भारत में ऑनलाइन गेमिंग का विनियमन | 18 Mar 2025

प्रिलिम्स के लिये:

ऑनलाइन गेमिंग, रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) उद्योग, डिजिटल भुगतान प्रणाली, राज्य सूची, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा)।   

मेन्स के लिये:

भारत में गेमिंग उद्योग के उदय के लिये अग्रणी कारक, आचार संहिता की आवश्यकता और भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमन मुक्त करना। 

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

चर्चा में क्यों?

अनेक विशेषज्ञों ने ऑनलाइन गेमिंग में अत्यधिक सख्त विनियमन की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कर महँगे करों और अस्पष्ट कानूनी स्थिति की ओर इशारा किया है, तथा सरकार से उन्हें अधिक स्वतंत्रता के साथ कार्य करने की अनुमति देने का आग्रह किया है।

  • इसके अतिरिक्त, भारत के रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) उद्योग ने नैतिक और पारदर्शी व्यावसायिक प्रथाओं को स्थापित करने के लिये सामूहिक रूप से एक आचार संहिता पर हस्ताक्षर किये हैं।

RMG उद्योग क्या है?

  • परिचय: यह वित्त वर्ष 2023-24 में 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व उत्पन्न करता है और इसमें ड्रीम 11 और पोकरबाजी (PokerBaazi) जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं जहाँ उपयोगकर्त्ता पैसे जीतने या हारने की संभावना के साथ वास्तविक पैसा लगाते हैं।
  • आचार संहिता की आवश्यकता: 
    • कानूनी दबाव: तमिलनाडु जैसे राज्यों द्वारा आधार सत्यापन और गेमप्ले ब्लैकआउट (आधी रात से सुबह 5 बजे तक) सहित सख्त नियम लागू करने का प्रयास किया गया।
    • केंद्रीय विनियमन का अभाव: RMG उद्योग के लिये केंद्र सरकार के प्रस्तावित नियमों को अभी तक लागू नहीं किया गया है, जिससे फर्मों पर स्वयं विनियमन का दबाव बढ़ रहा है
    • उद्योगों की छवि: स्व-नियमन RMG कंपनियों को ज़िम्मेदारी और वैधता प्रदर्शित करने में मदद करता है।
    • अपतटीय प्लेटफार्मों से प्रतिस्पर्द्धा: अंतर्राष्ट्रीय गेमिंग वेबसाइटें, जो GST  और आईडी सत्यापन आवश्यकताओं को दरकिनार करती हैं, तेज़ी से बढ़ रही हैं, जिससे घरेलू प्लेटफार्मों के लिये स्वयं को अलग करने के लिये नैतिक प्रतिबद्धताएँ महत्त्वपूर्ण हो गई हैं।

ऑनलाइन गेमिंग क्या है?

  • ऑनलाइन गेमिंग से तात्पर्य इंटरनेट पर वीडियो गेम खेलने से है, जो खिलाड़ियों को कंप्यूटर, गेमिंग कंसोल या स्मार्टफोन के माध्यम से कनेक्ट करने की अनुमति प्रदान करता है। 
    • यह खिलाड़ियों के बीच वास्तविक समय में वार्तालाप और प्रतिस्पर्द्धा की सुविधा प्रदान करता है, चाहे वे कहीं भी स्थित हों।
  • वर्गीकरण:
    • कौशल-आधारित खेल: वे मौके की बजाय कौशल को प्राथमिकता देते हैं, जो भारत में वैध हैं। उदाहरण के लिये, गेम 24X7, ड्रीम 11 और मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल)।
    • गेम्स ऑफ चैन्स: इनका परिणाम मुख्य रूप से कौशल के बजाय भाग्य पर निर्भर करता है तथा भारत में ये अवैध हैं। उदाहरण के लिये, रूलेट, जो मुख्य रूप से मौद्रिक पुरस्कारों के लिये खिलाड़ियों को आकर्षित करता है।
  • बाज़ार का आकार: वर्ष 2023 में, भारत 568 मिलियन गेमर्स तथा 9.5 बिलियन ऐप डाउनलोड  के साथ विश्व का सबसे बड़ा गेमिंग बाज़ार बन जाएगा।
    • वर्ष 2023 में इस बाज़ार का मूल्य 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, तथा अनुमान है कि वर्ष 2028 तक यह 8.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगा।
  • विकास के प्रमुख घटक : 
    • युवा जनसांख्यिकी: भारत की लगभग आधी जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है, जिससे गेमिंग के प्रति लोगों की संख्या बहुत अधिक हो गई है।
    • स्मार्टफोन का प्रसार: स्मार्टफोन उपयोगकर्त्ताओं की संख्या वर्ष 2017 में 468 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2025 में 1.2 बिलियन होने की उम्मीद है।
    • इंटरनेट पहुँच: भारत में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोगकर्त्ता आधार है, जिसके वर्ष 2025 तक 900 मिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।
    • स्थानीयकृत सामग्री: खेलों को भारतीय प्राथमिकताओं के अनुसार अनुकूलित किया जा रहा है, जिसमें क्षेत्रीय भाषा विकल्प (गुजराती, बांग्ला, मराठी, तेलुगु, आदि) और फेस्टिवल-थीम वाले कार्यक्रम शामिल हैं।
    • तेज़ी से बढ़ता IT सेक्टर: वर्ष 2010 में, भारत में केवल 25 ऑनलाइन गेम डेवलपमेंट कंपनियाँ थीं; वर्ष 2019 तक, इनकी संख्या 275 हो गई, जो विश्वव्यापी गेम डेवलपमेंट उद्योग में योगदान दे रही हैं।
    • डिजिटल भुगतान : डिजिटल भुगतान प्रणाली के उपयोगकर्त्ता वर्ष 2019 में 10 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2025 में 46.52 करोड़ हो गए, जिससे ऑनलाइन लेनदेन की सुविधा मिली।
  • दुष्प्रभाव: 
    • अविरति (Addiction): WHO ने आधिकारिक तौर पर 'गेमिंग डिसऑर्डर' को रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण के तहत एक व्यवहारिक अविरति के रूप में शामिल करने के लिये मतदान किया है।
    • भावनात्मक लक्षण: व्यग्रता, उत्तेजनशीलता, सामाजिक अलगाव।
    • शारीरिक लक्षण: थकान और माइग्रेन, कार्पल टनल सिंड्रोम (उंगलियों और हाथों में दर्द)।

और पढ़ें: गेमिंग क्षेत्र के समक्ष क्या चुनौतियाँ हैं?

गेम ऑफ स्किल और गेम ऑफ चांस के बीच अंतर

पहलू

गेम ऑफ स्किल

गेम ऑफ चांस

परिभाषा

ऐसे खेल जहाँ परिणाम मुख्य रूप से खिलाड़ी के ज्ञान, रणनीति और कौशल से निर्धारित होता है।

ऐसे खेल जहाँ परिणाम मुख्य रूप से यादृच्छिक कारकों और भाग्य पर आधारित होते हैं।

प्रमुख निर्धारक कारक

खिलाड़ी का कौशल, निर्णयन की क्षमता और अभ्यास।

यादृच्छिकता, संभावना और भाग्य।

परिणाम पर नियंत्रण

उच्च - खिलाड़ियों के कार्य सीधे परिणाम को प्रभावित करते हैं।

निम्न - खिलाड़ियों का परिणामों पर बहुत कम या कोई नियंत्रण नहीं होता।

उदाहरण

शतरंज, पोकर (कौशल-आधारित), ई-स्पोर्ट्स (डोटा 2, काउंटर-स्ट्राइक), फैंटेसी स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स बेटिंग (ज्ञान-आधारित)।

स्लॉट मशीनें, रूलेट, लॉटरी, स्क्रैच कार्ड, अधिकांश कैसिनो गेम।

विधिक स्थिति

प्रायः जुआ कानूनों से छूट प्राप्त या लचीला विनियमन।

शोषण और अविरति (Addiction) की संभावना के कारण सख्ती से विनियमित।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग कैसे विनियमित है?

  • विधिक प्रावधान: 
    • भारत के संविधान में राज्य सूची की प्रविष्टि 34 के अंतर्गत राज्य विधानसभाओं को गेमिंग, बेटिंग और गैंबलिंग पर कानून बनाने का विशेष अधिकार है।
    • सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023: इसमें ऑनलाइन गेम, ऑनलाइन गेमिंग मध्यस्थ, स्व-नियामक निकाय, ऑनलाइन RMG और अनुमेय खेलों को परिभाषित किया गया है।
    • पुरस्कार प्रतियोगिता अधिनियम, 1955 पुरस्कार-आधारित प्रतियोगिताओं को नियंत्रित करता है।
    • सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 (PGA) कौशल-आधारित खेलों को दंड से छूट देता है।
  • FDI प्रतिबंध: भारत की FDI नीति लाइसेंसिंग और ब्रांड समझौतों सहित लॉटरी, जुआ और बेटिंग में  विदेशी निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग पर प्रतिबंध लगाती है।
  • न्यायिक दृष्टिकोण: डॉ. के.आर. लक्ष्मणन मामले, 1996 में, सर्वोच्च न्यायालय ने हॉर्स रेस बेटिंग को कौशल का खेल माना और इसे अधिकांश जुआ प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया।
    • गीता रानी मामला, 2019 में सर्वोच्च न्यायालय को अभी यह विनिश्चित करना है कि बेटिंग कौशल का खेल है या नहीं।
  • कराधान: केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2023 ने ऑनलाइन गेमिंग में प्रवेश राशि के पूर्ण अंकित मूल्य पर 28% कर लागू किया।
    • आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत , लॉटरी, कार्ड गेम या किसी भी खेल (कौशल-आधारित खेल सहित) से 10,000 रुपए से अधिक की जीत पर 30% (अधिभार और उपकर को छोड़कर) कर लगाया जाता है।

ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में नियमों में छूट की क्या आवश्यकता है?

  • आर्थिक विकास और रोज़गार: ऑनलाइन गेमिंग उद्योग एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसका अनुमानित बाज़ार आकार वर्ष 2028 तक  8.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगा।
    • विनियमन से निवेश और विस्तार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे 2 से 3 लाख अतिरिक्त रोज़गार का सृजन होगा।
  • प्रतिस्पर्द्धात्मक लाभ में वृद्धि: भारत की विशाल बाज़ार क्षमता को ऐसे नियमों के माध्यम से सुदृढ़ बनाया जा सकता है, जो स्टार्टअप्स को कर और विधिक बाधाओं का सामना करने के बजाय वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा करने में मदद करेंगे।
  • नियामक स्पष्टता सुनिश्चित करना: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियाँ बनाम GST मामले, 2025 में, 1.12 लाख करोड़ रुपए की पूर्वव्यापी GST मांग पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक स्पष्ट और स्थिर नीतियों की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। 
    • अस्पष्ट कर संरचनाओं से अननुमेय व्यावसायिक परिवेश का निर्माण होता है, जिससे निवेश और विकास बाधित होता है।
  • पूंजी पलायन की रोकथाम: 28% GST के साथ ऑनलाइन गेमिंग को द्यूत और मद्य की समान श्रेणी में रखा गया है, जिससे व्यवसाय विदेशी प्लेटफाॅर्मों के उपयोग की ओर अग्रसर हो रहे हैं। 
    • इसके परिणामस्वरूप कर राजस्व की हानि होती है तथा अनियमित ऑनलाइन बेटिंग से जोखिम बढ़ता है।
  • नवप्रवर्तन को प्रोत्साहन: इस क्षेत्र में स्टार्टअप्स नवप्रवर्तन और विस्तार के स्थान पर विधिक केसों में अपने संसाधनों का उपयोग करने हेतु विवश होते हैं।
    • एक स्थिर नियामक ढाँचा से निवेश आकर्षित किया जा सकता है, तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया जा सकता है और ऑनलाइन गेमिंग में भारत को प्रमुख अभिकर्त्ता के रूप में स्थापित किया जा सकता है।

आगे की राह

  • कराधान को युक्तिसंगत बनाना: सरकार को निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये खेल वर्गीकरण (कौशल-आधारित बनाम मौका-आधारित) के आधार पर स्तरीय कराधान पर विचार करना चाहिये और निवेश स्थिरता के लिये पूर्वव्यापी GST  मांगों पर पुनर्विचार करना चाहिये।
  • गेमिंग प्लेटफाॅर्म का वर्गीकरण: उपयोगकर्ता आधार के आधार पर गेमिंग प्लेटफाॅर्म को वर्गीकृत करने से लक्षित विनियमन के माध्यम से उत्तरदायित्वपूर्ण गेमिंग को बढ़ावा मिल सकता है। उदाहरण के लिये,
    • बालक एवं किशोर (18 वर्ष से कम): अभिभावकीय नियंत्रण, समय सीमा।
    • युवा वयस्क (18-25): जागरूकता अभियान, व्यय सीमाएँ।
    • वयस्क (25+): द्यूत की सीमा, मानसिक स्वास्थ्य सहायता।
  • एकसमान विनियामक ढाँचा: उद्योग और सरकार को शामिल करने वाले सह-विनियामक मॉडल से अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकता है और उत्तरदायित्वपूर्ण गेमिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है। 
  • उत्तरदायित्वपूर्ण गेमिंग: प्लेटफॉर्मों द्वारा गेमिंग के व्यसन के जोखिम और हेल्पलाइन सहायता के बारे में जागरूकता अभियान आयोजित किया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिये। उदाहरण के लिये, तमिलनाडु ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी उत्तरदायित्वपूर्ण ऑनलाइन गेमिंग सुनिश्चित करती है और विशेष रूप से युवाओं में इसके व्यसन को रोकती है।
    • यदि डेटा संरक्षण नियमों का सख्ती से प्रवर्तन किया जाए तो उपयोगकर्त्ता डेटा की दुरुपयोग से सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिये।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की संवृद्धि के प्रमुख चालकों और इसके अत्यधिक विनियमन से उत्पन्न चुनौतियों की विवेचना कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का/के उद्देश्य है/हैं? (2018)

  1. भारत की अपनी इंटरनेट कंपनियों का गठन, जैसा कि चीन ने किया।  
  2. एक नीतिगत ढाँचे की स्थापना जिससे बड़े आँकड़े एकत्रित करने वाली समुद्रपारीय बहु-राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वे हमारी राष्ट्रीय भौगोलिक सीमाओं के अंदर अपने बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना करें।  
  3. हमारे अनेक गाँवों को इंटरनेट से जोड़ना तथा हमारे बहुत से विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख पर्यटक केंद्रों में वाई-फाई की सुविधा प्रदान करना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b) 


मेन्स:

प्रश्न. चर्चा कीजिये कि किस प्रकार उभरती प्रौद्योगिकियाँ और वैश्वीकरण मनी लॉन्ड्ऱिग में योगदान करते हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मनी लॉन्ड्ऱिग की समस्या से निपटने के लिये किये जाने वाले उपायों को विस्तार से समझाइये। (2021)