भारतीय अर्थव्यवस्था
रूफटॉप सोलर कार्यक्रम: दूसरे चरण को मंज़ूरी
- 20 Feb 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में कैबिनेट ने रूफटॉप सोलर परियोजनाओं से 40,000 मेगावाट की संचयी क्षमता हासिल करने हेतु ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के दूसरे चरण को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि यह मंज़ूरी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने वर्ष 2022 तक के लिये दी है।
- इस कार्यक्रम को 11,814 करोड़ रुपए की कुल केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ कार्यान्वित किया जाएगा।
- कार्यक्रम के दूसरे चरण में आवासीय क्षेत्र के लिये केंद्रीय वित्तीय सहायता (Central Financial Assistance-CFA) का पुनर्गठन किया गया है।
- केंद्रीय वित्तीय सहायता के तहत 3 किलोवाट तक की क्षमता वाली रूफटॉप सोलर (RTS) प्रणालियों के लिये 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता और 3 किलोवाट से ज़्यादा एवं 10 किलोवाट तक की क्षमता वाली रूफटॉप सोलर प्रणालियों के लिये 20 प्रतिशत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों/आवासीय कल्याण संघों (GHS/RAW) के मामले में साझा सुविधाओं को देखते हुए विद्युत आपूर्ति हेतु रूफटॉप सोलर संयंत्रों के लिये केंद्रीय वित्तीय सहायता को 20 प्रतिशत तक सीमित रखा जाएगा।
- केंद्रीय वित्तीय सहायता अन्य श्रेणियों जैसे- संस्थागत, शैक्षणिक, सामाजिक, सरकारी, वाणिज्यिक, औ़द्योगिक इत्यादि के लिये उपलब्ध नहीं होगी।
- कार्यक्रम के इस दूसरे चरण में वितरण कंपनियों (Distribution Company- DISCOM) की सहभागिता पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- डिस्कॉम और इनके स्थानीय कार्यालय इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिये मुख्य केन्द्र होंगे।
- डिस्कॉम को प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। डिस्कॉम को मिलने वाले प्रोत्साहन इस प्रकार होंगे:
क्रम संख्या | मानदंड | प्रोत्साहन |
1. | किसी वित्त वर्ष में स्थापित आधार क्षमता के अलावा 10 प्रतिशत तक हासिल स्थापित क्षमता के लिये | कोई प्रोत्साहन नहीं |
2. | किसी वित्त वर्ष में स्थापित आधार क्षमता के अलावा 10 प्रतिशत से ज़्यादा और 15 प्रतिशत तक हासिल स्थापित क्षमता के लिये | स्थापित आधार क्षमता के 10 प्रतिशत से ज़्यादा हासिल क्षमता के लिये लागू लागत का 5 प्रतिशत |
3. | किसी वित्त वर्ष में स्थापित आधार क्षमता के अलावा 15 प्रतिशत से ज़्यादा हासिल स्थापित क्षमता के लिये | स्थापित आधार क्षमता के 10 प्रतिशत से ज़्यादा और 15 प्रतिशत तक हासिल क्षमता के लिये लागू लागत का 5 प्रतिशत प्लस स्थापित आधार क्षमता के 15 प्रतिशत से ज़्यादा हासिल क्षमता के लिये लागू लागत का 10 प्रतिशत |
वितरण कंपनियों को प्रोत्साहन क्यों?
- चूँकि वितरण कंपनियों (Distribution Company- DISCOM) को ही योजना के कार्यान्वयन में अतिरिक्त श्रमबल, बुनियादी ढाँचागत सुविधाओं के निर्माण, क्षमता निर्माण, जागरूकता इत्यादि पर अतिरिक्त खर्च का भार वहन करना पड़ता है, इसलिये उन्हें प्रदर्शन से जुड़े विभिन्न प्रोत्साहन देकर भरपाई किये जाने को मंज़ूरी दी गई है।
- इस योजना के तहत डिस्कॉम को प्रोत्साहन केवल 18,000 मेगावाट की आरंभिक क्षमता वृद्धि के लिये ही दिया जाएगा।
व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव
- इस कार्यक्रम का कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी के नज़रिये से व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव पड़ेगा।
- प्रति मेगावाट 1.5 मिलियन यूनिट औसत ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2022 तक कार्यक्रम के चरण-2 के तहत 38 गीगावाट की क्षमता वाले सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना से प्रतिवर्ष कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में लगभग 45.6 टन की कमी होगी।
रोज़गार सृजन
- इस कार्यक्रम में रोज़गार सृजन की संभावनाएँ भी निहित हैं।
- इस मंज़ूरी से स्व-रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा और वर्ष 2022 तक योजना के चरण-2 के तहत 38 गीगावाट की क्षमता वृद्धि हेतु कुशल एवं अकुशल कामगारों के लिये लगभग 9.39 लाख रोज़गार के अवसर सृजित होने की संभावना है।
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स्रोत-पीआईबी