पोलियो | 23 Aug 2021

प्रिलिम्स के लिये

पोलियो वायरस, पोलियो उन्मूलन संबंधी उपाय

मेन्स के लिये

भारत में पोलियो की स्थिति और रोकथाम संबंधी उपाय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने वाइल्ड पोलियो वायरस के खिलाफ एक निवारक उपाय के रूप में अफगानिस्तान से लौटने वाले लोगों का मुफ्त में टीकाकरण करने का निर्णय लिया है।

  • अफगानिस्तान और पाकिस्तान दुनिया के केवल दो ऐसे देश हैं, जहाँ पोलियो अभी भी स्थानिक है।

प्रमुख बिंदु

पोलियो

  • पोलियो अपंगता का कारक और एक संभावित घातक वायरल संक्रामक रोग है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
  • प्रतिरक्षात्मक रूप से मुख्यतः तीन अलग-अलग पोलियो वायरस उपभेद हैं:
    • वाइल्ड पोलियो वायरस 1 (WPV1)
    • वाइल्ड पोलियो वायरस 2 (WPV2)
    • वाइल्ड पोलियो वायरस 3 (WPV3)
  • लक्षणात्मक रूप से तीनों उपभेद समान होते हैं और पक्षाघात तथा मृत्यु का कारण बन सकते हैं। हालाँकि इनमें आनुवंशिक और वायरोलॉजिकल अंतर पाया जाता है, जो इन तीन उपभेदों के  अलग-अलग वायरस बनाते हैं, जिन्हें प्रत्येक को व्यक्तिगत रूप से समाप्त किया जाना आवश्यक होता है।

प्रसार

  • यह वायरस मुख्य रूप से ‘मलाशय-मुख मार्ग’ (Faecal-Oral Route) के माध्यम से या दूषित पानी या भोजन के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रेषित होता है।
  • यह मुख्यतः 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। आंत में वायरस की संख्या में बढ़ोतरी होती, जहाँ से यह तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण कर सकता है और पक्षाघात का कारण बन सकता है।

लक्षण:

  • पोलियो से पीड़ित अधिकांश लोग बीमार महसूस नहीं करते हैं। कुछ लोगों में केवल मामूली लक्षण पाए जाते हैं, जैसे- बुखार, थकान, जी मिचलाना, सिरदर्द, हाथ-पैर में दर्द आदि।
  • दुर्लभ मामलों में पोलियो संक्रमण के कारण मांसपेशियों के कार्य का स्थायी नुकसान (पक्षाघात) होता है।
  • यदि साँस लेने के लिये उपयोग की जाने वाली मांसपेशियाँ लकवाग्रस्त हो जाएं या मस्तिष्क में कोई संक्रमण हो जाए तो पोलियो घातक हो सकता है।

रोकथाम और इलाज:

  • इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है।

टीकाकरण:

हाल के प्रकोप:

  • वर्ष 2019 में पोलियो का प्रकोप फिलीपींस, मलेशिया, घाना, म्याँमार, चीन, कैमरून, इंडोनेशिया और ईरान में दर्ज किया गया था, जो ज़्यादातर वैक्सीन-व्युत्पन्न थे, जिसमें वायरस का एक दुर्लभ स्ट्रेन आनुवंशिक रूप से वैक्सीन में स्ट्रेन से उत्परिवर्तित होता था।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यदि वायरस को उत्सर्जित किया जाता है और कम-से-कम 12 महीनों के लिये एक अप्रतिरक्षित या कम-प्रतिरक्षित आबादी में प्रसारित होने दिया जाता है तो यह यह संक्रमण का कारण बन सकता है।

भारत और पोलियो:

  • तीन वर्ष के दौरान शून्य मामलों के बाद भारत को वर्ष 2014 में WHO द्वारा पोलियो-मुक्त प्रमाणन प्राप्त हुआ।
    • यह उपलब्धि उस सफल पल्स पोलियो अभियान से प्रेरित है जिसमें सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई थी।
    • देश में वाइल्ड पोलियो वायरस के कारण अंतिम मामला 13 जनवरी, 2011 को पता चला था।

पोलियो उन्मूलन उपाय

वैश्विक:

  • वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल: 
    • इसे वर्ष 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) के तहत राष्ट्रीय सरकारों और WHO द्वारा शुरू किया गया था। वर्तमान में विश्व की 80% आबादी पोलियो मुक्त क्षेत्रों में रह रही है।
      • पोलियो टीकाकरण गतिविधियों के दौरान विटामिन ए के व्यवस्थित प्रबंधन के माध्यम से अनुमानित 1.5 मिलियन नवजातों की मौतों को रोका गया है।
  • विश्व पोलियो दिवस:
    • यह प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को मनाया जाता है ताकि देशों को बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में सतर्क रहने का आह्वान किया जा सके।

भारत:

  • पल्स पोलियो कार्यक्रम:
    • इसे ओरल पोलियो वैक्सीन के अंतर्गत शत्-प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
  • सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0:
    • यह पल्स पोलियो कार्यक्रम (वर्ष 2019-20) के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान था।
  • सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम:
    • इसे वर्ष 1985 में 'प्रतिरक्षण के विस्तारित कार्यक्रम’ (Expanded Programme of Immunization) में संशोधन के साथ शुरू किया गया था।
    • इस कार्यक्रम के उद्देश्यों में टीकाकरण कवरेज में तेज़ी से वृद्धि, सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर एक विश्वसनीय कोल्ड चेन सिस्टम की स्थापना, वैक्सीन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना आदि शामिल हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस