प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण | 18 Feb 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (Securities Appellate Tribunal) ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) द्वारा पारित उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके अंतर्गत प्रतिभूति बाज़ार में खुदरा कंपनी के अध्यक्ष और कुछ अन्य प्रमोटरों पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था।
प्रमुख बिंदु
प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के विषय में:
- प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
अवस्थिति:
- इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
संरचना:
- प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण में एक पीठासीन अधिकारी और दो अन्य सदस्य होते हैं।
- केंद्र सरकार द्वारा प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी को भारत का मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) या उसके द्वारा नामित किसी अन्य व्यक्ति के परामर्श से नियुक्त किया जाता है।
शक्तियाँ:
- प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के पास सिविल कोर्ट के समान शक्तियाँ होती हैं। इसके निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में अपील की जा सकती है।
कार्य:
- यह सेबी अधिनियम (SEBI Act), 1992 के तहत एक सहायक अधिकारी द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई कर सकता है
- यह पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority- PFRDA) द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई व उसका निपटारा कर सकता है।
- भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory Development Authority of India- IRDAI) द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपीलों की सुनवाई और उनका निपटारा कर सकता है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
सेबी के विषय में:
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम (Securities and Exchange Board of India Act), 1992 के प्रावधानों के तहत 12 अप्रैल, 1992 को स्थापित एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है।
- प्रारंभ में SEBI एक गैर-वैधानिक निकाय था। सेबी का गठन अप्रैल 1988 में भारत सरकार के एक प्रस्ताव के तहत भारत में पूंजी बाज़ार (Capital Market) के नियामक के रूप में किया गया।
- पूंजी बाज़ार शब्द से तात्पर्य उन सुविधाओं और संस्थागत व्यवस्थाओं से है जिनके माध्यम से दीर्घावधि के फंड, ऋण और इक्विटी दोनों में वृद्धि और निवेश किया जाता है।
मुख्यालय:
- सेबी का मुख्यालय मुंबई में तथा क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली में स्थित हैं।
संरचना:
- सेबी के सभी निर्णय सामूहिक रूप से उसके बोर्ड द्वारा लिये जाते हैं, जिसमें एक अध्यक्ष और आठ अन्य सदस्य होते हैं।
- यह समयनुसार तत्कालीन महत्त्वपूर्ण मुद्दों की जाँच हेतु विभिन्न समितियाँ भी नियुक्त करता है।
कार्य:
- इसका प्रमुख कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा, प्रतिभूति बाज़ार को बढ़ावा देना और विनियमित करना है।
- प्रतिभूति, सार्वजनिक और निजी बाज़ार से पूंजी जुटाने हेतु इस्तेमाल होने वाला पारंपरिक वित्तीय साधन है।
- मुख्यतः तीन प्रकार की प्रतिभूतियाँ होती हैं: इक्विटी - जो धारकों को मालिकाना हक प्रदान करती है; ऋण - अनिवार्य भुगतान के साथ समय-समय पर चुकाया गया ऋण; और हाइब्रिड - ऐसी प्रतिभूति जिसमें ऋण और इक्विटी दोनों का गुण होता है।
- प्रतिभूति बाज़ारों से जुड़े स्टॉक ब्रोकर, मर्चेंट बैंकर, पोर्टफोलियो मैनेजर, निवेश सलाहकार आदि बिचौलियों के कामकाज़ का पंजीकरण और विनियमन करना।
- सेबी एक अर्द्ध-विधायी, अर्द्ध-न्यायिक और अर्द्ध-कार्यकारी निकाय है।
- यह विनियमों का मसौदा तैयार कर सकता है, पूछताछ कर सकता है, नियम पारित कर सकता है और जुर्माना लगा सकता है।