भारत में सर्पदंश और प्रतिजीवविष | 30 Jan 2025

प्रिलिम्स के लिये:

सर्पदंश विष, भारतीय कोबरा, सामान्य क्रेट, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग

मेन्स के लिये:

भारत में सर्पदंश से संबंधित चुनौतियाँ, प्रतिजीवविष का उत्पादन, चुनौतियाँ और भारत में इसकी उपलब्धता

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

विश्व में सर्प के डसने (सर्पदंश) से प्रतिवर्ष लगभग 58,000 व्यक्तियों की मृत्यु होती है जिसमें से लगभग 50% मौतें भारत में होती हैं। 

  • प्रतिजीवविष अथवा प्रतिदंशविष (Antivenoms) का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता होने के बावजूद, देरी से पहुँच, अनुपयुक्त ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढाँचे के अभाव जैसी चुनौतियाँ सर्पदंश के प्रभावी उपचार में बाधा उत्पन्न करती हैं।

सर्पदंश के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • वैश्विक परिदृश्य:
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर सर्प के डसने की घटनाएँ प्रतिवर्ष 5.4 मिलियन हैं, जिनमें से 1.8 से 2.7 मिलियन मामले विष के संपर्क में आने के कारण होते हैं। 
    • सर्प के डसने से प्रतिवर्ष लगभग 81,410 से 137,880 लोगों की मृत्यु होती है तथा इससे भी अधिक लोग सर्प के डसने के कारण अंग-विच्छेदन तथा स्थायी दिव्यांगता से पीड़ित होते हैं।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सर्पदंश (सर्प के डसने से होने वाला ज़हर) को उच्च प्राथमिकता वाली उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग के रूप में वर्गीकृत किया है।
  • भारत:
    • विषैले सर्पों की विविधता: भारत में सर्प की 300 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 60 से अधिक विषैली हैं। 
    • सर्पदंश से मृत्यु दर और विकलांगता: एक अध्ययन का अनुमान है कि वर्ष 2001 से वर्ष 2014 के बीच भारत में सर्पदंश के कारण लगभग 1.2 मिलियन मौतें हुईं और 3.6 मिलियन लोग स्थायी विकलांगता के शिकार हुए।
      • 250 भारतीयों में से एक को 70 वर्ष की आयु से पहले सर्पदंश से मरने का खतरा रहता है।
    • असुरक्षित आबादी: ग्रामीण समुदाय, विशेषकर कृषि श्रमिक, विशेष रूप से मानसून के दौरान अधिक जोखिम में रहते हैं, क्योंकि अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के कारण स्थिति और भी खराब हो जाती है।
    • शहरी जोखिम: तेज़ी से हो रहे शहरीकरण, खराब अपशिष्ट प्रबंधन और शहरी बाढ़ के कारण साँप-मानव संपर्क में वृद्धि हुई है, जिससे शहरों में भी जोखिम बढ़ गया है।

Big_Four

प्रतिजीवविष (Antivenoms) क्या हैं?

  • साँप का जहर: यह विषाक्त प्रोटीन का एक शक्तिशाली मिश्रण है जो मानव शरीर को गंभीर क्षति पहुँचाता है।
    • हेमोटॉक्सिन रक्त कोशिकाओं को नष्ट करते हैं और थक्के बनने में बाधा डालते हैं। 
    • न्यूरोटॉक्सिन तंत्रिका संकेतों को अवरुद्ध कर देते हैं और पक्षाघात कर देते हैं। 
    • साइटोटॉक्सिन दंश स्थल पर ऊतक को घोल देते हैं।
  • प्रतिजीवविष (Antivenoms): प्रतिजीवविष (Antivenoms) या एंटीवेनिन जीवन रक्षक दवाएँ हैं जिनका उपयोग साँप के काटने के उपचार के लिये किया जाता है। 
    • प्रतिजीवविष (Antivenoms) जहर के विषाक्त पदार्थों को बांधकर, उन्हें निष्क्रिय कर देते हैं, तथा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को समय के साथ उन्हें सुरक्षित रूप से समाप्त करने में सहायता करते हैं। 
    • भारत में बहुसंयोजी प्रतिजीवविष (पॉलीवेलेंट एंटीवेनम) "बिग फोर" के विष से बनाये जाते हैं, लेकिन किंग कोबरा और पिट वाइपर जैसी अन्य विषैली प्रजातियों को इसमें शामिल नहीं किया जाता।
  • प्रतिजीवविष (Antivenoms) का उत्पादन:
    • प्रतिजीवविष (Antivenoms) उत्पादन में साँपों से जहर निकालना, एंटीबॉडी बनाने के लिये घोड़ों या भेड़ों जैसे जानवरों को प्रतिरक्षित करना, और फिर प्रतिजीवविष तैयार करने के लिये जानवर के रक्त से इन एंटीबॉडी को निकालना और शुद्ध करना शामिल है।

Antivenom_Production

  • भारत में उत्पादन:
    • कई कंपनियाँ विष-निरोधक दवाओं का निर्माण करती हैं। तमिलनाडु की इरुला जनजाति विष-निरोधक दवाएँ बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है (लगभग 80% विष की आपूर्ति करती हैं)

नोट:

  • भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की विभिन्न अनुसूचियों के अंतर्गत सांपों को संरक्षित किया गया है, साथ ही भारत में विषैली प्रजातियों को पकड़ना, मारना या उनका दूध का उपयोग करना प्रतिबंधित है।
  • मुख्य वन्यजीव वार्डन लिखित अनुमोदन के साथ, जीवन रक्षक दवाओं के लिये सांप का विष निकालने सहित जंगली जानवरों के शिकार के लिये परमिट दे सकते हैं।
    • हालाँकि, अनुसूची I के पशुओं के लिये केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक है।

भारत में प्रतिविष (Antivenom)तक पहुँच के समक्ष चुनौतियाँ:

  • भौगोलिक बाधाएँ: दूरदराज के स्थानों पर प्रतिविष युक्त चिकित्सा संस्थानों तक पहुंच की कमी के कारण समय पर उपचार में बाधा आती है।
  • सांस्कृतिक और सामाजिक कारक: ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और पारंपरिक प्रथाओं पर निर्भरता के कारण अक्सर चिकित्सा देखभाल में देरी होती है, जिससे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
  • आर्थिक बाधाएँ: विषरोधी दवाओं की उच्च उत्पादन लागत के कारण, विशेष रूप से आर्थिक रूप से वंचित समुदायों के लिये, उनकी पहुंच सीमित हो जाती है।
  • तार्किक मुद्दे: ग्रामीण क्षेत्रों में अपर्याप्त शीत भण्डारण और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के परिणामस्वरूप एंटीवेनम की गुणवत्ता में गिरावट आती है, जिससे इसकी प्रभावकारिता कम हो जाती है।

प्रतिविष में उभरते समाधान और नवाचार क्या हैं?

  • सर्पदंश से होने वाले विष के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिये राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP-SE): NAP-SE का लक्ष्य वर्ष 2030 तक सर्पदंश से होने वाली मृत्यु और दिव्यांगजनों की संख्या को कम करना है ।
  • सिंथेटिक एंटीवेनम: पुनः संयोजक DNA प्रौद्योगिकी और AI-डिज़ाइन किये गए प्रोटीन, जैसा कि वर्ष 2024 के नोबेल पुरस्कार विजेता डेविड बेकर की टीम द्वारा प्रदर्शित किया गया है, पारंपरिक प्रतिविष के लिये अधिक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प प्रदान करते हैं।
  • क्षेत्र-विशिष्ट एंटीवेनम: IISc बेंगलुरु के शोधकर्त्ता विशिष्ट साँप प्रजातियों एवं क्षेत्रीय विष विविधताओं के अनुरूप एंटीवेनम विकसित कर रहे हैं।
  • त्वरित निदान उपकरण: पोर्टेबल विष-पहचान किट के साथ विष-निरोधक दवाओं को समय पर देने से रोगी के परिणामों में सुधार हो सकता है।
  • सार्वजनिक शिक्षा अभियान: सर्पदंश की रोकथाम एवं समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप के बारे में जागरूकता बढ़ाने से मृत्यु दर में काफी कमी आ सकती है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत में सर्पदंश से होने वाली उच्च मृत्यु दर में योगदान देने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिये तथा मृत्यु दर को कम करने के उपाय बताइये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. समुद्री कच्छपों की कुछ जातियाँ शाकभक्षी होती हैं।
  2.  मछली की कुछ जातियाँ शाकभक्षी होती हैं।
  3.  समुद्री स्तनपाइयों की कुछ जातियाँ शाकभक्षी होती हैं।
  4.  साँपों की कुछ जातियाँ सजीव प्रजक होती हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)


प्रश्न. किंग कोबरा एकमात्र ऐसा साँप है जो अपना घोंसला खुद बनाता है। यह अपना घोंसला क्यों बनाता है? (2010)

(A) यह साँपों को खाता है तथा इसका घोंसला अन्य साँपों को आकर्षित करने में मदद करता है।
(B) यह एक सजीव-प्रजक साँप है तथा संतान को जन्म देने के लिये घोंसले की ज़रूरत होती है।
(C) यह एक अंडोत्पन्न साँप है तथा घोंसले में अपने अंडे देता है और जब तक अंडे नहीं देते तब तक घोंसले की रक्षा करते हैं।
(D) यह लंबा, ठंडे खून वाला जानवर है तथा ठंड के मौसम में शीत निंद्रा के लिये इसे घोंसले की आवश्यकता होती है। 

उत्तर: C


प्रश्न.  निम्नलिखित में से किस सर्प का आहार मुख्यतः अन्य सर्प होते हैं? (2008)

(a) करैत
(b) रसेल वाइपर
(c) रैटलस्नेक
(d) किंग कोबरा

उत्तर: (d)