकता देने का प्रयास कर रही है।