लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 जुलाई, 2020

  • 11 Jul 2020
  • 8 min read

विश्व जनसंख्या दिवस

विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लगातार बढ़ रही जनसंख्या को सीमित करना और आम लोगों को जनसंख्या वृद्धि, लिंग समानता एवं मातृत्त्व स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक बनाना है। विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तत्कालीन गवर्निंग काउंसिल द्वारा 11 जुलाई, 1989 को की गई थी। तब से प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य कारण यह है कि इसी दिन वर्ष 1987 में विश्व की जनसंख्या ने 5 बिलियन के आँकड़े को पार किया था। वर्ष 2020 में विश्व जनसंख्या दिवस की थीम मुख्यतः महिलाओं और लड़कियों पर केंद्रित है, क्योंकि कई अध्ययनों में सामने आया है कि कोरोना वायरस संकट के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विश्व जनसंख्या दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें जनसंख्या वृद्धि की वज़ह से होने वाले खतरों के प्रति लोगों को आगाह किया जाता है। वर्तमान में चीन और भारत दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, COVID-19 महामारी ने प्रत्येक व्यक्ति, समुदाय और अर्थव्यवस्था को काफी हद तक प्रभावित किया है, लेकिन इसके कारण सभी लोग समान रूप से प्रभावित नहीं हुए हैं, कोरोना वायरस (COVID-19) और लॉकडाउन का सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं और लड़कियों पर देखने को मिला है। राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women-NCW) के अनुसार, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लागू किये गए देशव्यापी लॉकडाउन के पश्चात् से अब तक लिंग-आधारित हिंसा और घरेलू हिंसा के मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है।

म्यूचुअल फंड पर सलाहकार समिति का पुनर्गठन

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने म्यूचुअल फंड उद्योग के विनियमन और विकास से संबंधित मामलों पर सलाह देने वाली समिति का पुनर्गठन किया है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से संबंधित 20 सदस्यीय सलाहकार समिति की प्रमुख उषा थोराट होंगी, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पूर्व डिप्टी गवर्नर हैं। इससे पूर्व वर्ष 2013 में गठित इस समिति में 15 सदस्य थे और इसके अध्यक्ष SBI के पूर्व चेयरमैन जानकी बल्लभ थे। म्यूचुअल फंड एक प्रकार का सामूहिक निवेश होता है। निवेशकों के समूह मिलकर अल्पावधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड में एक फंड प्रबंधक होता है, जो इस पैसे को विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिये अपने निवेश प्रबंधन कौशल का उपयोग करता है। वह फंड के निवेशों का निर्धारण करता है और लाभ तथा हानि का हिसाब रखता है। इस प्रकार हुए फायदे-नुकसान को निवेशकों में बाँट दिया जाता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी। इसका मुख्य कार्य प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना है।

उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020

हाल ही में उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्रिमंडल ने नए व्यापारिक विचारों को वित्तपोषित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की स्टार्टअप नीति 2020 को मंज़ूरी दे दी है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वर्तमान में राज्य में कोई विशिष्ट स्टार्टअप नीति नहीं थी और एक स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने तथा मज़बूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिये एक स्वतंत्र और व्यापक नीति की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश की इस नीति का उद्देश्य राज्य को स्टार्टअप के विषय में भारत के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल करना है, इस नीति के तहत राज्य में कुल 100 इनक्यूबेटर स्थापित किये जाएंगे। साथ ही इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश का सबसे बड़ा इनक्यूबेटर स्थापित करने की योजना बनाई गई है। संबंधी अधिसूचना के अनुसार, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में स्टार्टअप स्थापित करने के लिये विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस नीति के माध्यम से राज्य में तकरीबन 50,000 लोगों के लिये प्रत्यक्ष और एक लाख लोगों के लिये अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। 

फ्लिपकार्ट और कर्नाटक सरकार के बीच समझौता ज्ञापन

ई-वाणिज्य (E-commerce) कंपनी फ्लिपकार्ट (flipkart) ने स्थानीय कला, शिल्प और हथकरघा क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिये कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कला, शिल्प और हथकरघा क्षेत्रों को ई-वाणिज्य मंच पर लाना और  बाज़ार तक पहुँच प्रदान करना है। इस समझौते के माध्यम से से कर्नाटक के स्थानीय कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों को अपने हॉलमार्क उत्पादों को देश भर के ग्राहकों के समक्ष प्रदर्शित करने की सुविधा मिल सकेगी। गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार और फ्लिपकार्ट समूह समाज के इन वंचित वर्गों के लिये व्यापार के अवसरों को बढ़ाने के रास्ते बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिससे मेड इन इंडिया (Made In India) को लेकर हो रहे प्रयासों में भी तेज़ी आएगी। फ्लिपकार्ट के साथ कर्नाटक सरकार का यह समझौता राज्य के वाणिज्यिक और सामाजिक विकास में सहायक होगा। यह साझेदारी कर्नाटक के स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा व्यवसायों को एक राष्ट्रीय उपभोक्ता आधार तक ले जाने में मदद करेगी।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2