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शासन व्यवस्था

रूफटॉप सौर योजना

  • 20 Jan 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy- MNRE) ने रूफटॉप सौर योजना (Rooftop Solar Scheme) के संबंध में परामर्श जारी किया है।

प्रमुख बिंदु:

 उद्देश्य:  

  • घरों की छत पर सौर पैनल स्थापित कर सौर ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ग्रिड से जुड़ी रूफटॉप सौर योजना (द्वितीय चरण) को लागू कर रहा है।

ग्रिड से जुड़ी रूफटॉप सौर योजना (द्वितीय चरण):

  • इस परियोजना का  लक्ष्य वर्ष 2022 तक रूफटॉप सौर योजना से 40,000 मेगावाट की संचयी सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करना है।
  • इसमें ग्रिड से जुड़ी छत या छोटी सौर फोटोवोल्टिक (Solar Photovoltaic- SPV) प्रणाली, जिसमें SPV पैनल से उत्पन्न DC करंट, को पावर कंडीशनिंग यूनिट का उपयोग करके AC करंट में परिवर्तित किया जाता है और ग्रिड को संचालित किया जाता है।
  • कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य में शामिल हैं:
    • रिहायशी, सामुदायिक, संस्थागत, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के मध्य ग्रिड से जुड़े एसपीवी रूफटॉप और छोटे एसपीवी बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना।
    • जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भरता को कम करना तथा पर्यावरण अनुकूल सौर बिजली उत्पादन को प्रोत्साहित करना।
    • निजी क्षेत्र, राज्य सरकार और व्यक्तियों द्वारा सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिये सहयोगात्मक वातावरण निर्मित करना।
    • छत और छोटे पौधों की सहायता से ग्रिड तक सौर ऊर्जा की आपूर्ति हेतु एक सक्षम वातावरण निर्मित करना।
  • राज्य में इस योजना का क्रियान्वयन  वितरण कंपनियों (Distribution Companies-DISCOMs) द्वारा  किया जा रहा है।
    • इस योजना के तहत मंत्रालय पहले 3 किलोवाट के लिये 40 प्रतिशत सब्सिडी तथा 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक के लिये 20 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रहा है।
  • आवासीय उपभोक्ता को सब्सिडी राशि घटाकर विक्रेताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट की कीमत चुकानी होगी।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये अन्य योजनाएँ:

  • किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान-कुसुम (PM-KUSUM):
    • इस योजना में ग्रिड-कनेक्टेड रिन्यूएबल एनर्जी पावर प्लांट (0.5- 2 मेगावाट)/सोलर वाटर पंप/ग्रिड कनेक्टेड अग्रीकल्चर पंप शामिल हैं।
  • अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्कों के विकास हेतु योजना:
    • यह मौजूदा सोलर पार्क योजना के तहत ही अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्कों (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks- UMREPPs) को विकसित करने की योजना है।
  • राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति:
    • राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति, 2018 का मुख्य उद्देश्य  पवन और सौर संसाधनों, बुनियादी ढांँचे और भूमि के इष्टतम और कुशल उपयोग के लिये ग्रिड कनेक्टेड विंड-सोलर पीवी सिस्टम (Wind-Solar PV Hybrid Systems) को बढ़ावा देने के लिये एक रूपरेखा प्रस्तुत करना है।
    • पवन-सौर पीवी हाइब्रिड सिस्टम अक्षय ऊर्जा उत्पादन में परिवर्तनशीलता को कम करने तथा बेहतर ग्रिड स्थिरता प्राप्त करने में सहायक होगा।
    • इस नीति का उद्देश्य उन नई प्रौद्योगिकियों और तरीकों को प्रोत्साहित करना है जिसमें पवन और सौर पीवी संयंत्रों का संयुक्त संचालन शामिल है।
  • अटल ज्योति योजना (AJAY):
    • AJAY योजना को सितंबर 2016 में ग्रिड पावर (2011 की जनगणना के अनुसार) में 50% से कम घरों वाले राज्यों में सौर स्ट्रीट लाइटिंग (Solar Street Lighting- SSL) सिस्टम की स्थापना के लिये शुरू किया गया था।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन: आईएसए,  भारत की एक पहल है जिसे 30 नवंबर, 2015 को पेरिस, फ्रांँस में भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांँस के राष्ट्रपति द्वारा पार्टियों के सम्मेलन (COP-21) में शुरू किया गया था। इस संगठन के सदस्य देशों में वे 121 सौर संसाधन संपन्न देश शामिल हैं जो पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के मध्य स्थित हैं।
  • वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (OSOWOG): यह वैश्विक सहयोग को सुविधाजनक बनाने हेतु एक रूपरेखा पर केंद्रित है, जो परस्पर नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों (मुख्य रूप से सौर ऊर्जा) के वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर उसे साझा करता है।
  • राष्ट्रीय सौर मिशन (जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में राष्ट्रीय कार्य योजना का एक हिस्सा)
  • सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम: इसका उद्देश्य सौर प्रतिष्ठानों की निगरानी हेतु ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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