प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना | 12 Aug 2021
प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, आत्मनिर्भर भारत अभियान, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, ऑपरेशन ग्रीन्स मेन्स के लिये:खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के संबंध में कुछ जानकारी साझा की है।
- इससे पहले MoFPI ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’ (Pradhan Mantri Formalisation of Micro food processing Enterprises- PMFME) की शुरुआत की थी।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के प्रमुख उप-खंड हैं- डेयरी, फल और सब्जियाँ, पोल्ट्री एवं मांस प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, खाद्य खुदरा आदि।
प्रमुख बिंदु:
संदर्भ:
- वर्ष 2016 में MoFPI ने "कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण समूहों का विकास" या संपदा (SAMPADA) नामक एक अम्ब्रेला योजना शुरू की थी, जिसे वर्ष 2016-20 की अवधि के लिये 6,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ लागू करने का प्रस्ताव था।
- वर्ष 2017 में सरकार ने संपदा योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) कर दिया।
- यह एक केंद्रीय क्षेत्रक अम्ब्रेला स्कीम है।
उद्देश्य:
- कृषि के पूरक हेतु।
- प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता निर्माण के लिये।
- प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने की दृष्टि से मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकीकरण और विस्तार करना।
- अपव्यय में कमी हेतु अग्रणी मूल्य जोड़ने के लिये।
घटक:
- मेगा फूड पार्क
- एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्द्धन अवसंरचना
- कृषि-प्रसंस्करण समूहों के लिये अवसंरचना
- बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का निर्माण
- खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण/विस्तार
- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना
- मानव संसाधन संस्थान
- ऑपरेशन ग्रीन्स
सहायता अनुदान:
- MoFPI खाद्य प्रसंस्करण/संरक्षण उद्योगों की स्थापना के लिये उद्यमियों को सहायता अनुदान के रूप में अधिकतर क्रेडिट लिंक्ड वित्तीय सहायता (पूंजीगत सब्सिडी) प्रदान करता है।
- देश में आधारिक संरचना, रसद परियोजनाओं और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये विभिन्न योजनाओं के तहत निवेशकों को पात्र परियोजना लागत के 35% से 75% तक की अधिकतम निर्दिष्ट सीमा के अधीन सहायता अनुदान प्रदान किया जाता है।
लाभ:
- PMKSY की घटक योजनाओं के तहत देश भर में स्वीकृत परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 34 लाख किसानों को लाभ प्राप्त होने का अनुमान है।
- एक मूल्यांकन अध्ययन में नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) ने वर्ष 2020 में अनुमान लगाया कि इस योजना के तहत कैप्टिव परियोजनाओं के परिणामस्वरूप फार्म-गेट की कीमतों में 12.38% की वृद्धि हुई है और प्रत्येक परियोजना से 9500 से अधिक किसानों को लाभ होने का अनुमान है।
अन्य संबंधित पहलें
- 100% FDI:
- खाद्य उत्पादों के विनिर्माण में स्वचालित मार्ग (Automatic Route) के माध्यम से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) तथा भारत में उत्पादित और/या निर्मित खाद्य उत्पादों के संबंध में ई-कॉमर्स के माध्यम से खुदरा व्यापार करने के लिये सरकार से अनुमोदन के तहत 100% FDI की अनुमति दी गई है।
- खाद्य प्रसंस्करण कोष:
- खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं को सस्ते ऋण प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development- NABARD) के साथ मिलकर 2000 करोड़ रुपए का एक विशेष कोष बनाया गया है।
- PSL के तहत वर्गीकरण:
- खाद्य एवं कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाइयों और कोल्ड चेन अवसंरचना को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending- PSL) के लिये कृषि गतिविधि के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- राजकोषीय उपाय:
- नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिये लाभ पर आयकर में 100% छूट जैसे राजकोषीय उपायों, FPO द्वारा 100 करोड़ रुपए के वार्षिक टर्नओवर से प्राप्त लाभ से 100 प्रतिशत आयकर छूट को कृषि के बाद फसल मूल्य संवर्द्धन जैसी गतिविधियों के लिये अनुमति दी गई है।
- कम GST:
- अधिकांश खाद्य उत्पादों के लिये कम वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरें तय की गई हैं।
- ऑपरेशन ग्रीन्स:
- कृषक उत्पादक संगठनों (FPO), कृषि-लॉजिस्टिक्स, प्रसंस्करण सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिये 500 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ टमाटर, प्याज और आलू (TOP) फसल मूल्य शृंखला के एकीकृत विकास हेतु एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना "ऑपरेशन ग्रीन्स" शुरू की गई है।
- PM FME:
- मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिये वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने हेतु अखिल भारतीय केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PM FME योजना) का औपचारिककरण।
- PLI योजना:
- केंद्रीय क्षेत्र की यह योजना "खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLISFPI)" भारत के प्राकृतिक संसाधन बंदोबस्ती के अनुरूप वैश्विक खाद्य निर्माण का समर्थन करने और 10,900 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करने हेतु है।