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शासन व्यवस्था

SBM-U का द्वितीय चरण

  • 05 Oct 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

स्वच्छ भारत मिशन

मेन्स के लिये:

स्वच्छ भारत मिशन का महत्त्व और संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U 2.0) के द्वितीय चरण का शुभारंभ किया।

  • आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA) इस योजना का नोडल मंत्रालय है।

प्रमुख बिंदु 

  • SBM-U 2.0 के बारे में:
    • बजट 2021-22 में घोषित SBM-U 2.0, SBM-U का दूसरा चरण है। सरकार शौचालयों के माध्यम से मल और सेप्टेज के निपटान की कोशिश कर रही है।
      • शहरी भारत को खुले में शौच से मुक्त (ODF) बनाने और नगरपालिका के ठोस कचरे का 100% वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से  2 अक्तूबर, 2014 को SBM-U का पहला चरण शुरू किया गया था। यह अक्तूबर 2019 तक चला।
    • इसे 1.41 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 2021 से 2026 तक पाँच वर्षों में लागू किया जाएगा
  • लक्ष्य:
    • यह कचरे के स्रोत पर पृथक्करण, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक और वायु प्रदूषण में कमी, निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों से कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन तथा सभी पुराने डंप साइट के बायोरेमेडिएशन पर केंद्रित है।
    • इस मिशन के तहत, सभी अपशिष्ट जल को जल निकायों में छोड़ने से पहले ठीक से उपचारित किया जाएगा और सरकार अधिकतम पुन: उपयोग (reuse) को प्राथमिकता देने का प्रयास कर रही है।
  • मिशन का परिणाम:
    • सभी वैधानिक शहर ODF+ प्रमाणित हो जाएंगे (पानी, रखरखाव और स्वच्छता के साथ शौचालयों पर केंद्रित)।
    • 1 लाख से कम आबादी वाले सभी वैधानिक शहर ODF++ प्रमाणित हो जाएंगे (कीचड़ और सेप्टेज प्रबंधन के साथ शौचालयों पर केंद्रित)।
    • 1 लाख से कम आबादी वाले सभी वैधानिक कस्बों का 50% से अधिक जल प्रमाणित हो जाएगा।
    • कचरा मुक्त शहरों के लिये MoHUA के स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी वैधानिक कस्बों को कम-से-कम 3-स्टार कचरा मुक्त दर्जा दिया जाएगा।
    • सभी पुराने डंप साइट्स का बायोरेमेडिएशन।
  • SBM-U प्रथम की प्रगति:
    • 4,324 शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है, जो मिशन के लक्ष्य से कहीं अधिक 66 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 6 लाख से अधिक सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से संभव हुआ है।
    • 2016 में MoHUA द्वारा शुरू किये गए डिजिटल शिकायत निवारण मंच, स्वच्छता एप जैसे डिजिटल सक्षमताओं ने नागरिक शिकायत निवारण के प्रबंधन को प्रोत्साहित किया है।
    • स्वच्छ सर्वेक्षण, 2016 में SBM-U के तहत 4,000 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करते हुए दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू किया गया था।

स्रोत: पीआईबी

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