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भारत और बांग्लादेश : अंतर्देशीय और तटीय जलमार्ग समझौता

  • 27 Oct 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

25 अक्तूबर, 2018 को भारत और बांग्लादेश ने व्यापार के क्षेत्र और जहाज़ों के आवागमन के लिये दोनों देशों के बीच अंतर्देशीय तथा तटीय जलमार्ग संपर्क बढ़ाने के संबंध में कई महत्त्वपूर्ण समझौते किये हैं।

मुख्य बिंदु

  • दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत बांग्लादेश में चट्टोग्राम और मोन्गला गोदियों को भारत से आने वाले और भारत को भेजे जाने वाले सामान के आवागमन के लिये इस्तेमाल किया जाएगा।
  • इसके अलावा, यात्रियों के आने-जाने और नौवहन सेवाओं के लिये भी एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर हस्ताक्षर किये गए।
  • इस प्रक्रिया के लिये तटीय नौवहन मार्गों और अंतर्देशीय मार्गों को अंतिम रूप दे दिया गया है। ऐसी संभावना है कि जल्द ही कोलकाता-ढाका-गुवाहाटी-जोरहट के बीच नौवहन यात्राएँ शुरू की जाएंगी। 
  • साथ ही इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई है कि एक संयुक्त तकनीकी समिति अरिचा तक ढुलियान-राजशाही प्रोटोकॉल मार्ग के संचालन की तकनीकी व्यवहारिकता का अध्ययन करेगी।
  • इसके अलावा, भागीरथी नदी पर जांगीपुर नौवहन क्षेत्र को दोबारा खोलने पर भी विचार किया जाएगा, जो भारत और बांग्लादेश के बीच फरक्का में गंगा का पानी साझा करने संबंधी संधि के प्रावधानों के अनुरूप होगा।
  • दोनों पक्षों ने जोगीघोपा के विकास के प्रति भी सहमति व्यक्त की। इसके तहत जोगीघोपा को असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और भूटान के लिये सामान के आवागमन के संबंध में टर्मिनल के रूप में इस्तेमाल किया जाना है।

भारत के लिये बांग्लादेश का महत्त्व

बांग्लादेश भारत का महत्त्वपूर्ण पड़ोसी देश है एवं विभिन्न उतार-चढ़ाव भरे संबंधों के बावजूद अनेक कारणों से बांग्लादेश अपने निर्माण के समय से लेकर अब तक सदैव भारत के लिये प्रासंगिक रहा है, जो कि प्रमुख रूप से निम्नलिखित है:

  • बांग्लादेश की भौगोलिक अवस्थिति ऐसी है कि वह भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से मुख्य भूमि तक संपर्क मार्ग प्रदान कर ‘सिलीगुड़ी गलियारे’ पर भारत की निर्भरता को कम कर सकता है।
  • भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ को मूर्तरूप देने में बांग्लादेश की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
  • बांग्लादेश, भूटान, इंडिया व नेपाल मोटर वाहन समझौते (BBIN-MV) में जहाँ बांग्लादेश एक महत्त्वपूर्ण पक्ष है वहीं वह SAARC, BIMSTEC जैसे क्षेत्रीय सहयोग समझौतों में प्रमुख भागीदार है। अतः इस प्रकार क्षेत्रीय शांति एवं विकास को बढ़ावा देने में अहम सहयोगी है। वह दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव एवं कट्टरपंथी शक्तियों का मुकाबला करने में भारत का सहयोग कर सकता है।
  • ब्ल्यू इकॉनमी और मेरीटाइम डोमेन की सुरक्षा के लिहाज से भी बांग्लादेश भारत के लिये काफी महत्वपूर्ण है।
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