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डिजिटल स्पेस में बच्चों की सुरक्षा करना

  • 13 Feb 2024
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मेटावर्स, आभासी वास्तविकता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, चाइल्ड ऑनलाइन सेफ्टी टूलकिट,

मेन्स के लिये:

बच्चों पर साइबरबुलिंग और ऑनलाइन यौन शोषण का प्रभाव, बच्चों से संबंधित मुद्दे

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में डिजिटल स्पेस में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। ऑनलाइन शोषण की बढ़ती घटनाओं ने तत्काल कार्रवाई की मांग को प्रेरित किया है। बदलते डिजिटल परिदृश्य के बीच, बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना सर्वोपरि है।

डिजिटल क्षेत्र में बच्चों के लिये क्या चुनौतियाँ हैं?

  • साइबर बुलिंग:
    • परिभाषा:
      • साइबरबुलिंग किसी अन्य व्यक्ति, विशेषकर किसी सहकर्मी को परेशान करने, धमकाने, अपमानित करने या नुकसान पहुँचाने के लिये डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग है।
    • प्रपत्र: 
      • अपमानजनक संदेश, अफवाहें, आहत करने वाली टिप्पणियाँ, निजी या शर्मनाक तस्वीरें या वीडियो साझा करना, किसी का प्रतिरूपण करना या किसी को ऑनलाइन समूहों से बाहर करना।
    • प्रभाव: 
      • बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-सम्मान, शैक्षणिक प्रदर्शन और सामाजिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव। यह चिंता, अवसाद, अलगाव, आत्म-नुकसान या आत्महत्या का कारण भी बन सकता है।
  • ऑनलाइन यौन शोषण और दुर्व्यवहार:
    • परिभाषा:
      • यह अपराधी की संतुष्टि या लाभ के लिये बच्चों को यौन गतिविधियों में शामिल करने या उन्हें यौन सामग्री से अवगत कराने हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग है।
    • प्रपत्र:
      • बाल यौन शोषण सामग्री का उत्पादन, वितरण या उस तक पहुँच, यौन उद्देश्यों के लिये बच्चों को तैयार करना, बच्चों को यौन कृत्यों हेतु प्रेरित करना, यौन शोषण या सेक्सटॉर्शन की लाइवस्ट्रीमिंग।
    • प्रभाव:
      • इसका बच्चों के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है तथा यह आजीवन आघात एवं क्षति का कारण बन सकता है।
  • गोपनीयता और डेटा सुरक्षा:
    • परिभाषा: 
      • गोपनीयता और डेटा सुरक्षा बच्चों का अपनी व्यक्तिगत जानकारी को नियंत्रित करने का अधिकार है तथा इसे दूसरों द्वारा विशेष रूप से ऑनलाइन किस प्रकार एकत्र, उपयोग, साझा या संग्रहीत किया जाता है।
    • उल्लंघन: 
      • तकनीकी कंपनियों, विज्ञापनदाताओं, हैकरों या अन्य तृतीय पक्षों द्वारा इसका उल्लंघन किया जा सकता है, जो व्यावसायिक या दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिये बच्चों की सहमति या जानकारी के बिना उनका डेटा एकत्र, उपयोग या बेच सकते हैं।
    • नतीजे:
      • बच्चों के लिये हानिकारक परिणाम हो सकते हैं, जैसे- पहचान की चोरी, धोखाधड़ी, लक्षित विपणन, हेरफेर, भेदभाव या अनुचित या खतरनाक सामग्री या संपर्कों के संपर्क में आना।
  • डिजिटल साक्षरता और नागरिकता:
    • परिभाषा: 
      • डिजिटल साक्षरता और नागरिकता बच्चों की डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से, सुरक्षित तथा नैतिक रूप से उपयोग करने एवं ऑनलाइन दुनिया में सूचित व सक्रिय नागरिकों के रूप में भाग लेने की क्षमता व ज़िम्मेदारी है।
    • चुनौतियाँ:
      • इसे गलत सूचना, दुष्प्रचार और हेट स्पीच के ऑनलाइन प्रसार से चुनौती दी जा सकती है, जो बच्चों को गुमराह, भ्रमित या नुकसान पहुँचा सकता है तथा उनके विश्वास एवं मूल्यों को कमज़ोर कर सकता है।
    • नतीजे:
      • डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रौद्योगिकियों तक पहुँच, सामर्थ्य या गुणवत्ता की कमी से डिजिटल साक्षरता बाधित हो सकती है, जो बच्चों के बीच डिजिटल विभाजन तथा असमानताएँ पैदा कर सकती है।
  • मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी (VR):
    • परिभाषा:
      • मेटावर्स का आशय एक आभासी परिवेश से है जो लोगों को वास्तविक जीवन जैसा अनुभव प्रदान करने के लिये आभासी वास्तविकता, संवर्द्धित वास्तविकता और अन्य उन्नत तकनीक का उपयोग करती है।
    • विभिन्न रूप:
      • ऑनलाइन अभिकर्त्ताओं द्वारा शोषण और घोटालों के माध्यम से आर्थिक शोषण किया जा सकता है। वर्चुअल रियलिटी में उत्पीड़न और भेदभाव की समस्या होती है जिससे उपयोगकर्त्ताओं की पहचान के आधार पर साइबरबुलिंग तथा ऑनलाइन भेदभाव को बढ़ावा मिलता है।
      • संबद्ध क्षेत्रों में गोपनीयता का उल्लंघन बड़े पैमाने पर हो रहा है तथा डेटा माइनिंग और निगरानी के माध्यम से उपयोगकर्त्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी एवं सुरक्षा प्रभावित हो रही है।
    • मेटावर्स के नकारात्मक प्रभाव:
      • बच्चे आभासी वातावरण में ग्राफिक अथवा हिंसक सामग्री तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं जिससे उनकी संवेदनशीलता अथवा भावुकता प्रभावित हो सकती है।
        • ऐसी सामग्री के लगातार संपर्क में रहने से बच्चे हिंसा अथवा अन्य अनुचित व्यवहारों के प्रति असंवेदनशील हो सकते हैं जिससे उनके भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
  • जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI):
    • परिभाषा:
      • जेनरेटिव AI से तात्पर्य AI सिस्टम से है जो मौजूदा डेटा से प्राप्त पैटर्न के आधार पर नई सामग्री, जैसे- टेक्स्ट, चित्र अथवा संगीत का उत्पादन करने में सक्षम है।\
    • विभिन्न रूप:
      • जेनरेटिव AI बच्चों के लिये शिक्षण संबंधी लाभ और रचनात्मक अवसर प्रदान करता है किंतु यह दुष्प्रचार तथा कृत्रिम छवियों, वीडियो एवं सूचनाओं का उत्पादन संबंधी जोखिम भी उत्पन्न करता है।
    • सुभेद्यता:
      • बच्चों की संज्ञानात्मक सुभेद्यता उन्हें गलत सूचनाओं के प्रति संवेदनशील बनाती हैं, जिससे युवाओं के मस्तिष्क पर AI-जनित सामग्री के प्रभाव के बारे में चिंताएँ बढ़ जाती हैं।

ऑनलाइन परिवेश में बच्चों की सुरक्षा से संबंधित चिंताजनक आँकड़े

  • 30 देशों में एक तिहाई से अधिक युवाओं ने साइबरबुलिंग का शिकार होने की सूचना दी और 5 में से 1 ने इसके कारण स्कूल छोड़ दिया।
  • 25 देशों में 80% बच्चे ऑनलाइन लैंगिक शोषण अथवा उत्पीड़न का खतरा महसूस करते हैं।
  • वीप्रोटेक्ट ग्लोबल एलायंस के अनुसार बचपन में (अब 18-20 आयु वर्ग शामिल) नियमित रूप से इंटरनेट का उपयोग करने वालों में से 54% को कम-से-कम एक बार ऑनलाइन लैंगिक शोषण का का सामना करना पड़ा।

ऑनलाइन परिवेश में बच्चों की सुरक्षा से संबंधित उपाय क्या हैं?

  • रोकथाम:
    • बच्चों को ऑनलाइन शिष्टाचार और सहानुभूति के बारे में शिक्षित करके उन्हें किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिये प्रोत्साहित करके, पीड़ितों की सहायता करके तथा साथ ही अपराधियों के लिये दंड का प्रावधान कर साइबरबुलिंग की रोकथाम की जा सकती है।
    • बच्चों को उत्तरदायित्वपूर्ण VR उपयोग, डिजिटल नागरिकता और ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना।
    • बच्चों को ऑनलाइन सामग्री तक पहुँच, मूल्यांकन, सामग्री साझाकरण, ऑनलाइन संचार और सहयोग तथा ऑनलाइन परिवेश में दूसरों का सम्मान करने के संबंध में शिक्षित कर डिजिटल साक्षरता में वृद्धि की जा सकती है। 
  • टेक कंपनियों की भूमिका:
    • टेक कंपनियों को बच्चों की भलाई की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाते हुए 'सेफ्टी बाय डिज़ाइन (SBD)' को प्राथमिकता देनी चाहिये, जैसा कि हाल ही में अमेरिका के कॉन्ग्रेस के सत्र में उजागर किया गया।
      • SBD ऑनलाइन उत्पादों और सेवाओं के डिज़ाइन तथा विकास में उपयोगकर्त्ता सुरक्षा एवं अधिकारों को प्राथमिकता देता है। यह उन तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनसे प्रौद्योगिकी कंपनियाँ ऑनलाइन खतरों का अनुमान लगाकर, उनका पता लगाकर और उन्हें घटित होने से पहले उनकी रोकथाम कर उन्हें कम कर सकती हैं।
    • यूनिसेफ की सिफारिश है कि तकनीकी कंपनियाँ मेटावर्स और आभासी वातावरण में बच्चों के डेटा के लिये उच्चतम मौजूदा डेटा सुरक्षा मानकों को लागू करें।
  • सरकारी  की ज़िम्मेदारियाँ:
    • डिजिटल स्थानों में बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिये बाल दुर्व्यवहार रोकथाम एवं अन्वेषण इकाई (Child Abuse Prevention and Investigation Unit) जैसे नियामक ढाँचे का नियमित रूप से आकलन और समायोजन करें।
    • माता-पिता, शिक्षकों और अन्य संबंधित वयस्कों को चाइल्ड ऑनलाइन सेफ्टी टूलकिट में मदद करने के लिये बाल ऑनलाइन सुरक्षा टूलकिट जैसी नवीन पहल विकसित करें।
    • ऑनलाइन बच्चों को प्रभावित करने वाली हानिकारक सामग्री और व्यवहार से निपटने के लिये  नियामक शक्ति का उपयोग करें।
  • सामूहिक उत्तरदायित्व :
    • यह पहचानें कि बाल संरक्षण के लिये मौजूदा वास्तविक दुनिया के नियमों का विस्तार ऑनलाइन दायरे तक होना चाहिये।
    • बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये तकनीकी कंपनियों, सरकारों और संगठनों के बीच सहयोग के महत्त्व पर ज़ोर देना चाहिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में, किसी व्यक्ति के साइबर बीमा कराने पर, निधि की हानि की भरपाई एवं अन्य लाभों के अतिरिक्त निम्नलिखित में से कौन-कौन से लाभ दिये जाते हैं? (2020) 

  1. यदि कोई किसी मैलवेयर कंप्यूटर तक उसकी पहुँच को बाधित कर देता है तो कंप्यूटर प्रणाली को पुनः प्रचालित करने में लगने वाली लागत
  2. यदि यह प्रामाणित हो जाता है कि किसी शरारती तत्त्व द्वारा जानबूझ कर कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाया गया है तो एक नए कंप्यूटर की लागत
  3. यदि साइबर बलात्-ग्रहण होता है तो इस हानि को न्यूनतम करने के लिये विशेष परामर्शदाता की सेवाएँ पर लगने वाली लागत
  4. यदि कोई तीसरा पक्ष मुकदमा दायर करता है तो न्यायालय में बचाव करने में लगने वाली लागत

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न. भारत में साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना निम्नलिखित में से किसके/किनके लिये विधितः अधिदेशात्मक है? (2017) 

  1. सेवा प्रदाता
  2. डेटा सेंटर 
  3. कॉर्पोरेट निकाय 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. साइबर सुरक्षा के विभिन्न तत्त्व क्या हैं? साइबर सुरक्षा की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा कीजिये कि भारत ने किस हद तक व्यापक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है। (2022)

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