शासन व्यवस्था
रेल कौशल विकास योजना
- 20 Sep 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये :प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क, श्रेयस योजना मेन्स के लिये :रेल कौशल विकास योजना का उद्देश्य एवं महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रेल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंतर्गत रेल कौशल विकास योजना (RKVY) की शुरुआत की है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय :
- यह एक कौशल विकास कार्यक्रम है, जिसमें युवाओं को रेलवे की प्रासंगिक नौकरियों पर विशेष ध्यान देने के साथ प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- प्रशिक्षण चार ट्रेडों में प्रदान किया जाएगा अर्थात् इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर एवं अन्य ट्रेडों को क्षेत्रीय रेलवे के साथ-साथ उत्पादन इकाइयों द्वारा क्षेत्रीय मांगों तथा आवश्यकताओं के आकलन के आधार पर जोड़ा जाएगा।
- अप्रेंटिस को अप्रेंटिस एक्ट 1961 के तहत यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- उद्देश्य :
- इस पहल का उद्देश्य कार्य में गुणात्मक सुधार लाने के लिये युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण कौशल प्रदान करना है।
- इसके तहत अगले तीन वर्षों में 50 हज़ार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- पात्रता :
- इसके लिये 10वीं पास और 18-35 वर्ष के बीच के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे। हालाँकि इस प्रशिक्षण के आधार पर योजना में भाग लेने वाले रेलवे में रोज़गार पाने का कोई दावा नहीं कर सकते।
- महत्त्व :
- यह योजना न केवल युवाओं की रोज़गार क्षमता में सुधार करेगी, बल्कि स्वरोज़गार हेतु कौशल को भी उन्नत करेगी। साथ ही पुन: कौशल और अप-स्किलिंग के माध्यम से ठेकेदारों के साथ काम करने वाले लोगों के कौशल में भी सुधार होगा।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना:
- परिचय:
- PMKVY 1.0 के अंतर्गत 24 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 19 लाख से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया गया था, इस योजना को PMKVY 2.0 (2016-2020) के रूप में आवंटित 12000 करोड़ रुपए के बजट के साथ फिर से शुरू किया गया था। जिसका लक्ष्य वर्ष 2020 तक 10 मिलियन युवाओं को प्रशिक्षित करना है।
- इसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने और देश की ज़रूरतों के लिये प्रशिक्षण एवं प्रमाणन को संरेखित करने के उद्देश्य से युवाओं को कौशल प्रशिक्षण हेतु प्रेरित करना है।
- पुनः PMKVY 3.0 को वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया था, ताकि भारत के युवाओं को 300 से अधिक कौशल पाठ्यक्रम उपलब्ध कराकर रोज़गार योग्य कौशल के साथ सशक्त बनाया जा सके। इसके अंतर्गत 948.90 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 2020-2021 की योजना अवधि में आठ लाख उम्मीदवारों के प्रशिक्षण की परिकल्पना की गई है।
- प्रमुख घटक:
- अल्पावधि प्रशिक्षण: राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुसार, प्रशिक्षण उन लोगों को प्रदान किया जाता है जो या तो स्कूल/कॉलेज छोड़ने वाले या बेरोज़गार हैं।
- पूर्व शिक्षण मान्यता (RPL): एक निश्चित कौशल वाले या पूर्व शिक्षण अनुभव वाले व्यक्ति का मूल्यांकन NSQF के अनुसार, ग्रेड के साथ RPL के तहत किया जाता है और प्रमाणित किया जाता है।
- विशेष परियोजनाएँ: यह घटक सरकारी निकायों और कॉर्पोरेट के विशेष क्षेत्रों एवं परिसरों में प्रशिक्षण सुनिश्चित करता है। इसका उद्देश्य समाज के कमज़ोर व हाशिये पर स्थित समूहों को प्रशिक्षण के लिये प्रोत्साहित करना है।
- प्रशिक्षण भागीदारों (TPs) के लिये हर छह महीने में कौशल और रोज़गार मेलों का आयोजन करना तथा प्रमाणित लोगों को प्लेसमेंट सहायता प्रदान करना अनिवार्य है।
- अन्य संबंधित पहलें:
- राष्ट्रीय कॅरियर सेवा परियोजना
- संकल्प (Skills Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood- SANKALP)
- औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन के लिये कौशल सुदृढ़ीकरण परियोजना- स्ट्राइव (Skills Strengthening for Industrial Value Enhancement- STRIVE)
- कौशलाचार्य पुरस्कार
- श्रेयस (Scheme for Higher Education Youth in Apprenticeship and Skills- SHREYAS)
- आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी-नियोक्ता मानचित्रण- असीम (Atma Nirbhar Skilled Employee Employer Mapping- ASEEM)
- कौशल प्रमाणन
- युवाह (YuWaah) यूथ स्किलिंग इनिशिएटिव