शिक्षक पर्व 2021 | 08 Sep 2021
प्रिलिम्स के लिये:नई शिक्षा नीति (NEP) 2020, नेशनल इनिसिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलीस्टिक एडवांसमेंट, भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश, निपुण, CSR मेन्स के लिये:भारत में शिक्षा संबंधी प्रमुख पहलें |
चर्चा में क्यों?
शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने और नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 को एक कदम आगे ले जाने के लिये शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5-17 सितंबर तक शिक्षक पर्व मनाया जा रहा है।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- पाँच पहलों की शुरुआत:
- भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश:
- यह बच्चों और श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिये शुरू किया गया था। इसमें 10,000 शब्द हैं।
- बोलती किताबें:
- ये दृष्टिबाधित लोगों के लिये ऑडियोबुक हैं।
- स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन और प्रत्यायन ढाँचा (SQAA):
- SQAA केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा इससे संबद्ध स्कूलों में मानकों के रूप में उपलब्धि के वैश्विक मानदंड प्रदान करने के लिये प्रस्तावित एक गुणवत्ता पहल है।
- यह पाठ्यक्रम, शिक्षाशास्त्र, मूल्यांकन, बुनियादी ढाँचे, समावेशी प्रथाओं और शासन प्रक्रिया जैसे आयामों के लिये एक सामान्य वैज्ञानिक ढाँचे की अनुपस्थिति की कमी को दूर करेगा।
- निपुण भारत हेतु निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम:
- 'नेशनल इनिसिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलीस्टिक एडवांसमेंट’ (NISHTHA) एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम है।
- निपुण (बेहतर समझ और संख्यात्मक ज्ञान के साथ पढ़ाई में प्रवीणता के लिये राष्ट्रीय पहल) भारत योजना को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के सार्वभौमिक अधिग्रहण को सुनिश्चित करने के लिये एक सक्षम वातावरण बनाने हेतु शुरू किया गया था, ताकि ग्रेड-3 तक का प्रत्येक बच्चा वर्ष 2026-27 के अंत तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित में वांछित सीखने की क्षमता प्राप्त कर सके।
- विद्यांजलि 2.0 पोर्टल:
- इसे विद्यालय विकास हेतु शिक्षा स्वयंसेवकों, दाताओं और CSR (कॉरर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) योगदानकर्ताओं की सहायता प्राप्त करने के लिये प्रारंभ किया गया था।
- विद्यांजलि योजना उन अभिनव योजनाओं में से एक है जो सरकारी स्कूलों में स्वयंसेवी शिक्षकों की पेशकश करके साक्षरता में सुधार की ओर ध्यान केंद्रित करती है। इसे वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था।
- इसे विद्यालय विकास हेतु शिक्षा स्वयंसेवकों, दाताओं और CSR (कॉरर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) योगदानकर्ताओं की सहायता प्राप्त करने के लिये प्रारंभ किया गया था।
- भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश:
- अन्य संबंधित हालिया पहलें:
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वित्तीय वर्ष 2025-26 तक स्कूली शिक्षा कार्यक्रम, समग्र शिक्षा योजना 2.0 को मंज़ूरी दे दी है।
- इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पहली वर्षगांँठ को चिह्नित करने के लिये प्रधानमंत्री ने अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को लॉन्च किया जो उच्च शिक्षा में छात्रों को प्रवेश और निकास के कई विकल्प प्रदान करने के साथ ही प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिये क्षेत्रीय भाषाओं में दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।
- शुरू की गई पहलों में विद्या प्रवेश (Vidya Pravesh) पहल भी शामिल है, जो ग्रेड 1 के छात्रों के लिये नाटक/प्ले आधारित तीन माह का स्कूल प्रिपरेशन मॉड्यूल (School Preparation Module) है, माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा, NISHTHA 2.0, NCERT द्वारा डिज़ाइन किया गया शिक्षक प्रशिक्षण का एक एकीकृत कार्यक्रम है और SAFAL (सीखने के स्तर के विश्लेषण के लिये संरचित मूल्यांकन), जो कि सीबीएसई स्कूलों में ग्रेड 3, 5 और 8 के लिये एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांँचा है।
- इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला (NDEAR) और राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (NETF) का शुभारंभ भी हुआ।
शिक्षक दिवस
- 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उनकी याद में प्रतिवर्ष पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
- विश्व शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 अक्तूबर को शिक्षकों की स्थिति से संबंधित 1966 अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन/यूनेस्को अनुशंसा को अपनाने की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- यह उपकरण शिक्षकों के अधिकारों तथा ज़िम्मेदारियों और उनकी प्रारंभिक तैयारी व आगे की शिक्षा, भर्ती, रोज़गार, शिक्षण एवं सीखने की स्थिति के मानकों को निर्धारित करता है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
- उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुट्टनी में हुआ था। वे एक शिक्षक, दार्शनिक, लेखक और राजनीतिज्ञ थे।
- वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति (1952-1962) और वर्ष 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
- उन्हें 1931 में नाइटहुड से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1954 में उन्हें भारत रत्न (भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1963 में उन्हें ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता मिली।