सुगम्य भारत अभियान | 17 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:सुगम्य भारत अभियान, विकलांग व्यक्तियों के लिये सरकार की पहल मेन्स के लिये:सुगम्य भारत अभियान का प्रदर्शन, संबंधित पहल |
चर्चा में क्यों?
सुगम्य भारत अभियान (Accessible Indian Campaign- AIC) दिसंबर 2022 में 7 साल पूरे करने जा रहा है।
- अभियान का उद्देश्य पूरे देश में दिव्यांगजनों (विकलांग व्यक्तियों - PwDs) के लिये बाधा मुक्त और अनुकूल वातावरण बनाना है।
सुगम्य भारत अभियान:
- परिचय:
- इसे 3 दिसंबर, 2015 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था।
- कार्यान्वयन एजेंसी:
- AIC सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग (DEPwD) का राष्ट्रव्यापी अभियान है।
- पृष्ठभूमि:
- दिव्यांगजन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 स्पष्ट रूप से परिवहन एवं निर्मित वातावरण में गैर-भेदभाव का प्रावधान करता है।
- यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCRPD) का अनुपालन करने के लिये पीडब्ल्यूडी अधिनियम, 1995 को प्रतिस्थापित किया।
- यूएनसीआरपीडी जिसका भारत एक हस्ताक्षरकर्त्ता है, के अनुच्छेद 9 के अंतर्गत पीडब्ल्यूडी की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये सरकारों पर दायित्व डालता है:
- सूचना
- परिवहन
- भौतिक वातावरण
- संचार प्रौद्योगिकी
- सेवाओं के साथ-साथ आपातकालीन सेवाओं तक पहुँच।
- दिव्यांगजन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 स्पष्ट रूप से परिवहन एवं निर्मित वातावरण में गैर-भेदभाव का प्रावधान करता है।
- एआईसी के घटक:
- निर्मित पर्यावरण पहुँच
- परिवहन प्रणाली अभिगम्यता
- सूचना और संचार इको-सिस्टम पहुँच
सुगम्य भारत अभियान का प्रदर्शन:
- निर्मित वातावरण:
- 1671 भवनों की अभिगम लेखा परीक्षा पूरी।
- केंद्र सरकार के 1030 भवनों सहित 1630 सरकारी भवनों को सुलभता की विशेषताएं प्रदान की गई हैं।
- परिवहन क्षेत्र:
- हवाई अड्डा:
- 35 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और 55 घरेलू हवाई अड्डों को पहुँच की विशेषताएँ प्रदान की गई हैं।
- 12 हवाई अड्डों पर एम्बुलिफ्ट उपलब्ध हैं।
- रेलवे:
- सभी 709 ए1, ए और बी श्रेणी के रेलवे स्टेशनों को सात अल्पकालिक सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
- 603 रेलवे स्टेशनों को 2 दीर्घकालिक सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
- रोडवेज:
- 1,45,747 (29.05%) बसों को आंशिक रूप से सुलभ बनाया गया है और 8,695 (5.73%) को पूरी तरह से सुलभ बनाया गया है
- आईसीटी पारिस्थितिकी तंत्र (वेबसाइट):
- केंद्र और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की लगभग 627 वेबसाइटों को सुलभ बनाया गया है।
- टीवी देखने में सुगमता:
- 19 निजी समाचार चैनल आंशिक रूप से सुलभ समाचार बुलेटिनों का प्रसारण कर रहे हैं।
- 2,447 समाचार बुलेटिनों का प्रसारण सबटाइटलिंग/साइन-लैंग्वेज इंटरऑपरेशन के साथ किया गया है।
- 9 सामान्य मनोरंजन चैनलों ने सबटाइटलिंग का उपयोग करके 3686 अनुसूचित कार्यक्रमों / फिल्मों का प्रसारण किया है।
- शिक्षा:
- 11,68,292 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में से, 8,33,703 स्कूलों (71%) को रैंप, हैंडरेल और सुलभ शौचालयों के प्रावधान के साथ मुक्त बनाया गया है।
- निगरानी:
- सुगम्य भारत अभियान के तहत गतिविधियों की निगरानी प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) पोर्टल के माध्यम से की जा रही है।
- सुगम्य भारत एप:
- बुनियादी ढाँचे और सेवाओं में ज़मीनी स्तर पर सामना की जा रही पहुँच की शिकायतों को क्राउडसोर्स करने में मदद करना और निवारण के लियेअग्रेषित करना।
- संसाधनों तक पहुँच वाले महत्त्व के बारे में संवेदीकरण और जागरूकता पैदा करने में सहायता करना।
- दिव्यांगजनों की कोविड-19 से संबंधित शिकायतें को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
विकलांगों के सशक्तीकरण के लिये पहलें:
- भारतीय:
- वैश्विक:
- अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस
- विकलांग लोगों के लिये संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्र. क्या दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 समाज में इच्छित लाभार्थियों के सशक्तीकरण और समावेशन के लिये प्रभावी तंत्र सुनिश्चित करता है? विचार-विमर्श कीजिये। (2017) |