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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पोर्ट्स ऑफ कॉल

  • 10 Dec 2019
  • 2 min read

प्रीलिम्स के लिये:

पोर्ट्स ऑफ कॉल

मेन्स के लिये:

भारत-बांग्लादेश तटीय नौपरिवहन समझौता

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा भारत और बांग्लादेश के बीच तटीय नौपरिवहन समझौते के अंतर्गत बांग्लादेश के मोंगला तथा चटगाँव बंदरगाह को ‘पोर्ट्स ऑफ कॉल’ (Ports of Call) घोषित किया गया है।

पोर्ट्स ऑफ कॉल के बारे में

पोर्ट्स ऑफ कॉल का आशय ऐसे बंदरगाह से है जिसका प्रयोग मालवाहक या यात्री (क्रूज) जहाज़ द्वारा सामान और यात्रियों को उतारने तथा चढ़ाने के लिये किया जाता है। ऐसे बंदरगाहों का प्रयोग जलपोतों द्वारा ईंधन की आपूर्ति के लिये भी किया जाता है।

मुख्य बिंदु:

  • केंद्रीय पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा मोंगला बंदरगाह को अंतर्देशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल (Protocol on Inland Water Transit and Trade- PIWT&T) के तहत ‘पोर्ट ऑफ कॉल’ घोषित किया गया है परंतु चटगाँव बंदरगाह को PIWT&T के अंतर्गत पोर्ट ऑफ कॉल घोषित नहीं किया गया है।
  • भारत और बांग्लादेश द्वारा सामान लाने और ले जाने के लिये मोंगला तथा चटगाँव बंदरगाह के उपयोग पर एक समझौता ज्ञापन तथा मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure- SOP) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

भारत और बांग्लादेश में वर्तमान में स्थित पोर्ट ऑफ कॉल:

  • भारत और बांग्लादेश में वर्तमान में अंतर्देशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल के अंतर्गत निम्न बंदरगाह ‘पोर्ट ऑफ कॉल’ के रूप में शामिल हैं-
भारत बांग्लादेश
  • कोलकाता
  • हल्दिया
  • पांडू
  • करीमगंज
  • सिलघट
  • धुबरी
  • नारायणगंज
  • खुलना
  • मोंगला
  • सिराजगंज
  • आशूगंज
  • पनगाँव

स्रोत- पीआईबी

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