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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

क्वाड सहयोग के 20 वर्ष पूरे

  • 02 Jan 2025
  • 16 min read

प्रिलिम्स के लिये:

क्वाड, इंडो-पैसिफिक, मालाबार अभ्यास, सूचना संलयन केंद्र, कैंसर मूनशॉट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स, ब्लू डॉट नेटवर्क, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क

मेन्स के लिये:

भारत की विदेश नीति में क्वाड का महत्त्व, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड का महत्व, भारत और उसके द्विपक्षीय संबंध

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

क्वाड विदेश मंत्रियों ने क्वाड (Quad) सहयोग की 20वीं वर्षगाँठ मनाई और चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच स्वतंत्र, खुले और शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

क्वाड के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • क्वाड या चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया का एक रणनीतिक मंच है जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है।
  • उद्देश्य: इसका लक्ष्य चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देना, लोकतंत्र, मानवाधिकार और विधि के शासन का समर्थन करना तथा खुले और स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाना है।
  • क्वाड का गठन:
    • वर्ष 2004 की सुनामी: इस समूह की उत्पत्ति वर्ष 2004 की सुनामी के बाद किये गए राहत प्रयासों से जुड़ी हुई है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने मिलकर बचाव अभियान चलाया था।
    • 2007 गठन: जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के सुझाव पर वर्ष 2007 में क्वाड की औपचारिक स्थापना की गई।
      • चीनी दबाव और क्षेत्रीय तनाव के कारण वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलिया इस समझौते से बाहर निकल गया।
    • वर्ष 2017 में पुनरुद्धार: अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया के बीच सैन्य संबंधों में वृद्धि के कारण ऑस्ट्रेलिया की वापसी हुई। पहली आधिकारिक क्वाड वार्ता 2017 में फिलीपींस में आयोजित की गई थी।
    • वर्ष 2017 में पुनरुद्धार: अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच बेहतर सैन्य संबंधों के परिणामस्वरूप ऑस्ट्रेलिया समझौते से बाहर निकल गया। फिलीपींस ने वर्ष 2017 में पहली औपचारिक क्वाड चर्चा की मेज़बानी की।
    • मालाबार अभ्यास: मालाबार अभ्यास वर्ष 1992 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था। जापान वर्ष 2015 में इसमें शामिल हुआ और ऑस्ट्रेलिया वर्ष 2020 में शामिल हुआ।
  • क्वाड की प्रकृति: क्वाड किसी औपचारिक गठबंधन संरचना, सचिवालय या निर्णय लेने वाली संस्था के बिना कार्य करता है।
  • यह मंच नियमित बैठकों के माध्यम से अस्तित्त्व में रहता है, जिसमें मंत्रिस्तरीय और नेता स्तरीय शिखर सम्मेलन, साथ ही सूचना का आदान-प्रदान एवं सैन्य अभ्यास शामिल हैं।
  • क्वाड की प्रमुख पहल:

    • समुद्री क्षेत्र जागरूकता के लिये हिंद भारत-प्रशांत साझेदारी (IPMDA): अवैध मत्स्य संग्रहण और समुद्री गतिविधियों की वास्तविक समय निगरानी को बढ़ाता है।

    • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिये समुद्री पहल (मैत्री): समुद्री सुरक्षा और कानून प्रवर्तन प्रशिक्षण के लिये क्षमता निर्माण का समर्थन करता है।
    • इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क: इसका उद्देश्य क्षेत्र में त्वरित आपदा प्रतिक्रिया के लिये साझा एयरलिफ्ट और लॉजिस्टिक्स क्षमताओं का लाभ उठाना है।
    • क्वाड कैंसर मूनशॉट: इसका लक्ष्य गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर की रोकथाम और उपचार है, तथा आने वाले दशकों में लाखों लोगों के जीवन को बचाने की योजना है।
    • भविष्य की साझेदारी के क्वाड बंदरगाह: भारत-प्रशांत क्षेत्र में सतत् और लचीले बंदरगाह बुनियादी ढाँचे का विकास करेगा, जिसमें भारत वर्ष 2025 में क्षेत्रीय बंदरगाह और परिवहन सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
    • ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओपन RAN): ओपन RAN के साथ क्वाड सुरक्षित और लचीले 5G पारिस्थितिकी तंत्र की सुविधा प्रदान करता है।
  • अगली पीढ़ी के कृषि को सशक्त बनाने के लिये नवाचारों को बढ़ावा देना (AI-ENGAGE): यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में कृषि पद्धतियों को बेहतर बनाने और किसानों को सशक्त बनाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रोबोटिक्स और सेंसिंग का उपयोग करता है।
  • बायोएक्सप्लोर पहल: जैविक अनुसंधान के लिये AI का लाभ उठाने हेतु 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ ऊर्जा और धारणीय कृषि में अनुप्रयोग शामिल हैं।
  • सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला आकस्मिकता नेटवर्क: सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखलाओं में जोखिम को कम करने के लिये सहयोग को बढ़ाता है।
  • क्वाड फेलोशिप: सदस्य देशों में स्नातक  STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा को वित्तपोषित करता है और हाल ही में आसियान छात्रों को शामिल करने के लिये इसका विस्तार किया गया है।
    • भारत का क्वाड छात्रवृत्ति कार्यक्रम प्रतिवर्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 50 इंजीनियरिंग छात्रों को सहायता प्रदान करता है।
  • आतंकवाद निरोधी कार्य समूह (CTWG) : यह समूह आतंकवादी उद्देश्यों के लिये मानव रहित हवाई प्रणालियों, रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु खतरों (CBRN) और इंटरनेट के दुरुपयोग का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करता है।

भारत के लिये क्वाड का क्या महत्त्व है?

  • समुद्री सुरक्षा: नौवहन की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने तथा समुद्री डकैती और अवैध मत्स्यन का मुकाबला करके भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
    • संयुक्त नौसैनिक अभ्यास अंतर-संचालन और समुद्री क्षेत्र जागरूकता को बढ़ाते हैं।
  • सामरिक महत्त्व: क्वाड विशेष रूप से "स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स" जैसी चीन की आक्रामक नीतियों का मुकाबला करने के लिये हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
  • आर्थिक अवसर: ब्लू डॉट नेटवर्क और आपूर्ति शृंखला लचीलापन पहल जैसी पहलों के माध्यम से आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करता है ।
    • कोविड के बाद, भारत के पास चीन से स्थानांतरित होने वाली विनिर्माण इकाइयों को आकर्षित करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में आपूर्ति शृंखला लचीलापन बढ़ाने का अवसर है।
  • वैज्ञानिक सहयोग: क्वाड फेलोशिप STEM क्षेत्रों में शैक्षणिक और वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करती है।
  • लोगों के बीच संबंध: सांस्कृतिक और अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ाता है, भारत की सॉफ्ट पॉवर कूटनीति को बढ़ावा देता है।

समकालीन वैश्विक संदर्भ में क्वाड की प्रासंगिकता क्या है?

  • क्वाड की निरंतर प्रासंगिकता
  • विविध एजेंडा: यह क्वाड सुरक्षा से परे स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढाँचे और जलवायु परिवर्तन जैसे विभिन्न मुद्दों पर ध्यान देता है, जो इसकी अनुकूलनशीलता और बहुआयामी दृष्टिकोण को दर्शाता है।
    • क्वाड कैंसर मूनशॉट, महामारी संबंधी तैयारी पहल और जलवायु अनुकूलन उपाय जैसे कार्यक्रम क्षेत्रीय स्थिरता में इसके व्यावहारिक योगदान को प्रदर्शित करते हैं।
  • संस्थागत सुदृढ़ीकरण: नियमित शिखर सम्मेलनों, मंत्रिस्तरीय संवादों ने क्वाड को संस्थागत रूप दिया है, जिससे इसकी स्थिरता और विकास की क्षमता सुनिश्चित हुई है।
    • जन-केंद्रित पहल: फैलोशिप, छात्रवृत्ति और लोगों के बीच संबंध क्वाड की सॉफ्ट पॉवर को सुदृढ़ करते हैं और क्षेत्र में विश्वास का निर्माण करते हैं।
  • क्वाड की प्रासंगिकता के लिये चुनौतियाँ:
  • औपचारिक संरचना का अभाव: क्वाड में सचिवालय या स्थायी निर्णय लेने वाली संस्था का अभाव है, जिससे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वित कार्रवाई और आम सहमति सीमित हो जाती है, जिससे वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की इसकी क्षमता बाधित होती है।
    • अलग-अलग प्राथमिकताएँ: क्वाड के सदस्यों के राष्ट्रीय हित भिन्न हैं। उदाहरण के लिये भारत की गुटनिरपेक्ष नीति और औपचारिक सैन्य गठबंधनों में शामिल होने की अनिच्छा समूह की रणनीतिक एकजुटता को सीमित कर सकती है।
    • सुरक्षा बनाम विकास: अमेरिका और जापान चीन का मुकाबला करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
    • भारत और ऑस्ट्रेलिया मुख्य रूप से विकासोन्मुख लक्ष्यों पर ज़ोर देते हैं, जिसके कारण उनके दृष्टिकोण भिन्न-भिन्न हैं।
  • चीन का बढ़ता प्रभाव: क्वाड प्रयासों के बावज़ूद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, विशेष रूप से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और प्रशांत द्वीप देशों में निवेश के माध्यम से।
  • संसाधन संबंधी बाधाएँ: विभिन्न क्वाड पहलों के लिये पर्याप्त वित्तपोषण और संस्थागत समर्थन की आवश्यकता होती है। 
  • विलंब या अपर्याप्त संसाधन आवंटन इनके कार्यान्वयन और प्रभाव में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

  • अन्य समूहों के साथ समावेश: क्वाड के उद्देश्य प्रायः अन्य बहुपक्षीय मंचों जैसे आसियान, ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस (AUKUS), और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) के साथ ओवरलैप होते हैं, जिससे इनके दृष्टिकोण में कमी और कमज़ोरियाँ देखने को मिलती हैं।

आगे की राह

  • संस्थागतकरण: कार्यकुशलता और जवाबदेही में सुधार हेतु निर्णय लेने तथा कार्यान्वयन के लिये तंत्र को औपचारिक बनाना।
    • आसियान जैसे क्षेत्रीय संगठनों के साथ संबंधों को मज़बूत करना अर्थात् प्रतिस्पर्द्धात्मक तो नहीं लेकिन पूरक प्रयास सुनिश्चित करना।
    • क्वाड प्लस: दक्षिण कोरिया, न्यूज़ीलैंड, वियतनाम, आसियान और अन्य क्षेत्रों को शामिल करने के लिये क्वाड का विस्तार करने से समावेशिता बढ़ेगी। 
      • जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा और आपदा लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ संस्थागत तंत्र को मज़बूत करने से क्षेत्रीय समर्थन और प्रभावशीलता को बढ़ावा मिलेगा।
  • उन्नत संसाधन प्रतिबद्धता: दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिये बुनियादी ढाँचे, डिजिटल कनेक्टिविटी और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं जैसी पहलों के लिये मज़बूत वित्तपोषण सुनिश्चित करना।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: भारत के लिये क्वाड के रणनीतिक महत्त्व पर चर्चा कीजिये। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने में किस प्रकार सहायक है?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न   

मेन्स

प्रश्न. भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना नई त्रि-राष्ट्र साझेदारी AUKUS का उद्देश्य है। क्या यह इस क्षेत्र में मौज़ूदा साझेदारी का स्थान लेने जा रहा है? वर्तमान परिदृश्य में AUKUS की शक्ति और प्रभाव की विवेचना कीजिये। (वर्ष 2021)

प्रश्न. ‘चतुर्भुजीय सुरक्षा संवाद (क्वाड)’ वर्तमान समय में स्वयं को सैन्य गठबंधन से एक व्यापारिक गुट में रूपांतरित कर रहा है - विवेचना कीजिये। (वर्ष 2020)

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