भारतीय अर्थव्यवस्था
परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों पर RBI समिति
- 06 Nov 2021
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारतीय रिज़र्व बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ, गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियाँ मेन्स के लिये:ARC हेतु RBI द्वारा गठित समिति के सुझाव |
चर्चा में क्यों?
परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARC) के कामकाज को कारगर बनाने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की एक समिति ने व्यापक सुझाव दिये हैं।
परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ (ARCs)
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प्रमुख बिंदु
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पृष्ठभूमि:
- रिकवरी सुनिश्चित करने और व्यवसायों के पुनरुद्धार दोनों में, ARC का प्रदर्शन अब तक कमज़ोर रहा है।
- ऋणदाता 2004-2013 की अवधि में ARC को बेची गई तनावग्रस्त आस्तियों के संबंध में उधारकर्त्ताओं पर बकाया कुल राशि का केवल 14.29% ही वसूल कर पाए हैं।
- ARC के प्रदर्शन में सुधार के लिये RBI ने मुद्दों की जाँच करने और वित्तीय क्षेत्र की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु ARC को सक्षम करने के उपायों की सिफारिश करने के लिये एक समिति (सुदर्शन सेन की अध्यक्षता में) नियुक्त की थी।
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सुझाव:
- तनावग्रस्त संपत्तियों की बिक्री के लिये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म:
- तनावग्रस्त संपत्तियों की बिक्री में पारदर्शिता और प्रक्रियाओं की एकरूपता की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए समिति का मानना है कि ऐसी संपत्तियों की बिक्री के लिये एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया जा सकता है।
- ‘सरफेसी अधिनियम’ के दायरे का विस्तार:
- सरफेसी अधिनियम की धारा 5 के दायरे का विस्तार किया जा सकता है ताकि ARCs को न केवल बैंकों और 'वित्तीय संस्थानों' से, बल्कि ऐसी संस्थाओं से भीपुनर्निर्माण के उद्देश्य से 'वित्तीय संपत्ति' हासिल करने की अनुमति दी जा सके, जिन्हेंरिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित किया गया है।
- इन प्रस्तावित शक्तियों के तहत, भारतीय रिज़र्व बैंक को ARCs को वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs), विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs), परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (AMCs) सहित सभी विनियमित संस्थाओं से वित्तीय संपत्ति हासिल करने की अनुमति देने भी पर विचार कर सकता है।
- अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराना:
- ARCs को उनके द्वारा खरीदे गए अशोध्य ऋणों के पुनर्गठन की सुविधा के लिये संसाधन जुटाने हेतु सेबी-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष को प्रायोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिये।
- IBC का उपयोग:
- दबावग्रस्त/तनावग्रस्त आस्तियों के समाधान हेतु ARCs को एक प्रमुख माध्यम के रूप में परिकल्पित करते हुए ARCs को इस उद्देश्य हेतु दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (IBC) ढाँचे का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिये।
- ARCs को बिक्री के लिये ‘बड़े ऋण’:
- ‘बड़े ऋण’ और ऐसे ऋण, जो दो वर्षों से अधिक समय से डिफाॅल्ट हैं, बैंकों द्वारा ARCs को बिक्री के लिये दिये जा सकते हैं। आरक्षित मूल्य की अंतिम स्वीकृति एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा दी जानी चाहिये।
- दबावग्रस्त आस्तियों की बिक्री के लिये आयोजित नीलामियों में वास्तविक मूल्य सुनिश्चित करने में आरक्षित मूल्य एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- ‘बड़े ऋण’ और ऐसे ऋण, जो दो वर्षों से अधिक समय से डिफाॅल्ट हैं, बैंकों द्वारा ARCs को बिक्री के लिये दिये जा सकते हैं। आरक्षित मूल्य की अंतिम स्वीकृति एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा दी जानी चाहिये।
- ऋण एकत्रीकरण सुनिश्चित करने के लिये:
- समिति ने सिफारिश की है कि यदि 66% ऋणदाता (मूल्य के आधार पर) किसी ARC द्वारा किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने का निर्णय लेते हैं, तो यह शेष ऋणदाताओं पर बाध्यकारी हो सकता है और इसे बहुसंख्यक ऋणदाताओं (66%) द्वाराअनुमोदन के 60 दिनों के भीतर लागू किया जाना चाहिये।
- कुल ऋण का अर्थ है कुल मूलधन और ब्याज जो ऋणी द्वारा ऋण निपटान समझौते के निष्पादन के समय लेनदारों पर बकाया है।
- यदि कोई ऋणदाता सहमत होने में विफल रहता है, तो यह बकाया ऋण पर 100% प्रोविजनिंग के अधीन होगा।
- ऋण की प्रोविजनिंग: एक प्रोविजनिंग बुकिंग का तात्पर्य है कि बैंक ऋण पर होने वाले नुकसान को समय से पहले पहचान लेता है।
- समिति ने सिफारिश की है कि यदि 66% ऋणदाता (मूल्य के आधार पर) किसी ARC द्वारा किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने का निर्णय लेते हैं, तो यह शेष ऋणदाताओं पर बाध्यकारी हो सकता है और इसे बहुसंख्यक ऋणदाताओं (66%) द्वाराअनुमोदन के 60 दिनों के भीतर लागू किया जाना चाहिये।
- NARCL के लिये:
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) की बैलेंस शीट को संतुलित करने के लिये भारत द्वारा प्रस्तावित नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) के संबंध में, RBI को बाज़ार के माध्यम से वास्तविक मूल्य खोज के उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिये NARCL और निजी ARC तंत्र के बीच निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करनी चाहिये।
- तनावग्रस्त संपत्तियों की बिक्री के लिये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म:
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अपेक्षित लाभ:
- तनावग्रस्त ऋण से छुटकारा:
- समिति द्वारा प्रस्तुत सुझावों का उद्देश्य बैंकों को डिफॉल्ट के शुरुआती चरण में तनावग्रस्त ऋण से छुटकारा पाने में सक्षम बनाना और अनिच्छुक अल्पसंख्यक ऋणदाताओं को बिक्री में शामिल होने के लिये प्रेरित करना है। मापदंड बेचे जाने वाले बड़े मूल्य के ऋणों के लिये मूल्यांकनकर्ताओं को नियुक्त करने का भी प्रयास करते हैं।
- ARCs को संसाधन जुटाने में मदद:
- सिफारिशें समयोचित हैं और प्रतिभूति रसीद में निवेश के लिये पात्र बाज़ार सहभागियों की विभिन्न श्रेणियों का दोहन कर ARCs को संसाधन जुटाने में मदद करेंगी।
- बैंकों को दो साल की प्रोविजनिंग (समय से ऋण की भरपाई) की शर्त के साथ NPA (गैर-निष्पादित संपत्ति) की शीघ्र बिक्री के लिये भी प्रोत्साहन दिया गया है।
- तनावग्रस्त ऋण से छुटकारा: