लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

भूगोल

राष्ट्रीय जलमार्ग-2

  • 05 Nov 2019
  • 11 min read

प्रीलिम्स के लिये:

भारत में राष्ट्रीय जल मार्ग, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण

मुख्य परीक्षा के लिये:

भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार तथा इस संदर्भ में राष्ट्रीय जलमार्ग-2 का महत्त्व, भारत तथा बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार संबंधी नयाचार

चर्चा में क्यों?

4 नवंबर, 2019 को पहले कंटेनर कार्गो की खेप हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स (Haldia Dock Complex-HDC) से देश के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterways Authority of India-IWAI) टर्मिनल के लिये गुवाहाटी के पांडु में रवाना हुई।

प्रमुख बिंदु

  • 12-15 दिनों की यह समुद्री यात्रा राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (गंगा नदी), राष्ट्रीय जलमार्ग-97 (सुंदरबन), भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (Indo-Bangladesh Protocol-IBP) मार्ग और राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) के रास्ते एक एकीकृत आईडब्ल्यूटी आवाजाही होगी।
  • इस अंतर्देशीय जल परिवहन (Inland Water Transport-IWT) मार्ग पर यह पहला कंटेनरीकृत कार्गो आवाजाही है।
  • इस 1425 किलोमीटर लंबी आवाजाही से इन विविध जलमार्गों का उपयोग करके IWT मोड की तकनीकी और वाणिज्यिक व्यवहार्यता स्थापित किये जाने की उम्मीद है, साथ ही इस भू-भाग पर अग्रगामी आवाजाहियों की एक श्रृंखला की योजना भी बनाई गई है।
  • इस नवीनतम IWT आवाजाही का उद्देश्य कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन के लिये एक वैकल्पिक मार्ग खोलने के द्वारा उत्तर पूर्व क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा प्रदान करना है।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर IWT द्वारा जल मार्ग विकास परियोजना के तहत गंगा की नेविगेशन क्षमता में संवर्धन में अच्छी वृद्धि देखी गई है
  • राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर यातायात 2017-18 के 5.48 मिलियन टन से बढ़कर 2018-19 में 6.79 मिलियन टन तक पहुँच गया है।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर 6.79 मिलियन टन के कुल ट्रैफ़िक में से, लगभग 3.15 मिलियन टन भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल (IBP) मार्गों का उपयोग करके भारत और बांग्लादेश के बीच एक्जिम व्यापार है।

National Highway

राष्ट्रीय जलमार्ग 2

  • 1988 में धुबरी से सदिया तक 891 किमी. तक को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-2 घोषित किया गया। धुबरी ब्रह्मपुत्र नदी पर पहला बड़ा टर्मिनल है।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम (National Waterways Act), 2016 के लागू होने के साथ देश में राष्ट्रीय जलमार्गों की कुल संख्या 111 हो गई हैं। परंतु अभी भी इस संबंध में घाटों के निर्माण, टर्मिनल और नेविगेशन चैनलों जैसी बुनियादी ढाँचागत सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग-2 में पांडु बंदरगाह सबसे बड़ा एवं सबसे महत्त्वपूर्ण बंदरगाह है।

भारत के अन्य 3 प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्ग

  • राष्‍ट्रीय जलमार्ग संख्‍या 1: इलाहाबाद-हल्दिया जलमार्ग को भारत में राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 का दर्जा दिया गया है। यह जलमार्ग गंगा-भागीरथी-हुगली नदी तंत्र में स्थित है। इस जलमार्ग पर स्थित प्रमुख शहर इलाहाबाद, वाराणसी, मुगलसराय, बक्सर, आरा, पटना, मोकामा, बाढ, मुंगेर, भागलपुर, फरक्का, कोलकाता तथा हल्दिया है।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 3: उद्योग मंडल और चंपकारा नहर के साथ पश्चिमी समुद्रतट नहर (कोट्टापुरम से कोल्‍लम) के बीच स्थित है।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 4: गोदावरी और कृष्‍णा नदी से लगा काकीनदा-पुद्दुचेरी नहर (1078 किलो मीटर) को 2008 में राष्‍ट्रीय जलमार्ग- 4 घोषित किया गया है।

सक्षम जल- परिवहन के आवश्यक तत्त्व

  • पर्याप्त गहराई व चौड़ाई वाला जलमार्ग।
  • चौबीस घंटे नौवहन लायक सुविधाएँ।
  • सभी साजोसमान से लैस टर्मिनल।
  • पर्याप्त संख्या में उच्च क्षमता वाले जलयान।

जल-परिवहन के समक्ष प्रमुख चुनौती

  • नदियों में भारी गाद भरना तथा वर्ष भर जल की समुचित मात्रा का आभाव।
  • माल परिवहन के लिये जलयानों की भारी कमीं।
  • फेयरवे बेहतर बनाने के लिये उचित टर्मिनल और रैंपों का आभाव।
  • टर्मिनलों पर मकैनिकल हैंडलिंग का आभाव।

भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन एवं व्यापार

(Protocol on Inland Water Transit and Trade-PIWTT)

  • भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार (PIWTT) पर नयाचार दोनों देशों के पोतों द्वारा दोनों देशों के बीच माल की आवाजाही हेतु अपने जलमार्ग के उपयोग के लिये पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था की अनुमति देता है।
  • IBP मार्ग राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर कोलकाता (भारत) से राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (नदी ब्रह्मपुत्र) पर सिलघाट (असम) और करीमगंज (असम) पर राष्ट्रीय जलमार्ग-16 (बराक नदी) पर फैला हुआ है।
  • बांग्लादेश के अंतर्देशीय जलमार्गों के IBP मार्ग पर दो भू-भागों नामत: सिराजगंज-दाइखवा और आशूगंज-जाकिगंज मार्ग का विकास कुल 305.84 करोड़ रुपए की लागत से 80:20 लागत साझाकरण के आधार पर (भारत द्वारा 80% और बांग्लादेश द्वारा 20% वहन किया जा रहा है) किया जा रहा है।
  • इन दोनों खंडों के विकास से IBP मार्ग के रास्ते जलमार्ग के जरिये उत्तर पूर्व भारत को निर्बाध नेविगेशन प्रदान किये जाने की उम्मीद है। अपेक्षित गहराई हासिल करने और बनाए रखने के लिये दो हिस्सों पर ड्रेजिंग के अनुबंध दिए गए हैं।

उपरोक्त के अलावा, भारत और बांग्लादेश ने हाल के दिनों में जलमार्गों के उपयोग को बढ़ाने के लिये बड़े कदम उठाए हैं। इनमें भारत में कोलाघाट में PIWTT, धुलियान, माया, सोनमुरा और बांग्लादेश में चिलमारी, राजशाही, सुल्तानगंज, दौखंडी में अतिरिक्त पोर्ट ऑफ कॉल की घोषणा पर समझौता शामिल है।

दोनों देशों ने निम्नलिखित पर भी सहमत जताई:

  1. करीमगंज (असम, भारत) के विस्तारित पोर्ट ऑफ कॉल के रूप में बदरपुर और बांग्लादेश में आशूगंज का घोरासल
  2. कोलकाता, भारत के विस्तारित पोर्ट ऑफ कॉल के रूप में ट्रिबेनी और बांग्लादेश में पनगाँव का मुक्तारपुर
  3. प्रोटोकॉल रूट नंबर 5 और 6 यानी राजशाही-गोडागरी-धुलियान को अरिचा (बांग्लादेश) तक विस्तारित किया जाएगा।
  4. नये रूट नम्बर 9 और 10 के रूप में गुमटी नदी पर दाउदखंडी-सोनमुरा खंड का समावेश।

बांग्लादेश में चटगाँव और मोंगला बंदरगाहों के ज़रिये भारत से माल की आवाजाही को सुगम बनाने के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure-SOP) पर दोनों देशों द्वारा 5 अक्तूबर, 2019 को हस्ताक्षर किये गए हैं। इन दोनों बंदरगाहों की निकटता से संभारतंत्र लागत में कमी आएगी और उत्तर पूर्व राज्यों की व्यापार प्रतिस्पर्द्धा में सुधार होगा।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण

(Inland Waterways Authority of India-IWAI)

  • अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास और विनियमन हेतु भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) की स्थापना 27 अक्तूबर, 1986 को की गई।
  • IWAI जहाज़रानी मंत्रालय (Ministry of Shipping) के अधीन एक सांविधिक निकाय है।
  • यह जहाज़रानी मंत्रालय से प्राप्त अनुदान के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्गो पर अंतर्देशीय जल परिवहन अवसंरचना के विकास और अनुरक्षण का कार्य करता है।
  • प्राधिकरण का मुख्यालय नोएडा (New Okhla Industrial Development Authority-NOIDA) में, क्षेत्रीय कार्यालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोची में तथा उप-कार्यालय प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद), वाराणसी, भागलपुर, रक्का और कोल्लम में हैं।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अनुसार अभी तक 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है।
  • वर्ष 2018 में IWAI ने कार्गो मालिकों एवं लॉजिस्टिक्स संचालकों को जोड़ने हेतु समर्पित पोर्टल ‘फोकल’ (Forum of Cargo Owners and Logistics Operators-FOCAL) लॉन्च किया था जो जहाज़ों की उपलब्धता के बारे में रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराता है।

स्रोत: PIB

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2